अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
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अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय भारत के प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में से एक है जो उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में स्थित है।[1] अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक आवासीय शैक्षणिक संस्थान है। इसकी स्थापना 1920 में सर सैयद अहमद खान द्वारा की गई थी और 1921 में भारतीय संसद के एक अधिनियम के माध्यम से केन्द्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया।[2] कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय की तर्ज पर ब्रिटिश राज के समय बनाया गया पहला उच्च शिक्षण संस्थान था। मूलतः यह मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल काॅलेज था, जिसे महान मुस्लिम समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान द्वारा स्थापित किया गया था।[3] कई प्रमुख मुस्लिम नेताओं, उर्दू लेखकों और उपमहाद्वीप के विद्वानों ने विश्वविद्यालय से स्नातक की उपाधि प्राप्त कर रखी है।
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय | |
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आदर्श वाक्य: | {عَلَّمَ الْإِنْسانَ ما لَمْ يَعْلَم} (अरबी) ‘अल्लामल इन्साना मा लम य'आलम' आदमी को वो सिखाओ जो उसे नहीं आता। (कुरान 96:5) |
स्थापित | १८७५ (एमएओ कॉलेज के रूप में) १९२० (एएमयू के रूप में) |
प्रकार: | सार्वजनिक |
कुलाधिपति: | जस्टिस ए. एम. अहमदी |
कुलपति: | लेफ्टिनेंट जनरल जमीरुद्दीन शाह(पूर्व कुलपति), वर्तमान में तारिक मंसूर |
शिक्षक: | 2,000 |
विद्यार्थी संख्या: | 30,000 |
अवस्थिति: | अलीगढ़, उत्तर प्रदेश, भारत |
परिसर: | अलीगढ़ |
सम्बन्धन: | यूजीसी |
जालपृष्ठ: | [1] |
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में शिक्षा के पारंपरिक और आधुनिक शाखा में 250 से अधिक पाठ्यक्रम पढ़ाए जाते हैं। अपने समय के महान समाज सुधारक सर सैयद अहमद खान ने आधुनिक शिक्षा की आवश्यकता को महसूस किया और 1875 में एक स्कूल शुरू किया, जो बाद में मुस्लिम एंग्लो ओरिएंटल काॅलेज और अंततः 1920 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना। कई विभागों और स्थापित संस्थानों के साथ यह प्रमुख केन्द्रीय विश्वविद्यालय दुनिया के सभी कोनों से, विशेष रूप से अफ्रीका, पश्चिमी एशिया और दक्षिणी पूर्व एशिया के छात्रों को आकर्षित करता है। कुछ पाठ्यक्रमों में सार्क और राष्ट्रमंडल देशों के छात्रों के लिए सीटें आरक्षित हैं। विश्वविद्यालय सभी जाति, पंथ, धर्म या लिंग के छात्रों के लिए खुला है। अलीगढ़ दिल्ली के दक्षिण पूर्वी में 130 किमी दूरी पर दिल्ली-कोलकाता रेलवे और ग्रांड ट्रंक रूट की स्थित है।
हैदराबाद के सातवे निज़ाम- मीर उस्मान अली खान ने वर्ष 1951 में इस विश्वविद्यालय के प्रति 5 लाख रुपैये का दान दिया।[4]
एएमयू की लाइब्रेरी
संपादित करेंएएमयू की मौलान आजाद लाइब्रेरी में 13.50 लाख पुस्तको के साथ तमाम दुर्लभ पांडुलिपियां भी मौजूद है।
एएमयू के संग्रहालय में मुख्य वस्तुएँ तथा पांडुलिपियां।
- 1877 इस्वी में लाइब्रेरी की स्थापना।
- यह रखी इंडेक्स इस्लामिक्स की कीमत 12 लाख रुपये।
- फारसी पांडुलिपि का कैटलॉग।
- साढ़े चार लाख दुर्लभ पुस्तकें पांडुलिपिया व शोधपत्र ऑनलाइन।
- अकबर के दरबारी फैजी की फारसी में अनुवादित गीता।
- 400 साल पहले फारसी में अनुवादित महाभारत की पांडुलीपि।
- तमिल भाषा में लिखे भोजपत्र।
- 1400 साल पुरानी कुरान।
- मुगल शासकों के कुरान लिखे विशेष कुर्ते जिन्हे रक्षा कबज कहते हैं।
- सर सैयद की पुस्तकें व पांडुलिपिया।
- जहांगीर के पेंटर मंसूर नक्काश ती अद्भुत पेंटिग मौजूद है।
एएमयू का संग्रहालय
संपादित करेंएएमयू के मूसा डाकरी संग्रहालय में अनेक ऐतिहासिक महत्वपूर्ण वस्तुएँ तो हैं ही सर सैयद अहमद का 27 देव प्रतिभाओं का वह कलेक्शन भी है जिसे उन्होने अलग अलग स्थानों का भ्रमण कर जुटाया था। एएमयू के संग्रहालय में उपस्थित महत्वपूर्ण ऐतिहासिक धरोहर वस्तुएँ;
- महावीर जैन का स्तूप और स्तूप के चारों ओर आदिनाथ की 23 प्रतिमाएं है।
- सुनहरे पत्थर से बने पिलर में कंकरीट की सात देव प्रतिमाए।
- एटा व फतेहपुर सीकरी से खोजे गे बतर्न, पत्थर व लोहे के हथियार।
- शेष शैया पर लेटे भगवान विष्णु. कंकरीट के सूर्यदेव
- महाभारत काल की भी कई चीजे, डायनासोर के अवशेष
- वीमेंस कॉलेज का संस्थापक पापा मियां की ब्रिट्रिस काल की पॉइट्री।
- चित्रकार मकबूल फिदा हुसैन व उनके बेटे शमसाद की बनाई पेंटिंग्स।
- एएमयू के विक्टोरिया गेट से उतारी गई प्राचीन घड़ी।
- उदयपुर की जवार खान से मिली ढाई हजार साल पुरानी रिटार्ट।
विश्वविद्यालय के पुरस्कार प्राप्त व्यक्ति
संपादित करेंभारतरत्न
- डॉ0 जाकिर हुसैन (1963)
- खान अब्दुल गफ्फार खान (1983)
पद्मविभूषण
- डॉ0 जाकिर हुसैन (1954)
- हाफिज मुहम्मद इब्राहिम (1967)
- सैयद बसीर हुसैन जैदी (1976)
- प्रो. आवेद सिद्दीकी (2006)
- प्रो. राजा राव (2007)
- प्रो. एआर किदवई (2010)
पद्मभूषण
- शेख मोहम्मद अब्दुल्लाह (1964)
- प्रो. सैयद जुहूर कासिम (1982)
- प्रो. आले अहमद सुरुर (1985)
- नसीरुद्दीन शाह (2003)
- प्रो. इरफान हबीब (2005)
- कुर्रातुल एन हैदर (2005)
- जावेद अख्तर (2007)
- डॉ. अशोक सेठ (2014)
पद्मश्री
- विश्वविद्यालय के 53 महानुभावो को।
ज्ञानपीठ
- कुर्रतुलऐन हैदर (1989)
- अली सरदार जाफरी (1997)
- प्रो. शहरयार (2008)
भारतीय न्याय क्षेत्र में विश्वविद्यालय का योगदान
संपादित करेंसुप्रीम कोर्ट के जज
- जस्टिस बहारुल इस्लाम
- जस्टिस सैयद मुर्तजा फजल अली
- जस्टिस एस. सगहीर अहमद
- जस्टिस आरपी सेठी
हाईकोर्ट के जज
- एएमयू से हाईकोर्ट 47 जज
विश्वविद्यालय के प्रमुख व्यक्तित्व
संपादित करें- जाकिर हुसैन, भारत के भूतपूर्व राष्ट्रपति।
- लियाकत अली खान, पाकिस्तान के पहले प्रधानमंत्री।
- अली अशरफ फातमी, भारत सरकार में पूर्व मानव संसाधन राज्यमंत्री (२००४-२००९)।
- साहिब सिंह वर्मा, भाजपा नेता एवं दिल्ली के भूतपूर्व मुख्यमंत्री, केन्द्रीय श्रम मंत्री
- मोहम्मद हामिद अंसारी, भारत के भूतपूर्व उपराष्ट्रपति।
- ध्यानचंद, प्रमुख हॉकी खिलाड़ी।
- मुश्ताक अली, भारत के भूतपूर्व क्रिकेट खिलाड़ी एवं कप्तान
- लाला अमरनाथ, भूतपूर्व क्रिकेट खिलाड़ी मोहिंदर अमरनाथ के पिता
- इरफान हबीब, इतिहासकार
- ईश्वरी प्रसाद, इतिहासकार।
- पियारा सिंह गिल, भौतिकशास्त्री।
- के आसिफ, मुगले-आजम फिल्म के निर्देशक।
- नसीरुद्दीन शाह, फिल्म अभिनेता
- अनुभव सिन्हा, हिन्दी फिल्मों के निर्देशक
- दलीप ताहिल, फिल्म अभिनेता
- शाद खान, टी.वी. कलाकार
पत्रकार और लेखक
- आरफ़ा ख़ानम शेरवानी, पत्रकार, दी वायर
- बशारत पीर, कवि
- हसरत मोहानी, कवि
- जिब्रान उद्दीन, पत्रकार, ज़ी मीडिया
- असगर वजाहत, लेखक
- असरारुल हक़ मजाज़, कवि
- रोमाना ईसार खान, पत्रकार, एबीपी न्यूज़
- कैफी आजमी, उर्दू कवि'
- राही मासूम रजा, लेखक
- रवीन्द्र जैन, गीतकार, संगीतकार, गायक
- जलीस शेरवानी, शायर, गीतकार
- जावेद अख्तर, गीतकार एवं शायर।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी: ऑन बनाम ऑफ़ रिकॉर्ड में छिपी पूरी हक़ीक़त". मूल से 28 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 27 दिसंबर 2017.
- ↑ "क्या एएमयू की मुस्लिम पहचान ख़त्म हो जाएगी?". मूल से 24 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अगस्त 2018.
- ↑ "Aligarh Muslim University". Amu.ac.in. मूल से 1 September 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 July 2012.
- ↑ "Nizam gave funding for temples, and Hindu educational institutions" (अंग्रेज़ी में). २८ मई २०१३. मूल से 8 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 सितंबर 2018.