अहमदनगर किला महाराष्ट्र के अहमदनगर के पास भिंगर नदी पर स्थित एक किला है,[1] जिसका निर्माण १५ वीं और १६ वीं शताब्दी के दौरान, निजाम शाही वंश के पहले सुल्तान मलिक अहमद ने करवाया था। इसे ब्रिटिश राज के दौरान जेल के रूप में इस्तेमाल किया गया था। वर्तमान में, किला भारतीय सेना के बख्तरबंद कोर के प्रशासन के अधीन है।

अहमदनगर किला
अहमदनगर, महाराष्ट्र
अहमदनगर किला is located in महाराष्ट्र
अहमदनगर किला
अहमदनगर किला
अहमदनगर किला is located in भारत
अहमदनगर किला
अहमदनगर किला
निर्देशांक19°05′41.3″N 74°45′19.7″E / 19.094806°N 74.755472°E / 19.094806; 74.755472
प्रकारजमीन का किला
स्थल जानकारी
स्वामित्वभारतीय सेना
नियंत्रकअहमदनगर सल्तनत (1562-1600)
मुग़ल साम्राज्य (1600-1724)
Flag of हैदराबाद प्रांत हैदराबाद (1724-1759)
Flag of मराठा साम्राज्य मराठा साम्राज्य (1759-1803)
Flag of the United Kingdom ग्रेट ब्रिटेन Flag of भारत भारत (1947-)
जनप्रवेशरोजाना सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
दशाअच्छा
स्थल इतिहास
सामग्रीपत्थर
युद्ध/संग्रामअहमदनगर की घेराबंदी
दुर्गरक्षक जानकारी
पूर्व
अध्यक्ष
चांद बीबी, औरंगज़ेब
निवासीनाना फडणवीस, जवाहरलाल नेहरू, अबुल कलाम आज़ाद, वल्लभ भाई पटेल

किले का निर्माण निजाम शाही वंश के पहले सुल्तान मलिक अहमद ने करवाया था। फिर १५५९ से १५६२ तक हुसैन निजाम शाह के शासनकाल के दौरान कई निर्माणों से गुजरा है। छह साल बाद, उनकी मृत्यु हो गई और चांद बीबी, प्रसिद्ध रानियों में से एक, ने किले की रक्षा की। हालांकि, जब १६०० में अकबर ने किले पर हमला किया, तो इसे मुगलों द्वारा कब्जा कर लिया गया था।[2][3]

किले पर दो मुख्य राजवंशों का शासन था, अर्थात् मराठा और सिंधिया। २० फरवरी १७०७ को ८८ वर्ष की आयु में अहमदनगर किले में औरंगज़ेब की मृत्यु हो गई। बाद में यह किला १७२४ में निज़ामों को, १७५९ में मराठों को और बाद में १७९० में सिंधिया को दे दिया गया। १८०३ में द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के दौरान, किला को मराठा सेनाओं से ब्रिटिश शासकों ने जीत लिया और ईस्ट इंडिया कंपनी ने किले पर कब्जा कर लिया।

प्रमुख विशेषताएं

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किले में १८ मीटर ऊंची दीवारें हैं जो २२ गढ़ों द्वारा समर्थित हैं। इसकी परिधि लगभग 1.70 किलोमीटर है।

आधुनिक युग

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अहमदनगुर किले का उपयोग ब्रिटिश राज ने एक जेल के रूप में किया था और यहीं पर जवाहरलाल नेहरू, अबुल कलाम आज़ाद, सरदार पटेल और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नौ अन्य सदस्यों को लगभग तीन वर्षों तक वीरासत में रखा गया था।[4][5] 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' नाम की लोकप्रिय किताब को जवाहरलाल नेहरू ने अहमदनगर किले में अपने कारावास के दौरान लिखा था।[6][7] उसी समय के दौरान, कांग्रेस नेता, मौलाना अबुल कलाम आज़ाद ने भी अपने प्रशंसित "ग़ुबार-ए-ख़ातिर" (उर्दू: اربار طاطر) को संकलित किया, जिसे उर्दू साहित्य में "उपनिवेशवादी निबंध" का सबसे अच्छा उदाहरण माना जाता है।[2][5][8]

  1. In some older references Fort of Ahmednuggur
  2. "Ahmednagar fort". Maharashtra Tourism Development Corporation. मूल से 15 फ़रवरी 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-10.
  3. Sen, Sailendra (2013). A Textbook of Medieval Indian History. Primus Books. पृ॰ 164. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-9-38060-734-4.
  4. Mufti, Amir (2007). "3". Enlightenment in the Colony. Princeton University Press. पपृ॰ 129–130. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 0-691-05732-X. मूल से 26 जुलाई 2014 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-10.
  5. Gill, Himmat Singh (3 September 2006). "Where freedom held fort". The Sunday Tribune. मूल से 3 मार्च 2016 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-10.
  6. Daga, Darshana DagaDarshana; Jan 30, Pune Mirror | Updated:; 2017; Ist, 02:30. "Ahmednagar Fort to open its doors to tourists all year round". Pune Mirror (अंग्रेज़ी में). मूल से 11 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-10-11.सीएस1 रखरखाव: फालतू चिह्न (link)
  7. "Prisons of freedom". Deccan Herald (अंग्रेज़ी में). 2019-08-20. मूल से 11 अक्तूबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2019-10-11.
  8. "Tribute in the thick of toil". The Telegraph-Calcutta. 15 August 2004. मूल से 13 अगस्त 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2009-03-10.