सुप्रभातम्
सुप्रभातम् जो शुभ और प्रभात शब्दों के मेल से बना है, सुप्रभातकाव्य शैली का एक संस्कृत कविता है। यह छंदों का एक संग्रह है जिसे हिन्दू धर्म में सवेरे-सवेरे देवता को जगाने के लिए सुनाया जाता है।
सबसे प्रसिद्ध सुप्रभातम् कृति वेंकटेश सुप्रभातम् है, जिसे तिरुपति में वेंकटेश भगवन को जगाने के लिए सुनाया जाता है। इसके अलावा आप शुभ प्रभात का उपयोग अपने मित्र गण आदि को सुबह की नमस्ते बोलने के लिए कर सकते हैं। यदि आप सोशल मीडिया का उपयोग करते हैं तो आप अपने मित्रगण आदि को शुभ प्रभात शायरी भेजकर दिन की शुरुआत कर सकते हैं।
उदाहरण:
मत हार हौसला जिंदगी से ऐ मुसाफ़िर,
अगर दर्द यहां मिला है तो दवा भी यहीं मिलेगी। (सुप्रभात )[1]
वेंकटेश्वर सुप्रभातम्
संपादित करेंवेंकटेशसुप्रभातम् की रचना लगभग 1430 ई में श्री अनन्ताचार्य ने की थी।[1]
अन्य सुप्राभातम्
संपादित करें- श्रीविघ्नेश्वरसुप्राभातम्
- श्रीसिद्धिविनायकसुप्राभातम्
- श्रीकाशीविश्वनाथसुप्राभातम्
- श्रीसीतारामसुप्राभातम्
बाहरी कड़ियाँ
संपादित करें- एम॰ एस॰ सुब्बुलक्ष्मी द्वारा गाया गया सुप्रभातम्
- [श्रीवेंकटेशसुप्रभातम्
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- ↑ Balaji, Anand (February 27, 2004), "Venkatesha Suprabhatam" Translations, मूल से 12 अगस्त 2011 को पुरालेखित, अभिगमन तिथि May 7, 2011