पाली पछांऊॅं
पाली पछांऊॅं एक क्षेत्र का नाम है जो भारतवर्ष के उत्तराखण्ड राज्य में कुमाऊँ मण्डल के अन्तर्गत अल्मोड़ा जिले में है।[1][2][3] कत्यूरी राजवंश से लेकर 14 अगस्त, 1947 तक पाली पछांऊॅं कुमांऊँ क्षेत्र का एक परगना अर्थात् तत्कालीन तहसील रूपी केन्द्र था।
पाली पछांऊॅं | |||||||
— अल्मोड़ा जिले में एक ऐतिहासिक परगना — | |||||||
समय मंडल: आईएसटी (यूटीसी+५:३०) | |||||||
देश | भारत | ||||||
राज्य | उत्तराखण्ड | ||||||
ज़िला | अल्मोड़ा | ||||||
लिंगानुपात | 862 ♂/♀ | ||||||
क्षेत्रफल • ऊँचाई (AMSL) |
• 1,350 मीटर (4,429 फी॰) | ||||||
जलवायु तापमान • ग्रीष्म • शीत |
ऑलपाइन आर्द्र अर्ध-उष्णकटिबन्धीय (कॉपेन) • 28 - -2 °C (84 °F) • 28 - 12 °C (70 °F) • 15 - -2 °C (61 °F) | ||||||
विभिन्न कोड
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आधिकारिक जालस्थल: almora.nic.in |
निर्देशांक: 29°47′49″N 79°17′38″E / 29.796822°N 79.293988°E
ऐतिहासिक पृष्टभूमि
संपादित करेंपाली पछांऊॅं की ऐतिहासिक पृष्टभूमि प्राचीनतम है। ईसा से लगभग 2500 वर्ष पूर्व कत्यूरी शासन काल से लेकर 14 अगस्त, 1947 तक यह कुमांऊँ क्षेत्र के परगना नामक क्षेत्रीय राजधानी तुल्य केन्द्र रहा है। इसी पाली पछांऊॅं नामक केन्द्र से कुमांऊँ क्षेत्र के हजारों गॉंवों के राज-काज चलाने की बागडोर होती थी।
भौगोलिक संरचना
संपादित करेंसभ्यता, संस्कृति एवं वेश-भूषा
संपादित करेंपाली पछांऊॅं की सभ्यता एवं संस्कृति पूर्ण रूप से कुमांऊॅंनी और हिन्दू है। घरों की बनावट व सजावट में ही सर्वप्रथम पर्वतीय लोक कला व संस्कृति दृष्टिगोचर होती है। दशहरा, दीपावली, नामकरण, जनेऊ आदि शुभ अवसरों पर महिलाएँ घर में ऐंपण (अर्पण) बनाती हैं। इसके लिए घर, ऑंगन तथा सीढ़ियों को गेरू से लीपा जाता है। चावलों को भिगोकर पीसा जाता है तथा उसके लेप से आकर्षक चित्र बनाए जाते हैं। विभिन्न अवसरों पर नामकरण-चौकी, सूर्य-चौकी, स्नान-चौकी, जन्मदिन-चौकी, यज्ञोपवीत-चौकी, विवाह-चौकी, धूमिलअर्ध्य-चौकी, वर-चौकी, आचार्य-चौकी, अष्टदल-कमल, स्वास्तिक-पीठ, विष्णु-पीठ, शिव-पीठ, सरस्वती-पीठ तथा विभिन्न प्रकार की परम्परागत कलाकृतियॉं बनाई जाती हैं। इन्हेें तकरीबन महिलाऐं व बालिकाऐं ही बनाती हैं।
बोली भाषा
संपादित करेंयहॉं की बोलचाल की भाषा अर्थात बोली को पाली पछांऊॅं की कुमांऊॅंनी कहा जाता है। सरकारी कामकाज में बोलने व लिखने की भाषा हिन्दी है। अध्ययन व अध्यापन हिन्दी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में पाया जाता है।
पाली पछांऊॅं के अन्तर्गत पट्टियॉं
संपादित करें- वल्ला दोरा
- पल्ला दोरा
- मल्ला गेवाड़
- तल्ला गेवाड़
- मल्ला चौकोट
- तल्ला चौकोट
- बिचला चौकोट
- वल्ला नया
- तल्ला नया
- वल्ला सल्ट
- पल्ला सल्ट
- तल्ला सल्ट
- मल्ला सल्ट
दर्शनीय स्थल
संपादित करें- दूनागिरी
- द्वाराहाट
- मॉं मानिलादेवी
- पौराणिक बृद्धकेदार
- नैधणा (नैथनादेवी)
- सोमनाथेश्वर महादेव
- सोमनाथ मेला
- पौराणिक बृद्धकेदार
- गैरसैंण
- जूनियॉं गढ़ी
- पॉण्डुखोली (पॉण्डव खोली)
पर्वत शिखर
संपादित करें- दूनागिरी
- भटकोट (लोध्र पर्वत)
- पॉणुखोली (पॅाण्डवखोली)
- मानिला
- नैधणा (नैथनादेवी)
- जौरासी
- जूनियॉं गढ़ी
- मोहणॉं धार
नदियॉं
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ पाण्डे, बद्रीदत्त (1990–97). कुमाऊँ का इतिहास पृष्ठ सं0 94,95,96,98. श्याम प्रकाशन,अल्मोड़ा. ISBN 81-900086-5-X.सीएस1 रखरखाव: तिथि प्रारूप (link)
- ↑ अठकिन्सन, एडविन टी (1974). Kumaon Hills [कुमांऊँनी पहाड़ियां] (अंग्रेज़ी में). दिल्ली: कौस्मो प्रकाशन.
- ↑ "Pali is located in the Almora tehsil of Almora district". euttaranchal villages. मूल से 1 दिसंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 24 नवम्बर 2017.