स्ट्रेप्टोकॉकल ग्रसनीशोथ

स्ट्रेप्टोकॉकल ग्रसनीशोथ या स्ट्रेप थ्रोट एक ऐसा रोग है जो एक ऐसे जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है जिसे “समूह ए स्ट्रेप्टोकॉकस”कहा जाता है।[1] स्ट्रेप थ्रोट गले तथा गलतुंडिका (टॉन्सिल)पर प्रभाव डालता है। गलतुंडिका (टॉन्सिल) गले में स्थित, दो ग्रंथियांहोती हैं जो मुँहके पीछे होती हैं। स्ट्रेप थ्रोट आवाज़ पैदा करने वाले (स्वर यंत्र) को भी प्रभावित कर सकता है। सामान्यलक्षणोंमें बुखार, गले में दर्द (जिसे ख़राश के साथ गले में दर्द की समस्या भी कहते हैं), तथासूजी हुई ग्रंथियां (लिम्फ नोड्स) जो गलेमें स्थित होती हैं, आदि शामिल हैं। स्ट्रेप थ्रोटबच्चोंके गले में होने वाली ख़राश तथा दर्द के कारणों का 37% होता है।[2]

Streptococcal pharyngitis
वर्गीकरण एवं बाह्य साधन
A culture positive case of streptococcal pharyngitis with typical pus on the tonsils in a 16 year old.
आईसीडी-१० J02.0
आईसीडी- 034.0
डिज़ीज़-डीबी 12507
मेडलाइन प्लस 000639
ईमेडिसिन med/1811 

स्ट्रेप थ्रोट किसी बीमार व्यक्ति से नज़दीकी संपर्क द्वारा फैलता है। किसी व्यक्ति में स्ट्रेप थ्रोट की पुष्टि करने के लिये, एक थ्रोट कल्चर कहे जाने वाले परीक्षण की आवश्यकता होती है। इस परीक्षण के बिना भी, स्ट्रेप थ्रोट की संभावित उपस्थिति को इसके लक्षणों से पहचाना जा सकता है।प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) स्ट्रेप थ्रोट से पीड़ित व्यक्ति को आराम पहुंचा सकती है। प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) वे दवाएं हैं जो जीवाणुओंको समाप्त करती हैं। ये मुख्य रूप से आमवात बुखार (रह्यूमेटिक फीवर) जैसी जटिलताओं की रोकथाम के लिये उपयोग की जाती हैं, न कि रोग की अवधि को कम करने के लिये।[3]

लक्षण तथा चिह्न संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट के सामान्य लक्षणों में शामिल है- गले में ख़राश तथा दर्द, 38°से.(100.4°फॉ.) से अधिक बुखार, गलतुंडिका (टॉन्सिल) पर पस (पीला या हरा द्रव्य, जो मृत बैक्टीरिया तथा श्वेत रक्त कणिकाओं से बनता है) तथा सूजे हुए लिम्फ नोड्स।[3]

कुछ अन्य लक्षण भी हो सकते हैं जैसे:

किसी बीमार व्यक्ति से संपर्क में आने के दो या तीन दिनों के बाद किसी व्यक्ति में स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण दिखने शुरु होते हैं।[3]

कारण संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट एक प्रकार के जीवाणु द्वारा उत्पन्न होता है, जिसे समूह ए बीटा-लीमोलिटिक स्ट्रेप्टोकॉकस (जीएएस) कहते हैं।[6]अन्य जीवाणु या विषाणु भी गले में ख़राश या दर्द का कारण हो सकते हैं।[3][5] किसी बीमार व्यक्ति से प्रत्यक्ष, नज़दीकी संपर्क द्वारा लोगों को स्ट्रेप थ्रोट होता है। यह रोग तब और आसानी से फैलता है जब काफी सारे लोग एक जगह पर एकत्रित हों।[5][7] लोगों की भीड़ के उदाहरण में फौज या स्कूलोंमें एकत्र हुए लोग शामिल हैं। जीएएस सूख कर धूलमें मिल सकते हैं, लेकिन इसके बाद ये लोगों को बीमार नहीं कर सकते हैं। यदि वातावरण में विषाणु नम रह जायें तो वे 15 दिनों तक लोगों को बीमार कर सकते हैं।[5] नमीं से भरे विषाणु टूथब्रशों जैसी वस्तुओं पर मिल सकते हैं। ये विषाणु खाद्य पदार्थों में जीवित रह सकते हैं, लेकिन यह काफी असामान्य है। जो लोग इन खाद्य पदार्थों को खाते हैं बीमार पड़ सकते हैं।[5] स्ट्रेप थ्रोट के लक्षणों को न दर्शाने वाले 12 प्रतिशत बच्चों के गले में जीएएस सामान्य तौर पर होते हैं।[2]

निदान संपादित करें

संशोधित सेंटोर अंक
अंक स्ट्रेप की संभावना उपचार
1 या कम <10% किसी प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) की आवश्कता नहीं
2 11–17% कल्चर या आरएडीटी पर आधारित प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक)
3 28–35%
4 or 5 52% बिना कल्चर किये प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक)

संशोधित सेंटोर अंक के नाम की जांचसूची, डॉक्टरों को यह तय करने में सहायता करती है कि ख़राश व दर्द वाले गले से पीड़ित लोगों की देखभाल किस तरह से की जाय. सेंटोर अंक में पांच नैदानिक (क्लीनिकल) माप या आंकलन होते हैं। ये दर्शाते हैं कि इस बात की कितनी संभावना है कि किसी को स्ट्रेप थ्रोट की समस्या है।[3]

इन सभी मापदंडों को एक अंक दिया जाता है:[3]

  • खांसी न होना
  • लिम्फ नोड्स का सूजा होना या लिम्फ नोड्स को छूने पर दर्द होना
  • 38°से. (100.4°फॉ.) से अधिक बुख़ार होना
  • गलतुंडिका (टॉन्सिल) में सूजन या मवाद (पस)
  • 15 वर्ष से कम उम्र का होना (यदि व्यक्ति की आयु 44 वर्ष से अधिक हो तो एक अंक कम कर दिया जाता है)

प्रयोगशाला परीक्षण संपादित करें

एक परीक्षण जिसे गले का कल्चर कहते हैं, यह जानने का मुख्य तरीका है[8] कि क्या किसी व्यक्ति को स्ट्रेप थ्रोट है। यह परीक्षण 90 से 95 प्रतिशत बार सही निकलता है।[3] एक और परीक्षण है जो त्वरित स्ट्रेप परीक्षण या आरएडीटी कहलाता है। यह त्वरित स्ट्रेप परीक्षण गले के कल्चर से कहीं कम समय में हो जाता है लेकिन यह 70 प्रतिशत तक ही सटीक होता है। दोनो परीक्षण यह बता सकते हैं कि कब एक व्यक्ति स्ट्रेप थ्रोट से पीड़ित नहीं है। यह दोनो ही परीक्षण 98 प्रतिशत तक इसे सही बता देते हैं।[3]

किसी व्यक्ति के बीमार होने पर गले का कल्चर या त्वरित स्ट्रेप परीक्षण यह बता सकते हैं कि क्या वह व्यक्ति स्ट्रेप थ्रोट से पीड़ित है।[9] जिन लोगों में इस रोग के लक्षण न हों उनके ऊपर गले का कल्चर या त्वरित स्ट्रेप परीक्षण नहीं किया जाना चाहिये, क्योंकि कुछ लोगों के गले में स्ट्रेप्टोकॉकल विषाणु सामान्य रूप में, बिना कोई समस्या उत्पन्न किये भी मौजूद हो सकता है और इन लोगों को उपचार की आवश्यकता नहीं होती है।[9]

समान प्रकार के लक्षणों के कारण संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट के कुछ लक्षण दूसरे रोगों के समान होते हैं। इस कारण से, गले का कल्चर या त्वरित स्ट्रेप परीक्षण किये बिना यह जानना कठिन हो सकता है कि क्या व्यक्ति को स्ट्रेप थ्रोट की समस्या है।[3] यदि किसी व्यक्ति को बुख़ार हो या उसको ख़राश व दर्द वाले गले की समस्या हो जिसके साथ उसको खांसी, बहतीनाक,दस्त, आंखोंमें लालिमा के साथ खुजली हो तो इस बात की संभावना अधिक है कि उसेवायरसद्वारा होने वाले गले के दर्द की समस्या (सोर थ्रोट) हो.[3] संक्रामक मोनोन्यूक्लॉसिस गले में लिम्फ नोड्स में सूजन तथा सोर थ्रोट, बुखार उत्पन्न कर सकता है तथा गलतुंडिका (टॉन्सिल) का आकार बढ़ा सकता है।[10] इस निदान को रक्त परीक्षण द्वारा निर्धारित किया जा सकता है। हलांकि संक्रामक मोनोन्यूक्लॉसिस के लिये कोई विशिष्ट उपचार नहीं होता है।

रोकथाम संपादित करें

कुछ लोगों को स्ट्रेप थ्रोट की समस्या दूसरों से अधिक होती है। गलतुंडिका (टॉन्सिल) को हटाना एक तरीका है जिससे कि इन लोगों को स्ट्रेप थ्रोट की समस्या न हो।[11][12] एक वर्ष में तीन या चार बार स्ट्रेप थ्रोट होना गलतुंडिका (टॉन्सिल) को हटा देने का एक ठोस कारण हो सकता है।[13] प्रतीक्षा करना भी उपयुक्त है।[11]

उपचार संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट आम तौर पर उपचारके बिना कुछ दिनों तक रहता है।[3] प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) द्वारा उपचार करने से लक्षण 16 घंटे पहले समाप्त हो जाएंगे।[3] प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) द्वारा उपचार करने का मुख्य कारण गंभीर बीमारी के जोखिम को कम करना है। उदाहरण के लिये एक दिल की बीमारी जिसे आमवात बुखार (रह्यूमेटिक फीवर) कहते हैं या गले में मवाद (पस) का संग्रह जिसे रेटरोफेरेंजियल एबसेस (फोड़ा)कहते हैं।[3] यदि लक्षणों के शुरु होने के 9 दिनों के अंदर प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) दे दिये जायें तो वे बेहतर काम करते हैं।[6]

दर्द की दवा संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट के कारण होने वाले दर्द को कम करने की दवा काफी सहायक हो सकती है।[14] इनमें आम तौर परएनएसएआईडी या पैरासेटामॉल शामिल हैं जिनको एसेटामाइनोफिनभी कहा जाता है। स्टेरॉयड भी उपयोगी हैं[6][15], जिस तरह से लाइडोकेन[16] ऐस्पिरिन का उपयोगवयस्कों में किया जा सकता है। बच्चों को एस्पिरिन देना ठीक नहीं है क्योंकि इसके कारण उनको रेये सिंड्रोमहोने की काफी संभावना होती है।[6]

प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) दवा संपादित करें

पेनिसलीन वी सबसे अधिक आम प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) है जिसे अमरीका में स्ट्रेप थ्रोट के लिये इस्तेमाल किया जाता है। यह लोकप्रिय है क्योंकि सुरक्षित है, अच्छे ढ़ंग से काम करती है तथा अधिक महंगी भी नहीं है।[3] एमॉक्सिसिलीन आम तौर पर यूरोप में उपयोग की जाती है।[17] भारत में इस बात की काफी संभावना है कि लोगों को आमवात बुखार (रह्यूमेटिक फीवर) की समस्या हो. इसके कारण, सुई से दी जाने वाली दवा जिसे बेंज़ाथाइन पेनिसलीन जी कहते हैं, एक आम उपचार है।[6] प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) लक्षणों की औसत अवधि को कम कर देती है। औसत अवधि तीन से पांच दिन की होती है। प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) इसमें एक दिन तक की कमी कर देती हैं। ये दवाएं बीमारी के फैलाव को भी कम कर देती हैं।[9] दवाएं मुख्य रूप से दुर्लभ जटिलताओं जैसे आमवात बुखार (रह्यूमेटिक फीवर), लाल चकत्तों, यासंक्रमण को कम करने के लिये उपयोग की जाती हैं।[18] प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) के अच्छे प्रभावों को संभावित दुष्प्रभावों द्वारा संतुलित किया जाना चाहिये।[5] प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) उपचार उन स्वस्थ वयस्कों के लिये ठीक नहीं हो सकता है जिनको दवाओं की विपरीत प्रतिक्रियाएं होती हों।[18] स्ट्रेप थ्रोट के लिये प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) अक्सर उम्मीद से अधिक उपयोग किये जाते हैं, तब भी जबकि यह उतना गंभीर न हो या इसके फैलने की संभावना भी कम हो।[19] दवा एराइथ्रोमाइसिन (तथा अन्य दवाएं जिनकोमैक्रोलाइड कहते हैं) उन्ही लोगों पर इस्तेमाल की जानी चाहिये जिनको एलर्जी हो, वो भी पेनिसलीन से.[3]सेफालोस्पोरिन उन लोगो पर उपयोग की जा सकती है जिनको कम एलर्जी होती है।[3] स्ट्रेप्टोकॉकल संक्रमण के कारण गुर्दे (किडनी) में सूजन हो सकती है (तीव्र स्तवकवृक्कशोथ)(तीव्र ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस). प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) इस स्थिति की संभावना को कम नहीं करती हैं।[6]

दृष्टिकोण संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट के लक्षण दवाओं के माध्यम से या उनके बिना भी, लगभग तीन से पांच दिनों में सुधरने लगते हैं।[9]प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) से उपचार के माध्यम से बीमारी के और खराब होने का जोखिम कम हो जाता है। ये बीमारी के फैलने को भी कठिन कर देते हैं। बच्चे पहली प्रतिजैविक (ऐंटीबायोटिक) खुराक लेने के 24 घंटे के बाद फिर से स्कूल जाना शुरु कर सकते हैं।[3]

स्ट्रेप थ्रोट के कारण, निम्नलिखित बेहद खराब समस्याएं पैदा हो सकती हैं:

संभाव्यता संपादित करें

स्ट्रेप थ्रोट एक ऐसी विस्तृत श्रेणी में शामिल है जिसमें ख़राश व दर्द वाले गले की समस्या या फेरिन्जाइटिस (ग्रसनीशोथ)शामिल हैं। अमरीका में हर साल लगभग 11 मिलियन लोग ख़राश व दर्द वाले गले की समस्या से पीड़ित होते हैं।[3] ख़राश व दर्द वाले गले की समस्या के अधिकतर मामले विषाणुओं से पैदा होते हैं। जीवाणु समूह ए बीटा-हेमोलिटिक स्ट्रपेटोकॉकस के कारण बच्चों में 15 से 30 प्रतिशत ख़राश व दर्द वाले गले की समस्या पैदा होती है। वयस्कों में ख़राश व दर्द वाले गले की समस्या का 5 से 20 प्रतिशत, इसी कारण से होता है।[3] ये मामले आम तौर पर जाती सर्दियों तथा शुरुआती वसंत में होते हैं।[3]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. streptococcal pharyngitis at Dorland's Medical Dictionary
  2. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  3. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  4. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  5. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  6. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  7. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  8. Smith, Ellen Reid; Kahan, Scott; Miller, Redonda G. (2008). In A Page Signs & Symptoms. In a Page Series. Hagerstown, Maryland: Lippincott Williams & Wilkins. पृ॰ 312. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-7817-7043-2.
  9. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  10. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  11. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  12. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  13. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  14. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  15. "Effectiveness of Corticosteroid Treatment in Acute Pharyngitis: A Systematic Review of the Literature". Andrew Wing. 2010; Academic Emergency Medicine. मूल से 4 दिसंबर 2012 को पुरालेखित.
  16. "Generic Name: Lidocaine Viscous (Xylocaine Viscous) side effects, medical uses, and drug interactions". MedicineNet.com. मूल से 23 जुलाई 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2010-05-07.
  17. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  18. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  19. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  20. "UpToDate Inc". मूल से 8 दिसंबर 2008 को पुरालेखित.
  21. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  22. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर