तमिऴ लिपि एक लिपि है जिसमें तमिऴ भाषा लिखी जाती है। इसके अलावा सौराष्ट्र, बडगा, इरुळा और पनिया आदि अल्पसङ्ख्यक भाषाएँ भी तमिऴ लिपि में लिखी जाती हैं।[2] यह लिपि भारत और श्रीलंका में तमिऴ भाषा को लिखने में प्रयोग की जाती है। यह ग्रन्थ लिपि और ब्राह्मी के दक्षिणी रूप से विकसित हुई। यह शब्दावली भाषा है ना की वर्णमाला वाली। इसे बाएँ से दाएँ लिखा जाता है। हम जानते हैं कि लिपियाँ मानव की ही देन है। उन्हें ईश्वर या देवता ने नहीं बनाया। प्राचीन काल में किसी पुरातन और कुछ जटिल वस्तु को रहस्यमय बनाए रखने के लिए उस पर ईश्वर या किसी देवता की मुहर लगा दी जाती थी; किन्तु आज हम जानते हैं कि लेखन–कला किसी ‘ऊपर वाले’ की देन नहीं है, बल्कि वह मानव की ही बौद्धिक कृति है।

तमिऴ
தமிழ்
प्रकार आबूगीदा
भाषाएँ तमिऴ
कण्णिक्कारऩ
बड़ग
इरुळा
पणिय
सौराष्ट्र
समय अवधि c. 400 ई.पू. – वर्तमान[1]
जनक प्रणाली
Sister systems वट्टेऴुत्तु
पल्लव
कोल लिपि
मलयाळम लिपि
आईएसओ 15924 Taml, 346
दिशा बाएँ-से-दाएँ
यूनिकोड एलियास Tamil
यूनिकोड रेंज
नोट: इस पृष्ठ पर आइपीए ध्वन्यात्मक प्रतीक हो सकते हैं।

कुछ पुरालेखको के अनुसार सभी भारतीय लिपि ब्राह्मी लिपि से विकसित हुई है। भारत में लिपि के तीन मुख्य परिवार हैं:

⟨१⟩ देवनागरी: उत्तरी एवम् पश्चिमी भारत जैसे हिन्दी, संस्कृत, पञ्जाबी, गुजराती, मराठी, डोगरी आदि भाषाओं का आधार है।
⟨२⟩ ग्रन्थ: तमिऴ एवम् मलयाळम जैसे द्रविड़ भाषाओं का उपखण्ड है, लेकिन यह अन्य दो के रूप में महत्वपूर्ण नहीं है।
⟨३⟩ कदम्ब: तेलुगु और कन्नड़ का आधार है।

तमिऴ स्वर संपादित करें

तमिऴ स्वर देवनागरी
(हृस्व)
(दीर्ध)
(हृस्व)
(दीर्ध)

विसर्ग: அஃ (अः)

व्यञ्जन संपादित करें

तमिऴ व्यञ्जन देवनागरी में लिप्यन्तरण
க் क्
ங் ङ्
ச் च्
ஞ் ञ्
ட் ट्
ண் ण्
த் त्
ந் न्
ப் प्
ம் म्
ய் य्
ர் र्
ல் ल्
வ் व्
ழ் ऴ्
ள் ळ्
ற் ऱ्
ன் ऩ्

मात्राएँ संपादित करें

क+मात्रा तुल्य देवनागरी
கா का
கி कि
கீ की
கு कु
கூ कू
கெ कॆ (हृस्व उचारण)
கே के (दीर्घ उच्चारण)
கை कै
கொ कॊ (हृस्व उचारण)
கோ को (दीर्घ उच्चारण)
கௌ कौ

ग्रन्थ लिपि के लिए संपादित करें

व्यञ्जन तुल्य देवनागरी
ஜ் ज्
ஶ் श्
ஷ் ष्
ஸ் स्
ஹ் ह्
க்ஷ் क्ष्
ஸ்ரீ श्री

तमिऴ अङ्क एवम् सङ्ख्याएँ संपादित करें

देवनागरी १० १०० १०००
तमिऴ

हिन्दी–तमिऴ लिप्यन्तरण संपादित करें

 
तमिऴ लिपि का इतिहास
स्वर टिप्पणियाँ
हृस्व दीर्घ अन्य
(अ) (आ)
(इ) (ई)
(उ) (ऊ)
(ऎ) (ए) तमिऴ में एक हृस्व 'ए' स्वर है
(ऐ)
(ऒ) (ओ) तमिऴ में एक हृस्व 'ओ' स्वर है
(औ)
அஃ (अः)
- (अं) तमिऴ में यह अक्षर नहीं है
व्यञ्जन टिप्पणियाँ
(क) - (ख) - (ग) - (घ) (ङ) 'ख', 'ग' और 'घ' इन ध्वनियों के लिए तमिऴ में अलग से कोई लिपिचिह्न उपयोग नहीं किया जाता
(च) - (छ) - (ज) - (झ) (ञ) 'छ', 'ज' और 'झ' इन ध्वनियों के लिए तमिऴ में अलग से कोई लिपिचिह्न उपयोग नहीं किया जाता
(ट) - (ठ) - (ड) - (ढ) (ण) 'ठ', 'ड' और 'ढ' इन ध्वनियों के लिए तमिऴ में अलग से कोई लिपिचिह्न उपयोग नहीं किया जाता
(त) - (थ) - (द) - (ध) (न) 'त', 'द' और 'ध' इन ध्वनियों के लिए तमिऴ में अलग से कोई लिपिचिह्न उपयोग नहीं किया जाता
(प) - (फ) - (ब) - (भ) (म) 'फ', 'ब' और 'भ' इन ध्वनियों के लिए तमिऴ में अलग से कोई लिपिचिह्न उपयोग नहीं किया जाता
(य) (र) (ल) (व)
(ऴ) (ळ) हिन्दी में इन ध्वनियों का उपयोग नहीं होता।
(ऱ) (ऩ) हिन्दी में इन ध्वनियों का उपयोग नहीं होता।
- (श) - (ष) - (स) - (ह) तमिऴ में इन ध्वनियों का उपयोग ग्रन्थ लिपि के कुछ अक्षरों द्वारा लिखा जाता है।

निम्नलिखित अक्षर ग्रन्थ लिपि से उधार और संस्कृत मूल के शब्दों के लिए ही इस्तेमाल किया जाता है:

  • (ज)
  • (श)
  • (ष)
  • (स)
  • (ह)
  • க்ஷ (क्ष)
  • ஸ்ரீ (श्री)

तमिल यूनिकोड संपादित करें

तमिल का यूनिकोड U+0B80 से U+0BFF तक है।

    0 1 2 3 4 5 6 7 8 9 A B C D E F
B80  
B90  
BA0  
BB0   ி
BC0  
BD0  
BE0  
BF0   ௿

सन्दर्भ संपादित करें

  1. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर (table showing Tamil in row for the 601–800 period)
  2. Official languages Archived (दिनांक अनुपस्थित) at Archive-It. UNESCO. Abgerufen am 10. Mai 2007

इन्हें भी देखें संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें