आई मिलन की बेला

1964 की मोहन कुमार की फ़िल्म

आई मिलन की बेला 1964 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह श्याम और रणजीत नामक दो दोस्तों की कहानी है जो की एक ही लड़की से प्यार करते हैं और इसी कारण उनकी दोस्ती को कई मोड़ों से गुजरना पड़ता है.[1] फिल्म का निर्माण जे ओम प्रकाश ने और निर्देशन मोहन कुमार ने किया था।[2] संगीत शंकर-जयकिशन का है। फिल्म में राजेन्द्र कुमार, सायरा बानो, शशिकला और धर्मेन्द्र (खलनायक के रूप में उनकी एकमात्र भूमिका में[3]) हैं।

आई मिलन की बेला

फ़िल्म का पोस्टर
निर्देशक मोहन कुमार
पटकथा सचिन भौमिक
निर्माता जे ओम प्रकाश
अभिनेता राजेन्द्र कुमार,
सायरा बानो,
धर्मेन्द्र,
शशिकला
संगीतकार शंकर-जयकिशन
प्रदर्शन तिथि
1964
देश भारत
भाषा हिन्दी

संक्षेप संपादित करें

श्याम (राजेन्द्र कुमार) चौधरी के लिए काम करता है और अपनी माँ के साथ भारत के एक छोटे से गाँव में रहता है। रणजीत (धर्मेन्द्र) जो कि श्याम के बचपन का दोस्त है, विदेश से लौटता है। सभी उसे देख कर बहुत खुश हैं। रणजीत और श्याम में बहुत कुछ समान है: दोनों सुंदर, समर्पित, सुखद और विनम्र हैं और दोनों का जन्म भी एक ही तिथि को हुआ था।

लेकिन दोनों को एक ही महिला बरखा (सायरा बानो) से प्यार हो जाता है। यह आखिरी समानता है जो दोनों के बीच घर्षण का कारण बनती है, इतना कि श्याम पर एक अन्य महिला, रूपा (शशिकला) को गर्भवती करने और पैसे चोरी करने का आरोप लगाया जाता है।

मुख्य कलाकार संपादित करें

संगीत संपादित करें

सभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।

क्र॰शीर्षकगीतकारगायकअवधि
1."तुमको हमारी उमर लग जाये"हसरत जयपुरीलता मंगेश्कर3:17
2."तुम कमसिन हो नादान हो"हसरत जयपुरीमोहम्मद रफ़ी3:20
3."मैं प्यार का दीवाना"हसरत जयपुरीमोहम्मद रफ़ी3:30
4."मैं कमसिन हूँ नादान हूँ"हसरत जयपुरीलता मंगेश्कर3:19
5."बुरा मान गये"हसरत जयपुरीमोहम्मद रफ़ी3:11
6."आहा आई मिलन की बेला"शैलेन्द्रमोहम्मद रफ़ी, आशा भोंसले6:25
7."ओ सनम तेरे हो गये हम"शैलेन्द्रलता मंगेश्कर, मोहम्मद रफ़ी3:21

नामांकन और पुरस्कार संपादित करें

पुरस्कार श्रेणी नामित व्यक्ति नतीजा
फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेता पुरस्कार राजेन्द्र कुमार नामित
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेता पुरस्कार धर्मेन्द्र
फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री पुरस्कार शशिकला

सन्दर्भ संपादित करें

  1. http://www.imdb.com/title/tt0233147/plotsummary
  2. ताम्रकर, समय. "जे. ओमप्रकाश: रितिक रोशन के नाना ही नहीं बल्कि सफल निर्माता-निर्देशक के रूप में भी जाने जाते थे". वेबदुनिया. मूल से 22 सितंबर 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 सितम्बर 2019.
  3. सरदाना, प्रदीप (10 अगस्त 2019). "जे ओमप्रकाश अपनी फ़िल्मों के नाम 'ए' अक्षर से ही क्यों रखते थे?". बीबीसी हिन्दी. मूल से 11 अगस्त 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 सितम्बर 2019.

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें