साँचा:आज का आलेख १३ अप्रैल २०१०
महाभारत हिन्दुओं का स्मृति वर्ग में एक प्रमुख काव्य ग्रंथ है। कभी कभी केवल "भारत" कहा जाने वाला यह काव्यग्रंथ भारत का अनुपम धार्मिक, पौराणिक, ऐतिहासिक और दार्शनिक ग्रंथ है। विश्व का सबसे लंबा साहित्यिक ग्रंथ और महाकाव्य यह हिन्दू धर्म के मुख्यतम ग्रंथों में से एक है। हालाँकि इसे साहित्य की सबसे अनुपम कॄतियों में से एक माना जाता है किन्तु आज भी यह प्रत्येक भारतीय के लिये एक अनुकरणीय स्रोत है। यह कृति हिन्दुओं के इतिहास की १,१०,००० श्लोकों में लिखी गाथा है। इसी में भगवद्गीता सन्निहित है। काव्य के रचियता वेद व्यास जी ने इसमे सम्पूर्ण वेदों के गुप्ततम रहस्य, उनके अंगो एवं उपनिषदो का विस्तार से निरुपण किया है, इसमे न्याय, शिक्षा, चिकित्सा, ज्योतिष और खगोलविद्या, युद्ध कला, योग, अर्थशास्त्र, कामशास्त्र और धर्मशास्त्र का विस्तार से वर्णन किया गया है। जब देवताओ ने तराजू के एक पासे में चारो "वेदो" को रखा और दूसरे पर "भारत ग्रंथ" को रखा, तो "भारत" वेदो की तुलना मे अधिक भारी सिद्ध हुआ, ग्रन्थ की इस महता (महानता) को देखकर देवताओ ने इसे "महाभारत" नाम दिया विस्तार में...