हमीरपुर, हिमाचल प्रदेश
हमीरपुर भारत के हिमाचल प्रदेश प्रान्त का एक शहर है। हिमाचल की निचली पहाडि़यों पर स्थित हमीरपुर जिला समुद्र तल से ४०० से ११०० मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। पाइन के पेड़ों से घिरा यह शहर हिमाचल के अन्य शहरों से सामान्यत: कम ठंडा है। कांगडा जिले से अलग करने के बाद १९७२ में हमीरपुर अस्तित्व में आया था। सर्दियों में ट्रैकिंग और कैंपिग के लिए यह शहर तेजी से विकसित हो रहा है। हिमाचल प्रदेश और पडोसी राज्यों के शहरों से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। यहां के कुछ ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल इस जिले की प्रसिद्धी के कारण हैं। हमीरपुर का देवसिद्ध मंदिर, सुजानपुर टीहरा और नादौन खासे लोकप्रिय हैं। शिमला-धर्मशाला रोड़ पर स्थित हमीरपुर टाउन यहां का जिला मुख्यालय है।[1]
हमीरपुर | |||
— town — | |||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||
देश | भारत | ||
राज्य | हिमाचल प्रदेश | ||
ज़िला | हमीरपुर | ||
जनसंख्या | 17,219 (2001 के अनुसार [update]) | ||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 738 मीटर (2,421 फी॰) | ||
विभिन्न कोड
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भूगोल
संपादित करेंमुख्य आकर्षण
संपादित करेंदेयोटसिद्ध मंदिर
संपादित करेंDeot Sidh mandir
बाबा बालक नाथ का यह गुफा मंदिर पूरे साल श्रद्धालुओं से भरा रहता है। बिलासपुर की सीमा पर स्थित यह मंदिर चारों तरफ के सड़क मार्ग से आसानी से पहुंचा जा सकता है। नवरात्रों के अवसर पर बाबा का आशीर्वाद लेने के लिए यहां लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं। इस मौके पर सरकार लोगों के ठहरने की उचित टेंट कालोनी की व्यवस्था करती है और उसमें पानी, शौच आदि बहुत सी सुविधाएं उपलब्ध कराईं जाती हैं।
नादौन
संपादित करेंयह नगर उस समय चर्चा में आया जब कांगड़ा शासकों ने अपनी राजधानी कांगड़ा किला जहांगीर की सेना से हारने के बाद यहां स्थानांतरित कर दी। उसके बाद राजा संसार चंद ने कांगड़ा किले को फिर से जीत लिया और कांगड़ा घाटी का शक्तिशाली शासक के रूप में आसीन हुआ। तब से नादौन का महत्व कम हो गया। शिमला-धर्मशाला मार्ग पर स्थित यह नगर व्यास नदी के किनारे बसा है। नादौन हमीरपुर से २० और कांगड़ा से ४३ किमी की दूरी पर है। इस शांत नगर में एक शिव मंदिर और प्राचीन महल बना हुआ है। प्राचीन महल में उस काल की कुछ चित्रकारियां देखी जा सकती है। ज्वालाजी का मंदिर भी यहां से अधिक दूर नहीं है। व्यास नदी के तट पर स्थित होने के कारण यहां फिशिंग और राफ्टिंग की भी व्यवस्था है। नादौन से मात्र 1 किलोमीटर दूरी पर अमतर नामक गाँव मे क्रिकेट स्टेडियम का निर्माण किया गया है।
सुजानपुर टीहरा
संपादित करेंसुजानपुर टीहरा हमीरपुर से २२ किमी की दूरी पर है। यह स्थान एक जमाने में कटोक्ष वंश की राजधानी थी। यहां बने एक प्राचीन किले को देखने के लिए लोगों का नियमित आना जाना लगा रहता है। यहां एक विशाल मैदान है जिसमें चार दिन तक होली पर्व आयोजित किया जाता है। यहां एक सैनिक स्कूल भी स्थित है। धार्मिक केन्द्र के रूप में भी यह स्थान खासा लोकप्रिय है और यहां नरबदेश्वर, गौरी शंकर और मुरली मनोहर मंदिर बने हुए हैं। स साहसिक और रोमांचप्रिय पर्यटकों को सुजानपुर काफी पसंद आता है क्योंकि वे यहां पैराग्लाइडिंग, एंगलिंग, राफ्टिंग और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों का आनंद ले सकते हैं।
आवागमन
संपादित करें- वायु मार्ग
कांगड़ा जिले का गग्गल एयरपोर्ट यहां का निकटतम एयरपोर्ट है।
- रेल मार्ग
हमीरपुर का निकटतम ब्रोड गैज रेलवे स्टेश्ान ऊना है। रानीताल यहां का नजदीकी नैरो गैज रेलवे स्टेशन है जो पठानकोट-जोगिन्दर नगर रेल लाइन पर पड़ता है। हमीरपुर के लिए यहां से नियमित बसें चलती रहती हैं।
- सड़क मार्ग
हिमाचल का लगभग पूरा क्षेत्र सड़क मार्ग से हमीरपुर से जुड़ा है। हिमाचल प्रदेश के लगभग सभी शहरों और पड़ोसी शहरों से यहां के लिए बस सेवाएं उपल्ाब्ध हैं।
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ दुनिया देखो.कॉम[मृत कड़ियाँ]
- ↑ "Falling Rain Genomics, Inc - Hamirpur". मूल से 12 फ़रवरी 2010 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 13 अप्रैल 2009.