हृदयपेशी रोग या हृद् पेशी रोगी उन दीर्घकालिक रोगों का समूह है जो हृदय की मांसपेशियों को प्रभावित करते हैं। [1] इस रोग की आरम्भिक अवस्था में इसके लक्षण बहुत ही कम दिखयी देते हैं या बिल्कुल ही नहीं होते। [1] रोग के बढ़ने पर, हृदय विफलन के कारण सांस लेने में कष्ट, थकान, पैरों में सूजन, दिल की अनियमित धड़कन, और बेहोशी हो सकती है। [1] इस रोग से प्रभावित होने पर पूर्णहृदरोध के सम्भावना बढ़ जाती है। [7]

हृदयपेशी रोग
खुला हुआ बायाँ निलय की मोटाई, फैलाव, एवं अवअंतःहृद् तंतुमयता (सबएंडोकार्डियल फाइब्रोसिस) जो हृदय के आंतरिक भाग की श्वेतता के रूप में प्रकट होती है
विशेषज्ञता क्षेत्रहृदयरोगविज्ञान
लक्षणसांस लेने में कठिनाई, थकावट, पैरों की सूजन [1]
कारणअज्ञात, अनुवांशिक, मद्यसार, भारी धातु, एमिलोईड़ोसिस, तनाव[2][3]
चिकित्साप्रकार और लक्षण पर निर्भर [4]
आवृत्तिहृदयपेशी का सूजन से प्रभावित 25,00,000 रोगी (2015)[5]
मृत्यु संख्या3,54,000 (हृदयपेशी का सूजन से) (2015)[6]

सन्दर्भ संपादित करें

  1. "What Are the Signs and Symptoms of Cardiomyopathy?". NHLBI. 22 जून 2016. मूल से 15 सितम्बर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2016.
  2. "Types of Cardiomyopathy". NHLBI. 22 जून 2016. मूल से 28 जुलाई 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2016.
  3. "What Causes Cardiomyopathy?". NHLBI. 22 जून 2016. मूल से 15 सितम्बर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2016.
  4. "How Is Cardiomyopathy Treated?". NHLBI. 22 जून 2016. मूल से 15 सितम्बर 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 अगस्त 2016.
  5. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  6. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  7. "Who Is at Risk for Cardiomyopathy?". NHLBI. 22 June 2016. मूल से 16 August 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 31 August 2016.