पालघर लिंचिंग
16 अप्रैल 2020 को एक ग्रामीण सुरक्षा समूह ने दो हिंदू साधुओं और उनके ड्राइवर की गडचिंचले गांव , पालघर जिला, महाराष्ट्र, भारत में हत्या कर दी । यह घटना देश भर में कोरोनोवायरस लॉकडाउन के दौरान हुई जब व्हाट्सएप द्वारा अफवाह फैला दी गई थी की आसपास के क्षेत्र में चोर सक्संरिय हैं. ग्रामीणों के सुरक्षा समूह ने तीन यात्रियों को चोर समझकर उनकी हत्या कर दी थी। [1] हस्तक्षेप करने वाले पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया गया; जिसमें चार पुलिसकर्मी और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घायल हो गए। [2] [3]
पालघर लिंचिंग | |
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स्थान | गडचिंचले गांव, पालघर |
तिथि | १६ अप्रैल |
आक्रमण प्रकार | हत्या |
मृत्यु | ३ |
घायल | 5 |
१५ मई तक, 1३४ ग्रामीणों को महाराष्ट्र पुलिस ने हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया है और एक जांच जारी है।[4][5] [6] [7] घटना के बाद धार्मिक तनाव फैलाने के लिए अफवाह फैलाई गई। [8] 22 अप्रैल को, महाराष्ट्र के गृह मंत्री, अनिल देशमुख ने गिरफ्तार लोगों की एक पूरी सूची प्रकाशित की, गिरफ्तार गए लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं था । [9] सरकार ने कहा कि हमलावर और पीड़ित दोनों एक ही धर्म के थे। [3]
पृष्ठभूमि
संपादित करेंपिछले कुछ वर्षों से, भारत में व्हाट्सएप पर अफवाहों के कारण हुए हमले और लिंचिंग की कई घटनाएं हुईं, जहां झूठी ख़बरों और अफवाहों के तेजी से प्रसार के कारण हिंसक परिणाम सामने आए। अक्सर झूठी अफवाहों में बच्चे के अपहरण या डाकुओं के घूमने की अफवाहें शामिल होती हैं। [10] [8]
रात में क्षेत्र में मानव अंग तस्करी करने वाले गिरोहों और अपहरणकर्ताओं की संभावित गतिविधि के बारे में गांव में अफवाह फैलने के बाद, ग्रामीणों ने एक सुरक्षा समूह बनाया । [11] गडचिंचले सरपंच (ग्राम प्रधान) के अनुसार मैसेजिंग ऐप व्हाट्सएप से गाँव में एक अफवाह फैली हुई थी, जिसमे दावा किया जा रहा है कि देश भर में तालाबंदी के दौरान, पड़ोस के इलाके में बच्चों चोर और मानव अंगो की तस्करी करने वाला एक गिरोह सक्रिय था। [12] घटना के समय कोरोनोवायरस महामारी के कारण भारत में देशव्यापी तालाबंदी चल रही थी [1] रात में वाहन के आने से ग्रामीणों को संदेह हुआ कि यात्री बच्चे चोरों के गिरोह के सदस्य थे। [13]
घटना
संपादित करेंदो जूना अखाड़ा साधु [14] चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70 वर्ष) और सुशीलगिरि महाराज (35 वर्ष) अपने 30 वर्षीय चालक नीलेश तेलगड़े के साथ सूरत में स्थित अपने गुरु श्री महंत रामगिरी [15] के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए यात्रा कर रहे थे। [16] [17] लगभग 10 बजे, जब वे मुंबई से 140 किलोमीटर उत्तर में, स्थित गडचिंचले गाँव से गुजर रहे थे, तब मुंबई के एक वन विभाग के संतरी ने उनकी कार को स्थानीय चौकी पर रोका। जब वे संतरी के समूह से बात कर रहे थे तब ग्सरामीण सुरक्षा समूह ने उन पर लाठी और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। [11] इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार अफवाहों की वजह से, ग्रामीणों ने यात्रियों को गलती से बच्चा चोर और अंग तस्कर समझ लिया था और क्रोघ में उन पर आक्रमण कर दिया। [18] [8]
17 अप्रैल को प्रकाशित रिपोर्टों के अनुसार, पुलिस ने भीड़ को नियंत्रित करने की कोशिश की थी, लेकिन बीच-बचाव करने की कोशिश करने पर उन्हें भी ग्रामीणों द्वारा पीटा गया। [2] [19] [20] घटना में चार पुलिसकर्मियों और एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी को चोटें आईं। [3]
19 अप्रैल को, घटना के कई सारे वीडियो वीडियो वायरल हुए। एक वीडियो में, एक पुलिस अधिकारी एक इमारत से कल्पवृक्षगिरि का नेतृत्व करते हुए दिखाई दे रहा है। भीड़ कल्पवृक्षगिरी पर हमला करना शुरू कर देती है, जो अपने जीवन के लिए भीख मांगते हुए देखा जाता है, साथ मौजूद पुलिसकर्मी स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश करते हैं। इसी बीच हमलावर कल्पवृक्षगिरी को ले जाते हैं और उसकी हत्या कर देते हैं। [21] [22] [23] एक अन्य वीडियो में भीड़ पुलिस के गश्ती वाहन की खिड़कियों को तोड़ती हुई दिखाई दे रही है । एक अन्य वीडियो में टूटे हुए कांच के साथ लुढ़का हुआ पुलिस गश्ती वाहन देखा जाता है।
गिरफ्तारियां
संपादित करेंमहाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के अनुसार, अपराध के 8 घंटे के भीतर 101 लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। [24] उन लोगों में नौ किशोर भी शामिल थे और दो पुलिस अधिकारियों को ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित कर दिया गया था, जब तक कि मामले की जांच नहीं की जाती। [5] [25] [8] [26] पुलिस ने बताया कि सभी आरोपी पालघर जिले के विक्रमगढ़ तालुका और दहानू तालुका के गडचिंचले गाँव के थे।
22 अप्रैल को, गृह मंत्री देशमुख ने गिरफ्तार किए गए लोगों की एक पूरी सूची पोस्ट की, और कहा कि गिरफ्तार किए गए लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं था और महाराष्ट्र में विरोधी दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) इस घटना को एक धार्मिक हिंदू-मुस्लिम मुद्दे को भुनाने की कोशिश कर रहा था । [9] उन्होंने कहा कि मामले की जांच महाराष्ट्र CID (आपराधिक जांच विभाग) द्वारा की जा रही है। [27] सरकार ने कहा कि हमलावर और पीड़ित एक ही धर्म के थे। [3] [8] [28]
19 अप्रैल की शाम को, राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बयान जारी किया कि इस लिंचिंग में शामिल अपराधियों को न्याय दिलाया जाएगा। उन्होंने कहा कि आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए और मामले को महाराष्ट्र राज्य के आपराधिक जांच विभाग और अतिरिक्त महानिदेशक अतुलचंद्र कुलकर्णी को स्थानांतरित कर दिया। राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने लिंचिंग घटना की जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच की घोषणा की। [29] ठाकरे ने कहा कि अधिकारी तेजी से सुनवाई करेंगे और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई करेंगे और उन लोगों की भी जांच कर रहे हैं जिन्होंने अफवाहें फैलाई थीं और घ्रिनास्पद सन्देश भेजे थे । [1] [30]
प्रतिक्रिया
संपादित करेंवीडियो के सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद 19 अप्रैल को इस घटना ने देशव्यापी आक्रोश को आकर्षित किया। [17] [30]
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सहित विपक्षी नेताओं ने घटना की उच्च स्तरीय जांच की मांग की। [31] [32] 20 अप्रैल को, जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर महंत हरि गिरि ने अपराधियों और पुलिस के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। [33]
उद्धव ठाकरे ने गृह मंत्री अमित शाह से उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया जो धार्मिक तनाव फैला रहे थे। [34] [35] महाराष्ट्र राज्य कांग्रेस के महासचिव सचिन सावंत ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर लिंचिंग को लेकर "सांप्रदायिक राजनीति" करने का आरोप लगाया। सावंत ने बताया की “गाँव पिछले दस वर्षों से भाजपा के गढ़ के रूप में जाना जाता है। वर्तमान मुखिया पद पर भी भाजपा का नेता है । घटना के बाद गिरफ्तार किए गए ज्यादातर लोग भाजपा से हैं। ” भाजपा ने आरोपों से इनकार किया। [36]
भारत के राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने महाराष्ट्र पुलिस प्रमुख को एक अनुरोध भेजा है जिसमें आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ितों के रिश्तेदारों को प्रदान की गई किसी भी राहत के विवरण के साथ, चार सप्ताह के भीतर, रिपोर्ट भेजने को कहा है। [37]
सन्दर्भ
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अमान्य टैग है; ":5" नाम कई बार विभिन्न सामग्रियों में परिभाषित हो चुका है - ↑ LucknowApril 20, Press Trust of India; April 20, 2020UPDATED; Ist, 2020 14:03. "Palghar mob lynching: Have asked Maharashtra CM to take strict action against culprits, says Yogi Adityanath". India Today (अंग्रेज़ी में). मूल से 14 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-21.
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- ↑ Apr 21, Sheo S. Jaiswal | TNN | Updated; 2020; Ist, 15:49. "Akhara seers angry with police & administration over Palghar lynching of sadhus, demand swift & strict action | Dehradun News - Times of India". The Times of India (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-21.
- ↑ "Uddhav Thackeray urges Amit Shah for action against communal twist to Palghar lynching". The Times of India (अंग्रेज़ी में). 20 April 2020. अभिगमन तिथि 2020-04-20.
- ↑ "Thackeray urges Amit Shah to take action against those giving communal twist to Palghar lynching". www.telegraphindia.com (अंग्रेज़ी में). मूल से 24 अप्रैल 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-20.
- ↑ "Political blamegame over Palghar mob lynching of Hindu seers". The Week (अंग्रेज़ी में). मूल से 18 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-22.
- ↑ "No Muslim among 101 arrested over Palghar lynching: Maharashtra home minister". The Week (अंग्रेज़ी में). मूल से 6 मई 2020 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2020-04-22.