आदि शक्ति या आदि परा शक्ति या महादेवी दुर्गा को सनातन, निराकार, परब्रह्म, जो कि ब्रह्मांड से भी परे एक सर्वोच्च शक्ति के रूप में माना जाता है। शाक्त सम्प्रदाय के अनुसार यह शक्ति मूल रूप में निर्गुण है, परंतु निराकार परमेश्वर जो न स्त्री है न पुरुष, को जब सृष्टि की रचना करनी होती है तो वे आदि पराशक्ति के रूप में उस इच्छा रूप में ब्रह्मांड की रचना, जनन रूप में संसार का पालन और क्रिया रूप में वह पूरे ब्रह्मांड को गति तथा बल प्रदान करते है।

आदिशक्ति
मोक्ष, शक्ति, परिवर्तन
Member of परब्रह्म
निवासस्थान देवी लोक
अस्त्र सभी

आदि शक्ति को पराम्बा, परशक्ति या आदि पराशक्ति कह कर भी संबोधित किया जाता है।

हर संप्रदाय में आदि पराशक्ति को विभिन रूप में मान कर पूजा जाता है, शाक्त संप्रदाय में ये स्वयं ब्रह्म-शक्ति के रूप में पूजा जाता है जिसमें दो कुल है काली कुल और श्री कुल।कुछ अन्य शाक्त, भगवती दुर्गा को ही आदि शक्ति मानते है। वैष्णव संप्रदाय के अनुसार भगवती श्री महालक्ष्मी और उनके अवतार जैसे राधा, सीता, रुक्मिणी अन्य. आदि पराशक्ति है, जबकि शैव संप्रदाय माता पार्वती अथवा शाकम्भरी को ही आदि शक्ति का सगुण स्वरूप मानते है सिख पंत शक्ति को निर्गुण ही मानते है उनके अनुसार चंडी अकाल पुरुख की ऊर्जा शक्ति है।

देवी भागवत, अथर्व वेद, मार्कन्डेय पुराण जैसे प्राचीन ग्रंथ के अनुसार, देवी आदि शक्ति ही मूल है।