बंगबासी कालेज भारत के कोलकाता में स्थित एक महाविद्यालय है। इसमें कला, वाणिज्य और विज्ञान की शिक्षा दी जाती है।[1] यह कोलकाता विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। इसमें स्नातक और परास्नातक स्तर की शिक्षा का प्रावधान है। सन १८८७ में गिरीश चन्द्र बसु ने इसकी स्थापना की थी जो एक शिक्षाविद, समाज-सुधारक और कृषिविद थे। [2] राष्ट्रीकृत होने वाला यह पहला महाविद्यालय था। सन १९३० के सविनय अवज्ञा आन्दोलन में इस महाविद्यालय की महती भूमिका रही थी। महान क्रान्तिकारी और बलिदानी यतीन्द्रनाथ दास इसी कालेज में बी ए के छात्र थे।

बंगबासी कॉलेज
चित्र:Bangabasi College.jpg
ध्येयप्रणिप्रातेन परिप्रशनेन सेवया
(प्रणिमात्र का कल्याण, परिप्रश्न और सेवा द्वारा ज्ञान प्राप्त करो।)
प्रकारसार्वजनिक
स्थापित27 November 1887; 136 वर्ष पूर्व (27 November 1887)
Academic संबद्ध
कोलकाता विश्वविद्यालय
अध्यक्षअशोक कुमार देब
छात्र2570 + 410 (स्ववित्तपोषित)
स्नातक2550
परास्नातक20
स्थान19, राजकुमार चक्रवर्ती सारानी, सियालदा, कोलकाता, पश्चिम बंगाल, 700009, भारत
परिसरनगरीय, 0.60 एकड़ (0.24 हे॰)
भाषाअंग्रेजी और बांग्ला
जालस्थलbangabasi.ac.in

सन्दर्भ संपादित करें

  1. http://www.lawsofindia.org/pdf/west_bengal/1978/1978WB72.pdf साँचा:Bare URL PDF
  2. "Our Founder". Bangabasi College Centenary Commemoration Volume. Calcutta: Bangabasi College. 1987. मूल से 8 दिसंबर 2022 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 अक्तूबर 2022.