अमानुष
अमानुष 1975 में बनी फिल्म है, जो हिन्दी और बंगाली दोनों में बनी। यह शक्ति सामंत द्वारा निर्मित और निर्देशित है। फिल्म में शर्मिला टैगोर, उत्तम कुमार उत्पल दत्त और असित सेन हैं। दोनों संस्करण हिट रहे थे।
अमानुष | |
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अमानुष का पोस्टर | |
निर्देशक | शक्ति सामंत |
लेखक | शक्तिपद राजगुरु |
निर्माता | शक्ति सामंत |
अभिनेता |
उत्तम कुमार, शर्मिला टैगोर, उत्पल दत्त |
संगीतकार | श्यामल मित्रा |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
फिल्म के बंगाली संस्करण ने बंगालियों के बीच काफी लोकप्रियता हासिल की और उसमें किशोर कुमार द्वारा कई यादगार गीत हैं। लेकिन हिन्दी संस्करण में केवल "दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा" लोकप्रिय हुआ।[1] अमानुष के बाद, शक्ति सामंत ने एक बार फिर से उन्हीं कलाकारों को लेकर एक और द्विभाषी फिल्म बनाई, आनंद आश्रम (1977)। हालाँकि, यह फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं किया।
संक्षेप
संपादित करेंमधुसूदन चौधरी (उत्तम कुमार) भारत के पश्चिम बंगाल के एक छोटे से मछली पकड़ने वाले गाँव में रहता है। उसके साथ उसके अमीर लेकिन उम्रदराज चाचा रहते हैं, जो उस पर भरोसा करते हैं और उसे अपनी संपत्ति और व्यवसाय को संभालने देते हैं। मधुसूदन को डॉ. आनन्द (अभि भट्टाचार्य) की बहन रेखा (शर्मिला टैगोर) से प्यार हो जाता है और हर कोई जल्द ही उनकी शादी होने की उम्मीद करता है। मधुसूदन की आदत शराब पीने की हैं। यही चीज उसके खिलाफ हो जाती है जब चंपा नाम की एक महिला रेखा से बात करती है। वह कहती है कि मधुसूदन उसके साथ अंतरंग हुआ था और परिणामस्वरूप वह गर्भवती हो गई।
रेखा मधुसूदन से भिड़ जाती है, लेकिन वह हर बात को नकार देता है। हालाँकि, रेखा उस पर विश्वास नहीं करती है। गुस्से में, वह चंपा की तलाश में जाता है। उसे यह पता लगता है कि वह गाँव में कहीं नहीं है। इससे पहले कि वह उसे ढूंढ पाता, उसे पुलिस ने उसके चाचा से पैसे चुराने के लिये गिरफ्तार कर लिया है और कई वर्षों तक जेल भेज दिया गया है। इसके बाद, वह घर लौटता है, वहाँ उसके चाचा मृत मिलते हैं। एक कर्मचारी, महीम घोषाल (उत्पल दत्त) ने संपत्ति पर कब्जा कर लिया है; चंपा गायब है; और रेखा उससे नफरत करती है। बदली हुई परिस्थितियों में खुद को संभालने में असमर्थ, वह बड़े पैमाने पर शराब का सेवन करने लगता है। अब सभी उससे नफरत करते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- उत्तम कुमार ― मधुसूदन रॉय चौधरी 'माधु'
- शर्मिला टैगोर ― रेखा
- प्रेमा नारायण ― धन्नो
- अनिल चटर्जी ― पुलिस इंस्पेक्टर भुवन रॉय
- उत्पल दत्त ― महीम घोषाल
- अभि भट्टाचार्य ― डॉ. आनन्द
- मनमोहन ― सनातन
- असित सेन ― पुजारी
संगीत
संपादित करेंसभी गीत इन्दीवर द्वारा लिखित; सारा संगीत श्यामल मित्रा द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा" | किशोर कुमार | 4:59 |
2. | "तेरे गालों को चूमूँ" | किशोर कुमार, आशा भोंसले | 2:57 |
3. | "गम की दवा तो प्यार है" | आशा भोंसले | 3:11 |
4. | "ना पूछो कोई हमें" | किशोर कुमार | 3:18 |
5. | "नदिया में लहरें नाचें" | श्यामल मित्रा | 3:42 |
6. | "कल के अपने ना जाने" | आशा भोंसले | 4:21 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंप्राप्तकर्ता और नामांकित व्यक्ति | पुरस्कार वितरण समारोह | श्रेणी | परिणाम |
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शक्ति सामंत | फिल्मफेयर पुरस्कार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार | नामित |
शक्ति सामंत | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार | नामित | |
उत्तम कुमार | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
उत्पल दत्त | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार | नामित | |
प्रेमा नारायण | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार | नामित | |
शक्तिपद राजगुरु | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ कथा पुरस्कार | नामित | |
इन्दीवर ("दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ गीतकार पुरस्कार | जीत | |
किशोर कुमार ("दिल ऐसा किसी ने मेरा तोड़ा")[2] | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार | जीत | |
आशा भोंसले ("कल के अपने ना जाने") | फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार | नामित |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "क्या किशोर कुमार को 31 बरस बाद कोई सम्मान मिलने वाला है?". फर्स्टपोस्ट. 27 जून 2018. मूल से 5 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2019.
- ↑ "हमें और जीने की चाहत न होती, अगर तुम न होते..." नवोदय टाइम्स. 13 अक्टूबर 2016. मूल से 5 मई 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 5 मई 2019.