पगला कहीं का
पगला कहीं का 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है। यह शक्ति सामंत द्वारा निर्देशित है। इसमें शम्मी कपूर, आशा पारेख, हेलन और प्रेम चोपड़ा हैं। इन चारों ने इससे पहले बहुत बड़ी हिट फिल्म, तीसरी मंज़िल (1966) में अभिनय किया था। यह फिल्म मोहम्मद रफी के अमर गीत "तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे" के लिए जानी जाती है।[1] इसके अतिरिक्त, गीत "मेरी भैंस को डंडा क्यों मारा" भी क्लासिक बन गया है। फिल्म का संगीत शंकर जयकिशन द्वारा दिया गया है।
पगला कहीं का | |
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पगला कहीं का का पोस्टर | |
निर्देशक | शक्ति सामंत |
निर्माता | अजीत चक्रवर्ती |
अभिनेता |
शम्मी कपूर, आशा पारेख, प्रेम चोपड़ा, हेलन |
संगीतकार | शंकर-जयकिशन |
प्रदर्शन तिथि |
1970 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंजब सुजीत (शम्मी कपूर) छह साल का था, अपने पिता अजीत को पागलखाने में मिलने के बाद उसको मानसिक परेशानी होने लगी थी। इसके बाद, वह परेशानी में पड़ता रहता है और अनाथालय से भी भाग जाता है। वर्षों बाद, संगीतकार और गायक, श्याम (प्रेम चोपड़ा), सुजीत को सड़क के किनारे गाता हुआ पाता है। वह उसे एक नाइट क्लब में गायक के रूप में रखने का फैसला करता है। यहीं पर सुजीत की मुलाकात नर्तकी जैनी (हेलन) से होती है और दोनों एक दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। जब वे शादी करने की अपनी योजना की घोषणा करते हैं, तो यह बात नाइट क्लब के मालिक मैक्स (के एन सिंह) को नागवार गुजरती है।
एक बहस होती है और मैक्स बंदूक निकालता है। इसमें श्याम मैक्स को मार देता है। सुजीत ये खून अपने ऊपर लेने का फैसला करता है और उसे पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाता है। फांसी से बचने के लिए, वह पागलपन का नाटक करता है और मानसिक अस्पताल में भर्ती करने का आदेश दिया जाता है। वहाँ, उसे डॉ. शालिनी (आशा पारेख) की देखभाल के तहत रखा जाता है। उसे लगभग एक साल बाद छुट्टी दे दी जाती है। वह जैनी और श्याम की सगाई की पार्टी के समय पर नाइट क्लब में लौटता है। इस विश्वासघात पर वह चकित रह जाता है। भ्रमित होकर और गुस्से में, वह वास्तव में पागल हो जाता है। उसे फिर से उसी अस्पताल में भर्ती किया जाता है। लेकिन इस बार उनके ठीक होने की संभावना बहुत कम है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- शम्मी कपूर ― सुजीत
- आशा पारेख ― डॉ. शालिनी 'शालू'
- प्रेम चोपड़ा ― श्याम
- मनमोहन कृष्णा ― डॉ. शाह
- ब्रह्म भारद्वाज ― वकील एस के मेहता
- हेलन ― जैनी
- मोहन चोटी ― कैदी - महामंत्री
- असित सेन ― कैदी - भैंसा
- के एन सिंह ― मैक्स
संगीत
संपादित करेंसभी शंकर-जयकिशन द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायक | अवधि |
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1. | "तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी | 4:34 |
2. | "लोग कहे मुझे पगला कहीं का" | हसरत जयपुरी | मोहम्मद रफी | 4:45 |
3. | "सुनो जिंदगी गाती है" | हसरत जयपुरी | आशा भोंसले | 4:58 |
4. | "मेरी भैंस को डंडा क्यों मारा" | हसरत जयपुरी | मन्ना डे | 5:26 |
5. | "ऐ मेरे दिल यहाँ तू अकेला" | एस॰ एच॰ बिहारी | मोहम्मद रफी | 4:50 |
6. | "तुम मुझे यूँ भुला ना पाओगे" | हसरत जयपुरी | लता मंगेशकर | 5:15 |
कुल अवधि: | 29:50 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे...अधूरी मोहब्बत का मुकम्मल एहसास..." अमर उजाला. अभिगमन तिथि 4 मई 2019.