राजनीति एक प्रक्रिया है जिसमें जनता अथवा आम कार्रवाई के लिए सहमति बनायी जाती है अथवा इसमें वृद्धि की जाती है। राजनीति को दूसरे शब्दों में समूह की निर्णय-लेने का व्यवहार है। यद्यपि यह सामान्यतः सरकारों पर लागू होता है, राजनैतिक व्यवहार निगमित, शैक्षिक, धार्मिक और अन्य संस्थानों में प्रेक्षित किया जाता है। राजनैतिक व्यवहार और शक्ति का अधिग्रहण एवं अनुप्रयोग अथवा किसी एक की इच्छा को अन्यों पर लागू करने की क्षमता का अध्ययन राजनीति विज्ञान विषय में किया जाता है। इसके विद्वानों को राजनैतिक पंडित कहा जाता है।
अराजकता एक आदर्श है जिसका सिद्धांत अराजकतावाद है। अराजकतावाद राज्य को समाप्त कर व्यक्तियों, समूहों और राष्ट्रों के बीच स्वतंत्र और सहज सहयोग द्वारा समस्त मानवीय संबंधों में न्याय स्थापित करने के प्रयत्नों का सिद्धांत है। अराजकतावाद के अनुसार कार्यस्वातंत्र्य जीवन का गत्यात्मक नियम है और इसीलिए उसका मंतव्य है कि सामाजिक संगठन व्यक्तियों के कार्य स्वातंत्र्य के लिए अधिकतम अवसर प्रदान करे। मानवीय प्रकृति में आत्मनियमन की ऐसी शक्ति है जो बाह्य नियंत्रण से मुक्त रहने पर सहज ही सुव्यवस्था स्थापित कर सकती है। मनुष्य पर अनुशासन का आरोपण ही सामाजिक और नैतिक बुराइयों का जनक है। इसलिए हिंसा पर आश्रित राज्य तथा उसकी अन्य संस्थाएँ इन बुराइयों को दूर नहीं कर सकतीं। मनुष्य स्वभावत: अच्छा है, किंतु ये संस्थाएँ मनुष्य को भ्रष्ट कर देती हैं। बाह्य नियंत्रण से मुक्त, वास्तविक स्वतंत्रता का सहयोगी सामूहिक जीवन प्रमुख रीति से छोटे समूहों से संभव है; इसलिए सामाजिक संगठन का आदर्श संघवादी है। अधिक पढ़ें…