तेज़ाब (फ़िल्म)
तेज़ाब 1988 में बनी हिन्दी भाषा की फ़िल्म है। एक्शन रूमानी इस फिल्म में अनिल कपूर और माधुरी दीक्षित मुख्य भूमिका में है। फिल्म ने चार फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। गीत "एक दो तीन" से माधुरी बहुत लोकप्रिय हुई। फिल्म 1988 की सबसे सफल हिन्दी फिल्म भी थी। इससे माधुरी की सफलता की शुरुआत भी हुई।[1]
तेज़ाब | |
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तेज़ाब का पोस्टर | |
निर्देशक | एन चन्द्रा |
लेखक |
एन चन्द्रा कमलेश पांडे |
अभिनेता |
अनिल कपूर, माधुरी दीक्षित, अनुपम खेर, चंकी पांडे, किरन कुमार, सुरेश ओबेरॉय, अनु कपूर, |
संगीतकार | लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल |
प्रदर्शन तिथियाँ |
11 नवम्बर, 1988 |
लम्बाई |
174 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंमहेश देशमुख (अनिल कपूर) देश की सशस्त्र बलों में शामिल हुआ क्योंकि वह ईमानदारी से और देशभक्त से देश की सेवा कर सके। अपने कॉलेज के दिनों में उसके साथी सहपाठी मोहिनी (माधुरी दीक्षित) के साथ झगड़ा हुआ। अपने दोस्तों और खुद के बीच एक शर्त के बाद वह मोहिनी के साथ प्यार में पड़ जाता है, जो बाद में महसूस करती है कि वह वास्तव में उसके साथ प्यार में पड़ गया है और वह भी सहानुभूति देती है। मोहिनी के पिता (अनुपम खेर) शराबी है और उनकी इच्छा है कि मोहिनी नृत्य और वेश्यावृत्ति में चली जाए है ताकि वह अपनी दैनिक खुराक प्राप्त कर सके। मोहिनी महेश के साथ शरण लेने का प्रयास करती है, हालांकि, महेश को इस हद तक उलझन में डाल दिया जाता है कि वह गिरफ्तार, आरोपी साबित हो जाता है और उसे बम्बई शहर से तड़ीपार रहने की सजा सुनाई जाती है। जब महेश लौटता है, तो वह अब ईमानदार और देशभक्त महेश नहीं है, बल्कि मुन्ना नामक एक गैंगस्टर है, जिसको कई पुराने हिसाब चुकता करने हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अनिल कपूर — महेश देशमुख 'मुन्ना'
- माधुरी दीक्षित — मोहिनी
- अनुपम खेर — श्यामलाल, मोहिनी का पिता
- चंकी पांडे — बब्बन, मुन्ना का मित्र
- किरण कुमार — लोटिया पठान
- सुरेश ओबेरॉय — इंस्पेक्टर गगन सिंह
- महावीर शाह — इंस्पेक्टर गुप्ता
- अनु कपूर — अब्बास अली 'गुलदस्ता'
- सुपर्णा आनन्द — ज्योती देशमुख, महेश की बहन
- मंदाकिनी — निकिता, अतिथी पात्र
- जैक गॉड — मुकुट बिहारी
- तेज सप्रू — सक्सेना
- दिनेश हिंगू — मारवाड़ी सेठ
- विजय पाटकर — मुन्ना का दोस्त
- जॉनी लीवर — कैंची, मुन्ना का दोस्त
संगीत
संपादित करेंसभी गीत जावेद अख्तर द्वारा लिखित; सारा संगीत लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल द्वारा रचित।
क्र॰ | शीर्षक | गायक | अवधि |
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1. | "सो गया ये जहाँ" | नितिन मुकेश, शब्बीर कुमार, अलका याज्ञनिक | 6:04 |
2. | "एक दो तीन" | अलका याज्ञनिक | 7:37 |
3. | "एक दो तीन" (II) | अमित कुमार | 6:15 |
4. | "कह दो के तुम" | अमित कुमार, अनुराधा पौडवाल | 7:57 |
5. | "तुमको हम दिलबर" | सुदेश भोंसले, अनुराधा पौडवाल | 6:43 |
6. | "डांडिया संगीत (तेज़ाब)" | वाद्य संगीत | 4:47 |
गीत एक दो तीन को फिल्म बाग़ी 2 के लिये पुनः निर्मित किया गया जिसे श्रेया घोषाल द्वारा गाया गया।
परिणाम
संपादित करेंफिल्म सुपरहिट रही थी और 1988 की सबसे बड़ी व्यावसायिक रूप से सफल फिल्म थी। "एक दो तीन" गीत के लिए भी ये फिल्म प्रख्यात है।[2]
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करें- 1989 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - विजयी
- सर्वश्रेष्ठ अभिनेता - अनिल कपूर
- फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका पुरस्कार - अलका याज्ञनिक
- सर्वश्रेष्ठ नृत्य निर्देशन (सर्वप्रथम) - सरोज खान, गीत "एक दो तीन" के लिए
- 1989 फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार - नामांकित
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "'तेजाब' के लिए मीनाक्षी शेषाद्रि को साइन कर चुके थे डायरेक्टर फिर माधुरी दीक्षित कैसे बन गई मुन्ना की 'मोहिनी'". जनसत्ता. 11 अक्तूबर 2017. मूल से 17 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2018.
- ↑ "'एक दो तीन' सॉन्ग गाने से पहले अलका याग्निक ने क्यों कर दिया था मना, फिर एक टेक में गाया पूरा गाना". जनसत्ता. 31 अगस्त 2017. मूल से 17 जुलाई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 16 जुलाई 2018.