महाभारत में, उपपाण्डव(उप+पाण्डव) या पाण्डवपुत्र(पाण्डवो़ं के पुत्र) या पंचकुमार, द्रौपदी से जन्में पाँच पुत्रों को कहते हैं। प्रत्येक पाण्डव से द्रौपदी को एक पुत्र पैदा हुआ था। इन पंचकुमारों के नाम ये हैं- प्रतिविन्ध्य, शतनिक, सुतसोम,श्रुतसेन और श्रुतकर्मण। इन्होंने महाभारत में पाण्डवों के तरफ से युद्ध किया किन्तु महाभारत में इनके बारे में बहुत कम वर्णन है। इन पाँचों कुमारों को अश्वत्थामा ने युद्ध के अन्तिम दिन मार दिया था।[1][2]

पंचकुमार और उनके जनक

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महाभारत युद्ध में अर्जुन के तीरों एवं भीमसेन की गदा से कौरवों का नाश हो गया। अपने राजा दुर्योधन की ऐसी हार देखकर और अपने पिता द्रोणाचार्य की मृत्यु का स्मरण कर अश्वत्थामा अधीर हो गया। छुप कर वह पांडवों के शिविर में पहुँचा और घोर कालरात्रि में कृपाचार्य तथा कृतवर्मा की सहायता से पांडवों के बचे हुए वीर महारथियों को मार डाला और पांडवों के पाँचों पुत्रों के सिर भी काट डाले।

  1. Menon, Ramesh (2006). The Mahabharata : a modern rendering. New York: iUniverse, Inc. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780595401888.[अविश्वनीय स्रोत?]
  2. van Buitenen, J.A.B., संपा॰ (1981). The Mahābhārata. van Buitenen द्वारा अनूदित (Phoenix संस्करण). Chicago: University of Chicago Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9780226846644.

बाहरी कड़ियाँ

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