सातारा
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सातारा भारत के महाराष्ट्र प्रान्त का एक शहर है। सतारा, बम्बई प्रेसीडेन्सी (वर्तमान महाराष्ट्र) का एक नगर, पहले यह राज्य (रियासत) भी था। सतारा शाहूजी के वंशजों की राजधानी रहा। यद्यपि मराठा राज्य की सत्ता पेशवाओं के हाथों में जाने के फलस्वरूप यह उनके अधीन था।
सातारा | |||||||
— शहर — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | ![]() | ||||||
राज्य | महाराष्ट्र | ||||||
महापौर | डॉक्टर अच्युत गोडबोले | ||||||
सांसद | |||||||
जनसंख्या • घनत्व |
२,७९६,९०६ (२००१ के अनुसार [update]) • २६७ | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
१०,४८४ कि.मी² • ७४२ मीटर | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: satara.nic.in |
निर्देशांक: 17°41′29″N 74°00′03″E / 17.69139°N 74.00092°E
भूगोलसंपादित करें
भारत में डिजल इंजन बनाने का पहला कारखाना सतारा में 1932 में खोला गया है.
इतिहाससंपादित करें
1818 ई. में पेशवा बाजीराव द्वितीय की पराजय के उपरान्त अंग्रेज़ों ने इसे पुन:आश्रित राज्य बना दिया। 1848 ई. में गोद प्रथा की समाप्ति का सिद्धान्त लागू किये जाने के फलस्वरूप इसे अंग्रेज़ों के भारतीय साम्राज्य में मिला लिया गया।
प्रसिद्ध व्यक्ति-
१ उदयनराजे भोसले २ शिवेन्द्रराजे भोसले ३ नरेंद्र दाभोलकर
जनसांख्यिकीसंपादित करें
== यातायात =रेल्वे और बस मार्ग है।
आदर्श स्थलसंपादित करें
साँचा:विस्तार'''कास पठार- विविध रंगो के और आकार के फूल देखने के लिए मौसम में पर्यटकों की भीड़ यहाँ रहती है।कास पठार को विश्व धरोहर के रूप में प्रसिद्धी मिली है। कास पठारा के रस्ते पर घूमने के लिए सायकल की सशुल्क व्यवस्था है। कास पठार पर घाटात देवी, कास तालाब, वजराई झरना, शिवसागर जलाशय आदि प्रसिद्ध जगह है। ठोसेघर- यह मनमोहक जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है। महाबलेश्वर-यह ठंडी हवा का स्थान है।बारिश का मौसम जून से सितंबर ये महीनें छोड़कर बाकी महीनों में पर्यटक यहाँ के ठंडे, खुशनुमा मौसम का मजा लेने आते हैं और वेण्णा लेक में बोटिंग का आनंद लेते हैं।पर्यटक बड़ी संख्या में टेबल लेंड पर घुड़सवारी भी करते हैं। अजिंक्यतारा- सातारा में अजिंक्यतारा यह किला ११ वी सदी में राजा भोज द्वितीय ने बनाया है। सज्जगड- रामदास स्वामी की यहाँ समाधी है। १२ उरमोडी बाँध- १३ जरेन्डेश्वर-यहाँ हनुमान मंदिर है वहाँ जाने के लिए तीन रस्ते है एक तरफ से सीढ़ियों के द्वारा चढ़कर जा सकते हैं। ट्रेकिंग के लिए एक अच्छा स्थान है। १४ औंध-यहाँ का संग्रहालय और यमाईदेवी का मंदिर प्रसिद्ध है। १५ शिखर शिंगणापूर-महाराष्ट्र के कुल देवता शंभू महादेव का मंदिर प्रसिद्ध है।पास में ही गुप्त लिंग है। बारिश के मौसम में यहाँ का नजारा देखने दूर-दूर से पर्यटक अाते है। १६ पाचगणी- यहाँ टेबललेंड प्रसिद्ध है जहाँ फिल्म की शूटिंग होती है। यहाँ एक निवासी पाठशाला भी है। १७ वाई- यहाँ महागणपती का मंदिर प्रसिद्ध है। १८ भिलार-यह गाँव 'किताबों का गाँव' नाम से पहचाना जाता है।यहाँ आने वाले प्रत्येक वाचन प्रेमी को गाँव के प्रत्येक घर में एक कमरा बैठकर पढ़नेवालों के लिए रखा गया है। विविध विषयों पर यहाँ किताबें उपलब्ध है। १९प्रतापगड-शिवाजी महाराज ने यहाँ अफजलखान का वध किया था। २० मेनवली-नाना फडणवीस का महल प्रसिद्ध है। २१ मायनी-पक्षी अभ्यारण्य है। २२ नागनाथवाडी- नागनाथ मंदिर प्रसिद्ध है। २३ मांढरदेवी - देवी का मंदिर प्रसिद्ध है। खाद्य पदार्थ- सातारा के कंदी नामक पेढे, सुपेकरवढ, चिरोटे प्रसिद्ध है।