विश्व व्यापार संगठन

अंतर सरकारी व्यापार संगठन
(डब्ल्यूटीओ से अनुप्रेषित)

विश्व व्यापार संगठन (WTO) एक अन्तर्राष्ट्रीय संगठन है, जिसका ध्येय अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार का उदारीकरण है। यह व्यापार से सम्बन्धित नियमों को निर्धारित और प्रतिष्ठित करने के लिए विकसित देशों की पहल पर आरम्भ किया गया था। इसने आधिकारिक रूप से 1 जनवरी 1995 को, 1994 के मराकेश सहमति के अनुसार संचालन शुरू किया, इस प्रकार 1948 में स्थापित प्रशुल्क और व्यापार पर सामान्य सहमति (गैट) की जगह ली। विश्व व्यापार संगठन दुनिया का सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक संगठन है, जिसमें 164 सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व है। यह वैश्विक व्यापार और वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 98% से अधिक है। [1]

विश्व व्यापार संगठन

██ सदस्य ██ सदस्य, EU का दोहरा प्रतिनिधित्व ██ पर्यवेक्षक ██ अ-भागीदार राज्य
स्थापना जनवरी 1, 1995; 29 वर्ष पूर्व (1995-01-01)
प्रकार अन्तर्राष्ट्रीय संगठन
उद्देश्य आर्थिक उदारीकरण
आधिकारिक भाषा
अंग्रेजी, फ़्रान्सीसी, स्पेनी
जालस्थल www.wto.org

विश्व व्यापार संगठन व्यापार सहमतियों पर आलोचना के लिए एक ढाँचा प्रदान करके भाग लेने वाले देशों के बीच वस्तुओं, सेवाओं और बौद्धिक सम्पदा में व्यापार की सुविधा प्रदान करता है, जिसका उद्देश्य साधारणतः प्रशुल्क, कोटा और अन्य प्रतिबंधों को कम करना या समाप्त करना है; इन समझौतों पर सदस्य सरकारों के प्रतिनिधियों द्वारा हस्ताक्षर किए जाते हैं और उनकी विधायिकाओं द्वारा इसकी पुष्टि की जाती है। विश्व व्यापार संगठन व्यापार सहमतियों के लिए प्रतिभागियों के पालन को लागू करने और व्यापार से सम्बन्धित विवादों को हल करने के लिए स्वतंत्र विवाद समाधान का प्रबंधन करता है। संगठन व्यापारिक भागीदारों के बीच भेदभाव को प्रतिबन्धित करता है, लेकिन पर्यावरण संरक्षण, राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य महत्वपूर्ण लक्ष्यों के लिए अपवाद प्रदान करता है।[2]

WTO का मुख्यालय जिनेवा, स्वित्सरलैंड में स्थित है। इसका शीर्ष निर्णय लेने वाला निकाय मंत्रिस्तरीय सम्मेलन है, जो सभी सदस्य राज्यों से बना है और साधारणतः द्विवार्षिक रूप से आयोजित किया जाता है; सभी निर्णयों में सामान्य सहमति पर महत्व दिया जाता है। दिन-प्रतिदिन के कार्यों को सामान्य परिषद द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसमें सभी सदस्यों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं। महानिदेशक और चार डिप्टी के नेतृत्व में 600 से अधिक कर्मियों का एक सचिवालय, प्रशासनिक, पेशेवर और तकनीकी सेवाएँ प्रदान करता है।[3] विश्व व्यापार संगठन का वार्षिक आय-व्ययक लगभग 220 मिलियन अमेरिकी डॉलर है, जो सदस्यों द्वारा उनके अंतर्राष्ट्रीय व्यापार के अनुपात के आधार पर योगदान दिया जाता है।

डब्ल्यूटीओ की मूल संरचना में निम्नलिखित निकाय हैं– मंत्रिस्तरीय सम्मेलन (Ministerial Council) : यह डब्ल्यूटीओ का शासी निकाय हैI यह संगठन की रणनीतिक दिशा तय करने और अपने अधिकार क्षेत्र के तहत समझौतों पर सभी अंतिम निर्णय लेने के लिए जिम्मेदार होता है। इसमें सभी सदस्य देशों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार मंत्री होते हैं।

सामान्य काउंसिल (General Council) : व्यवहार में, ज्यादातर मामलों के लिए यह डब्ल्यूटीओ का फैसला करने वाला प्रमुख अंग है। इसमें सभी सदस्य देशों के वरिष्ठ प्रतिनिधि (सामान्यतः पर राजदूत स्तर के) होते हैं। यह डब्ल्यूटीओ के प्रतिदिन के कारोबार और प्रबंधन की देखरेख के लिए जिम्मेदार होता है। नीचे वर्णित निकायों में से कई सीधे सामान्य काउंसिल को रिपोर्ट करते हैं।

व्यापार नीति समीक्षा निकाय (The Trade Policy Review Body): यह उरुग्वे राउंड के बाद बने व्यापार नीति समीक्षा तंत्र की देखरख करता है। यह सभी सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की आवधिक समीक्षा करता है। इसमें भी डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य होते हैं।

विवाद निपटान निकाय (Dispute Settlement Body): जिन देशों के बीच व्यापार सम्बन्धी कोई विवाद होता है तो वे इसी निकाय के सामने अपील कर न्याय मांगते हैं I यह सभी डब्ल्यूटीओ समझौतों के लिए विवाद समाधान प्रक्रिया के कार्यान्वयन और प्रभावशीलता एवं डब्ल्यूटीओ विवादों पर दिए गए फैसलों के कार्यान्वयन की देखरेख करता है। इसमें भी डब्ल्यूडीओ के सभी सदस्य होते हैं।

वस्तुओं एवं सेवाओं में व्यापार पर परिषद (The Councils on Trade in Goods and Trade in Services) : यह वस्तुओं ( कपड़ा और कृषि जैसे) और सेवाओं में व्यापार पर हुए आम एवं विशेष समझौतों के विवरणों की समीक्षा के लिए तंत्र प्रदान करते हैं। यह जनरल काउंसिल के जनादेश के तहत काम करती है। इसमें सभी सदस्य देश शामिल रहते हैं।

विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य

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विश्व व्यापार संगठन के समझौते लंबे और जटिल होते हैं क्योंकि इनका पाठ कानूनी होता है और यह गतिविधियों की व्यापक रेंज को कवर करते हैं। लेकिन कई सरल, मौलिक सिद्धान्त भी इन सभी दस्तावेजों में होते हैं। ये सिद्धान्त बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली के आधार हैं।

  • किसी देश को अपने व्यापार भागीदारों के बीच भेदभाव नहीं करना चाहिए और इसे अपने और विदेशी उत्पादों, सेवाओं और नागरिकों के बीच भी भेदभाव नहीं करना चाहिए।
  • व्यापार को प्रोत्साहित करने के सबसे स्पष्ट तरीकों में से एक है व्यापार बाधाओं को कम करना। सीमा शुल्क ( या टैरिफ) और आयात प्रतिबंध या कोटा, एंटी डंपिंग शुल्क आदि इन बाधाओं में शामिल हैं।
  • यह सुनिश्चित करना चाहिए कि विदेशी कंपनियों, निवेशकों और सरकारों के लिए व्यापार बाधाओं को मनमाने ढंग से नहीं बढाया जाय। स्थिरता एवं पूर्वानुमेयता के साथ निवेश प्रोत्साहित होता है, रोजगार के अवसर बनते हैं और उपभोक्ता प्रतिस्पर्धा का पूरी तरह से लाभ – पसंद और कम कीमत, उठा सकते हैं।
  • 'अनुचित' प्रथाओं को हतोत्साहित करना ; जैसे बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए निर्यात सब्सिडियों और डंपिंग उत्पादों की लागत कम कर देना।
  • डब्ल्यूटीओ के समझौते सदस्यों को न सिर्फ पर्यावरण बल्कि जन स्वास्थ्य, पशु स्वास्थ्य एवं ग्रह के स्वास्थ्य के सरंक्षण के उपाय करने की अनुमति देते हैं। हालांकि, ये उपाय राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व्यापार दोनों ही पर एक ही तरीके से लागू किए जाने चाहिए।
  • डब्ल्यूटीओ अपने सदस्य देशों द्वारा संचालित है। अपनी गतिविधियों को समन्वित करने के लिए यह बिना अपने सचिवालय द्वारा काम नहीं कर सकता। सचिवालय में ६०० से अधिक कर्मचारी काम करते हैं और इनमें– वकील, अर्थशास्त्री, सांख्यिकीविद् औऱ संचार विशेषज्ञ होते हैं– जो डब्ल्यूटीओ के सदस्यों को अन्य बातों के अलावा दैनिक आधार पर, वार्तालाप प्रक्रिया के सुचारू होने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार के नियमों को सही तरह से लागू करना सुनिश्चित करता है। सभी प्रमुख फैसले पूर्ण सदस्यों द्वारा, चाहे वह मंत्रियों ( जो आम तौर पर दो वर्षों में कम– से– कम एक बार बैठक करते हैं) या उनके राजदूत या प्रतिनिधियों द्वारा ( जो जेनेवा में नियमित रूप से बैठक करते हैं) किया जाता है।
  • व्यापार वार्ता : डब्ल्यूटीओ समझौते वस्तुओं, सेवाओं और बौद्धिक संपदा को कवर करते हैं। यह उदारीकरण के सिद्धान्तों और अनुमित अपवादों की व्याख्या करते हैं। इसमें व्यक्तिगत देशों की कम सीमा शुल्क टैरिफ और अन्य व्यापार बाधाओं के प्रति प्रतिबद्धता एवं सेवा बाजार को खोलने एवं उसे खुला रखना शामिल है। विवादों के निपटान के लिए ये प्रक्रियाओं का निर्धारण करते हैं। ये समझौते स्थायी नहीं होते, समय–समय पर इन पर फिर से बातचीत की जाती है औऱ पैकेज में नए समझौते जोड़े जा सकते हैं। नवंबर २००१ में दोहा (कतर) में डब्ल्यूटीओ के व्यापार मंत्रियों द्वारा शुरु किए गए दोहा विकास एजेंडा, के तहत अब कई समझौते किए जा चुके हैं ।
  • कार्यान्वयन और निगरानी : डब्ल्यूटीओ समझौते के तहत सरकारों को लागू कानूनों एवं अपनाए गए उपायों के बारे में डब्ल्यूटीओ को सूचित कर अपनी व्यापार नीतियों को पारदर्शी बनाने की आवश्यकता होती है। डब्ल्यूटीओ के कई परिषद और समितियां इस बात को सुनिश्चित करती हैं कि नियमों का पालन किया जा रहा है या नहीं और डब्ल्यूटीओ के समझौतों का कार्यान्वयन उचित तरीके से हो रहा है या नहीं। समय–समय पर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्यों की व्यापार नीतियों और प्रथाओं की समीक्षा की जाती है। प्रत्येक समीक्षा में संबंधित देश और डब्ल्यूटीओ सचिवालय द्वारा दी गई रिपोर्ट होती है।
  • विवादों का निपटारा : यदि किसी देश या किन्हीं देशों को लगता है कि समझौते के तहत उनके अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है तो वे उस विवाद को डब्ल्यूटीओ में ले जाते हैं। विशेष रूप से नियुक्त किए गए स्वतंत्र विशेषज्ञों द्वारा किए गए फैसले, समझौते की व्याख्याएं, और अलग–अलग देशों की प्रतिबद्धताओं पर आधारित होते हैं।
  • व्यापार क्षमता का निर्माण : डब्ल्यूटीओ के समझौतों में विकासशील देशों के लिए विशेष प्रावधान हैं। इसमें समझौतों और प्रतिबद्धताओं को लागू करने के लिए अधिक समय, उनके व्यापार अवसरों को बढ़ाने के लिए उपाय और उनके व्यापार क्षमता के निर्माण, विवादों से निपटने और तकनीकी मानकों को लागू करने में मदद करने के लिए समर्थन देना शामिल हैं। डब्ल्यूटीओ प्रतिवर्ष विकासशील देशों के लिए तकनीकी सहायता मिशनों का आयोजन करता है। साथ ही यह सरकारी अधिकारियों के लिए जेनेवा में हर वर्ष कई पाठ्यक्रम भी आयोजित करता है। विकासशील देशों को उनके व्यापार में विस्तार के लिए जरूरी कौशल एवं संरचनात्मक ढांचे के विकास हेतु व्यापार के लिए सहायता (Aid for Trade) प्रदान करता है।
  • आउटरीच : डब्ल्यूटीओ सहयोग को बढ़ाने एवं संस्था की गतिविधियों के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए गैर–सरकारी संगठनों, सांसदों, अन्य अंतरराष्ट्रीय संगठनों, मीडिया और आम जनता से डब्ल्यूटीओ के अलग–अलग पहलुओं एवं चालू दोहा वार्ता पर नियमित तौर पर बातचीत करता है।
 
विश्व व्यापार संगठन और गैट

सदस्य और पर्यवेक्षक

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२९ जुलाई २०१६ तक विश्व व्यापार संगठन में १६४ सदस्य हैं। किंतु अब 2024 तक इसमें 166 देश हैं।विश्व व्यापार संगठन की सदस्यता के तारीखों के साथ कुछ सदस्य ये हैं:

अफगानिस्तान २९ जुलाई २०१६ nam

अल्बानिया ८ सितंबर २००9

अंगोला २३ नवंबर १९९६ (गैट: ८ अप्रैल १९९४)

एंटीगुआ और बारबुडा १ जनवरी १९९५ (गैट: ३० मार्च १९८७)

अर्जेंटीना १ जनवरी १९९५ (गैट: ११ अक्टूबर १९६७)

आर्मीनिया ५ फरवरी २००३

ऑस्ट्रेलिया १ जनवरी १९९५ (गैट: १ जनवरी १९४८)

क्यूबा २० अप्रैल १९९५ (गैट: १ जनवरी १९४८)

साइप्रस ३० जुलाई १९९५ (गैट: १५ जुलाई १९६३)

चेक गणराज्य १ जनवरी १९९५ (गैट: १५ अप्रैल १९९३)

यमन २६ जून २०१४

जाम्बिया १ जनवरी १९९५ (गैट: १० फरवरी १९८२)

जिम्बाब्वे ५ मार्च १९९५ (गैट: ११ जुलाई १९४८)

 
विश्व व्यापार संगठन के सदस्य

प्रेक्षक सरकारें

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एलजीरिया

अंडोरा

आज़रबाइजान

बहामा

बेलोरूस

भूटान

बोस्निया और हर्जेगोविना

कोमोरोस

भूमध्यवर्ती गिनी

इथियोपिया

पवित्र देखो (वैटिकन)

ईरान

इराक

लेबनान गणराज्य

लीबिया

साओ टोमे और प्रिंसिपे

सर्बिया

सूडान

सीरिया अरब गणतंत्र

उज़्बेकिस्तान

  • लागत में कटोती और जीवन स्तर में सुधार
  • विवादो को निपटाने और व्यापार तनाव में कमी
  • आर्थिक विकास और रोजगार को प्रोत्साहित
  • अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापार कर की लागत में कटौती
  • प्रोत्साहित सुशासन
  • मदद के देशों का विकास
  • कमजोर को एक मजबूत आवाज देना
  • पर्यावरण और स्वास्थ्य का समर्थन
  • शांति और स्थिरता के लिए योगदान
  • सुर्खियों से टकराने के बिना प्रभावी हो।

https://web.archive.org/web/20170327023602/https://www.wto.org/english/res_e/doload_e/inbr_e.pdf

https://web.archive.org/web/20170626184700/https://www.wto.org/english/thewto_e/cwr_e/cwr_history_e.htm

बाहरी कड़ियाँ

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  1. "WTO | Understanding the WTO - The GATT years: from Havana to Marrakesh". www.wto.org (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-11-05.
  2. "U.S. Trade Policy: Going it Alone vs. Abiding by the WTO | Econofact". econofact.org (अंग्रेज़ी में). 2018-06-15. अभिगमन तिथि 2022-11-05.
  3. "WTO | Understanding the WTO - the Secretariat". www.wto.org (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2022-11-05.