ऐक्टीनोबैक्टीरिया
ऐक्टीनोबैक्टीरिया (Actinobacteria) ग्राम-धनात्मक बैक्टीरिया का एक जीववैज्ञानिक संघ हैं। यह जल और थल दोनों पर उगते हैं, और इनका मानवों के लिए बहुत आर्थिक महत्व है क्योंकि कृषि और वन दोनों मृदा (मिट्टी) में ऐक्टीनोबैक्टीरिया द्वारा दिए गए योगदानों पर निर्भर हैं।[1]
ऐक्टीनोबैक्टीरिया Actinobacteria | |
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सूक्ष्मदर्शी में ऐक्टीनोमाइसीस इज़राइली | |
वैज्ञानिक वर्गीकरण | |
अधिजगत: | बैकटीरिया (Bacteria) |
अश्रेणीत: | टेराबैक्टीरिया (Terrabacteria) |
संघ: | ऐक्टीनोबैक्टीरिया (Actinobacteria) गुडफ़ेलो, 2012 |
वर्ग | |
धरती में ऐक्टीनोबैक्टीरिया की कुछ जातियाँ फफूंद की तरह मृत जीवों के शरिरों के कार्बनिक पदार्थों को तोड़कर खाद बना देती हैं, जिसके अणु वनस्पतियों का पोषण करते हैं। ऐसे ऐक्टीनोबैक्टीरिया कोलोनियाँ बनाकर अपने माइसीलियम फैला देते हैं। कुछ ऐक्टीनोबैक्टीरिया जातियाँ (जैसे कि फ़्रैंकिया) वनस्पतियों की जड़ों में सहजीवी बनकर रहते हैं और वनस्पतियों से आहार पाकर उन्हें बदले में नाइट्रोजन पहुँचाते हैं। लेकिन कुछ अन्य जातियाँ ऐसी भी हैं जो अन्य जीवों में रोगकारक हैं।[2]
इन्हें भी देखें संपादित करें
सन्दर्भ संपादित करें
- ↑ (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
- ↑ C.Michael Hogan.. 2010. Bacteria. Encyclopedia of Earth. eds. Sidney Draggan and C.J.Cleveland, National Council for Science and the Environment, Washington DC Archived 2011-05-11 at the वेबैक मशीन