पूरब और पश्चिम
पूरब और पश्चिम 1970 में बनी हिन्दी भाषा की फिल्म है।[1] यह उपकार के पश्चात भारत कुमार के रूप में उनकी दूसरी फिल्म है। इसमें उनके साथ प्राण, अशोक कुमार, सायरा बानो, मदन पुरी, प्रेम चोपड़ा आदि हैं।[2]
पूरब और पश्चिम | |
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पूरब और पश्चिम का पोस्टर | |
निर्देशक | मनोज कुमार |
लेखक | मनोज कुमार |
कहानी | शशि गोस्वामी |
निर्माता | मनोज कुमार |
अभिनेता |
मनोज कुमार, सायरा बानो, प्राण, प्रेम चोपड़ा, अशोक कुमार, निरूपा रॉय, विनोद खन्ना, |
संगीतकार | कल्याणजी-आनंदजी |
प्रदर्शन तिथि |
1970 |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संगीत कल्याणजी आनंदजी का है। 2007 की फिल्म नमस्ते लंदन इसी फिल्म से प्रेरित है। यह मनोज कुमार की देशभक्ति पर उनकी चार फिल्मों में से एक है (सबसे पहले शहीद आई, जबकि इसके बाद रोटी कपड़ा और मकान और क्रांति आईं।)
कहानी
संपादित करें1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान हरनाम (प्राण) एक स्वतंत्रता सेनानी को धोखा देता है। उसे तो पुरस्कृत किया जाता है, लेकिन स्वतंत्रता सेनानी की हत्या हो जाती है। वर्षों बाद, भारत की आज़ादी के बाद स्वतंत्रता सेनानी का बेटा, भारत (मनोज कुमार) पढाई के लिए लंदन जाता है। वहां ब्रिटेन पहुंचने पर, भारत अपने पिता के कॉलेज मित्र, शर्मा (मदन पुरी), उनकी पत्नी रीटा (शम्मी), बेटी प्रीति (सायरा बानो) और हिप्पी बेटे शंकर (राजेन्द्रनाथ) से मिलता है। पूरी तरह से पश्चिमीकृत हो चुकी प्रीति के लंबे सुनहरे बाल हैं, वह छोटी-छोटी पोशाकें पहनती है, धूम्रपान करती है, शराब पीती है और उसे भारतीय मूल्यों के बारे में तब तक कोई जानकारी नहीं होती जब तक वह भारत से नहीं मिलती।
भारत को यह देखकर आश्चर्य होता है कि लंदन में कई भारतीय अपनी जड़ों से शर्मिंदा महसूस करते हैं और उन्होंने पश्चिमी लगने के लिए अपना नाम भी बदल लिया है। हालाँकि, उसे यह भी एहसास होता है कि अन्य लोग भारत को याद करते हैं लेकिन वित्तीय कारणों से ब्रिटेन में रह रहे हैं। जैसे शर्मा के एल सहगल के रिकॉर्ड इकट्ठे किये हुए हैं। वह उन लोगों के सोचने के तरीके को बदलने की कोशिश करता है, जबकि वह और प्रीति एक-दूसरे के प्यार में पड़ जाते हैं। बाद में अपनी मां और गुरुजी (अशोक कुमार) की मंजूरी के साथ, वह प्रीति से शादी करने का वादा करता है। भारत के आदर्शवाद से प्रभावित होकर, प्रीति उससे शादी करने के लिए सहमत हो जाती है। लेकिन अभी वह भारत जाने को तैयार नहीं होती है। जब भारत उसे मनाता है, तो वह अंततः पारंपरिक जीवनशैली अपना लेती है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- मनोज कुमार — भारत
- अशोक कुमार — भारत के गुरु / दादा
- सायरा बानो — प्रीति
- प्राण — हरनाम
- निरूपा रॉय — कौशल्या, हरनाम की पत्नी
- प्रेम चोपड़ा — ओमकार / ओपी
- मदन पुरी — डीपी शर्मा, प्रीति के पिता
- भारती — गोपी
- ओम प्रकाश — बाबा
- विनोद खन्ना — श्यामू
- कामिनी कौशल — गंगा, भारत की माता
- शम्मी — रीटा, प्रीति की माता
संगीत
संपादित करेंसभी कल्याणजी-आनंदजी द्वारा संगीतबद्ध।
क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | गायन | अवधि |
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1. | "पूर्वा सुहानी आई रे" | संतोष आनंद | लता मंगेशकर, महेन्द्र कपूर, मनहर उधास | 7:32 |
2. | "ट्विंकल ट्विंकल लिटिल स्टार" | प्रेम धवन | महेन्द्र कपूर, आशा भोंसले | 4:07 |
3. | "दुल्हन चली" | इंदीवर | महेन्द्र कपूर | 7:18 |
4. | "कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे" | इंदीवर | मुकेश | 3:33 |
5. | "भारत का रहने वाला हूँ" | इंदीवर | महेन्द्र कपूर | 5:30 |
6. | "ओम जय जगदीश हरे" | आरती | महेन्द्र कपूर, ब्रिज भूषण काबरा, श्यामा चित्तर | 6:06 |
7. | "रघुपति राघव राजा राम" | पारंपरिक गीत | महेन्द्र कपूर, मनहर उधास | 6:06 |
कुल अवधि: | 35:09 |
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "'पूरब और पश्चिम' से 'क्रांति' तक, मनोज कुमार के जन्मदिन पर उनकी सिनेमाई विरासत पर डालें एक नजर". bharat24live.com. अभिगमन तिथि 16 अगस्त 2024.
- ↑ "75 Years of Independence: 'मदर इंडिया' से लेकर 'पूरब और पश्चिम' तक नए गणराज्य की समस्याओं को बयां करती ये फिल्में". जागरण. अभिगमन तिथि 16 अगस्त 2024.