सूफियान कासमी एक भारतीय मुस्लिम विद्वान है।[1] वह देवबंद के दारुल उलूम वक्फ में शिक्षक है।[2]

मुहम्मद सुफियान कासमी का जन्म 26 सितंबर 1954 को नानौता के सिद्दीकी परिवार में हुआ था।[3] उनके पिता मुहम्मद सलीम कासमी दारुल उलूम वक्फ, देवबंद के भूतपूर्व परिचालक थे, जबकि उनके दादा मुहम्मद तैयब कासमी लगभग आधी सदी तक दारुल उलूम देवबंद के उपाध्यक्ष रहे।[4][5]

कासमी ने 1975 में दारुल उलूम देवबंद से पारंपरिक दर्स-ए-निज़ामी में स्नातक किया।[6] उन्होंने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) से निजी तौर पर इंटरमीडिएट की पढ़ाई की। उन्होंने एएमयू से निजी तौर पर बीए और एमए की डिग्री प्राप्त की और अल-अजहर विश्वविद्यालय से इस्लामी धर्मशास्त्र में एमए किया।[7]

कासमी ने 1983 में दारुल उलूम वक्फ में पढ़ाना शुरू किया। उन्होंने हदीस की किताबें जैसे सही बुखारी और तिरमीजी के साथ-साथ दर्स-ए-निजामी की अन्य प्राथमिक किताबों भी पढ़ाया है।[8][9] उन्होंने 12 वर्षों तक उपाध्यक्ष के रूप में मदरसा की सेवा की,[3] और 3 सितंबर 2014 को उन्हें अध्यक्ष नियुक्त किया गया।[10] वह 2007 से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की कार्यकारी परिषद के सदस्य भी हैं।[8]

ज्ञान पर परिप्रेक्ष्य

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कासमी का मत है कि ज्ञान एक इकाई है और इसे इस्लामी और गैर-इस्लामी के रूप में विभाजित करना गलत है। उनका तर्क है कि इस्लाम में, ज्ञान को लाभदायक (نافع) और गैर-लाभकारी (غیر نافع) के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।[9]

  1. "Famous Islamic Scholar Muhammad Sufyan Qasmi to speak in Birmingham". Daily Jang. 24 January 2020. अभिगमन तिथि 24 May 2020.
  2. "A Condolence Meet of Hazrat Maulana Salim Qasmi and Mufti Abdullah Kapodri". Baseerat Online. मूल से 10 अप्रैल 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 May 2020.
  3. "Maulana Mohammad Sufyan Qasmi, The Rector, Jamia Islamia Darul Uloom Waqf, Deoband". dud.edu.in. अभिगमन तिथि 2 June 2019.
  4. "Deoband rector Maulana Salim Qasmi no more". Rising Kashmir. मूल से 24 जुलाई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 June 2019.
  5. Rizwi, Syed Mehboob. Tarikh Darul Uloom Deoband [History of the Dar al-Ulum Deoband]. 2. Murtaz Husain F Quraishi द्वारा अनूदित (1980 संस्करण). Deoband: Darul Uloom Deoband. पृ॰ 175.
  6. Mahtab, Ahsan, संपा॰ (16–31 January 2017). "Urdu Ke Farogh Mai Ulama-e-Deoband Ka 150 Saala Kirdar" [150 year role of the scholars of Darul Uloom Deoband in the propagation of Urdu]. Fikr-e-Inqelab (Urdu में). All India Tanzeem Ulma-e-Haque Trust. 5 (112): 294-295.सीएस1 रखरखाव: तिथि प्रारूप (link) सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  7. Noor Alam Khalil Amini. Pas-e-Marg-e-Zindah (Urdu में). Deoband: Idara Ilm-o-Adab. पृ॰ 175.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  8. Mahtab, Ahsan, संपा॰ (16–31 January 2017). "Urdu Ke Farogh Mai Ulama-e-Deoband Ka 150 Saala Kirdar" [150 year role of the scholars of Darul Uloom Deoband in the propagation of Urdu]. Fikr-e-Inqelab (Urdu में). All India Tanzeem Ulma-e-Haque Trust. 5 (112): 294-295.सीएस1 रखरखाव: तिथि प्रारूप (link) सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  9. Noor Alam Khalil Amini. Pas-e-Marg-e-Zindah (Urdu में). Deoband: Idara Ilm-o-Adab. पृ॰ 175.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
  10. "Advisory Council constituted in Darul Uloom (Waqf), Deoband". The Milli Gazette. 30 September 2014. अभिगमन तिथि 24 May 2020.