इब्राहीम ख़ाँ गार्दी

ibrahim gardi

इब्राहीम ख़ाँ गार्दी" अथवा इब्राहीम ख़ाँ गर्दी (निधन 1761) 18वीं सदी में भारत के दक्षिणी मुस्लिम जनरल थे। उसके पूर्वज भील अथवा संबद्ध जनजाति के लोग थे। तोपखाने में एक विशेषज्ञ के रूप में उन्हें मराठा साम्राज्य का पेशवा के लिए काम करने से पहले हैदराबाद के निज़ाम बनाये गये। माराठा साम्राज्य के जनरल के रूप में वे पैदल सेना और तोपखाने के साथा 10,000 लोगों की सेना की कमान सम्भालते थे। 1761 में पानीपत का तृतीय युद्ध में वो अफगानों द्वारा पकड़कर मार दिये गये।

इब्राहीम ख़ाँ गार्दी

सदाशिवराव भाउ (मध्य) के साथ इब्राहीम ख़ाँ गार्दी (बायें)
देहांत 1761
पानीपत, भारत
निष्ठा मराठा साम्राज्य
नेतृत्व पानीपत का तृतीय युद्ध
युद्ध/झड़पें पानीपत का तृतीय युद्ध

मूल स्थान

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गार्दी समुदाय तापी के तट से बुरहानपुर, हैदराबाद और तेलंगाना क्षेत्र तक फैले दक्षिण निवासी एक जाति है जिसमें भील, लामन, वंजारा, पारधी, महादेव कोली, मासन जोगी सहित अन्य मराठी कुछ भी शामिल हैं। गार्दी समुदाय का मुख्य भाग हैदराबाद और तेलंगाना क्षेत्र के निकटवर्ती महाराष्ट्र के मराठवाडा क्षेत्र के लोगों को कहा जाता है। उनकी कुछ रस्में उनके अनुसार 250 वर्षों पूर्व गार्दी समुदाय में आरम्भ हुई। कुछ पारधी समुदाय की जातियाँ विशेष रूप से बुरहानपुर की टकंकार समुदाय अपने कसीदों और रस्मों में सुलेमान ख़ाँ गार्दी और इब्राहीम ख़ाँ गार्दी की पुजा की जाती है। पारधी समुदाय ने बन्दूक, पिस्तौल और डायनामाइट जैसे हथियार को काम में लेने के लिए विशेष कौशल भी विकसीत किया।

सैनिक करियर

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  • Pradeep Barua, "Military Developments in India, 1750-1850:", The Journal of Military History, Vol. 58, No. 4 (Oct., 1994), pp. 599–616
  • त्र्यं॰ शं॰ शेजवलकर, "पानीपत 1761" (अंग्रेज़ी और मराठी में)