कोलीय /कोरी भारतीय उपमहाद्वीप के सूर्यवंश (इक्ष्वाकु वंश) के क्षत्रिय है जो प्राचीन काल मे गौतम बुद्ध के समय में भारत और नेपाल की वर्तमान सीमा क्षेत्र के निकटवर्ती क्षेत्रों के निवासी थे। शुद्धोधन की बुआ का विवाह कोलीय राजा अंजन से हुआ था। उनकी बेटियों, महामाया और महाजापपति गोतमी का विवाह सप्तऋषियों के प्रमुख शुद्धोधन से हुआ था।

यशोधरा ( कोलीय राजकुमारी), राहुल तथा बुद्ध (नीचे, बाएं), (अजन्ता में चित्रित)

कोलिय गणराज्य भारत / (रामग्राम या कोलीग्राम) और नेपाल की वर्तमान सीमा क्षेत्र में स्थित था जिसमें वर्तमान उत्तर प्रदेश के गोरखपुर एवं देवरिया क्षेत्र भी आता है। बनारस के राजा राम कोल चन्द्रवशी राजा दुश्यन्त के पुत्र भरत के पुत्र अक्रिड के चार पुत्र थे ,राजा पाण्डय, राजा केलर, राजा चोल, राजा कोल जो कोली चन्द्रवंशी पुरूवंशी तु्र्वसु वंश के क्षत्रिय कोलिय है जिनहे नागवशी भी वंशज नागवंशी कहलाये नागवंशी (मूल इच्क्षवाकुवंश) क्षत्रिय थे तथा शाक्यवंशी राजकुमारी पिया से इनकी उत्पत्ति मानी जाती है। अतः कोलिय पितृपक्ष से नागवंशी और मातृ पक्ष से शाक्य (सूर्यवंशी) थे। महात्मा बुद्ध की माता महामाया, मौसी महाप्रजापति गौतमी और पत्नी यशोधरा कोलियवंश की थीं। रोहिणी नदी शाक्य गणराज्य और कोलिय गणराज्य की सीमा निर्धारण करती थी। नदी जल को लेकर दोनों गणराज्य में विवाद होता रहता था। महात्मा बुद्ध के महापरिनिर्वाण के बाद उनके अस्थि अवशेषों में भाग लिए और रामग्राम में एक विशाल स्तूप का निर्माण किए, जिसका उल्लेख चीनी यात्री फाह्यान और हीनसोंग ने किए थे।

इन्हें भी देखें

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