बानो कुदसिया
बानो कुदसिया (उर्दू: بانو قدسیه, 28 नवंबर 1928 – 4 फरवरी 2017), 'बानो आप्पा' नाम से विख्यात। पाकिस्तानी उर्दू उपन्यासकार और पटकथा लेखिका थी। ‘राजा गिद्ध’ उनका प्रसिद्ध उपन्यास है। [1] उनकी अन्य प्रमुख रचनाओं में आतिश-ए-जोरि -पा, एक दिन, अमर बेल, चहर चमन, फुटपाथ की घास और हवा के नाम आदि शामिल हैं। उनका जन्म 28 नवंबर, 1928 को फिरोजपुर पंजाब (ब्रिटिश भारत) में हुआ था। उन्हें पाकिस्तान सरकार द्वारा वर्ष 1983 में सितारा-ए-इम्तियाज और वर्ष 2010 में हिलाल-ए-इम्तियाज पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 4 फरवरी, 2017 को लाहौर में उनका निधन हो गया। [2]
बानो कुदसिया (उर्दू:بانو قدسیه) | |
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जन्म | कुदसिया चट्ठा 28 नवम्बर 1928 फिरोजपुर, पंजाब, ब्रिटिश भारत |
मौत | 4 फ़रवरी 2017 लाहौर, पाकिस्तान | (उम्र 88 वर्ष)
पेशा | लेखक, नाटककार, बौद्धिक |
राष्ट्रीयता | पाकिस्तानी |
उच्च शिक्षा | किनाइर्द कॉलेज गवर्नमेंट कॉलेज यूनिवर्सिटी (लाहौर) |
विधा | उपन्यास |
विषय | साहित्य, दर्शन, मनोविज्ञान, समाजशास्त्र |
उल्लेखनीय कामs | राजा गिद्ध |
खिताब | सितारा-ए-इम्तियाज़, हिलाल-ए-इम्तियाज |
जीवनसाथी | असफक अहमद |
साहित्यिक जीवन
संपादित करेंउनका लेखन देश और विदेश में लोकप्रिय था। उन्होंने बचपन में ही लघु कहानियों का लेखन शुरू कर दिया था लेकिन उन्हें 'राजा गिद्ध' उपन्यास से प्रसिद्धि मिली। इस उपन्यास की देश और विदेश में खूब तारीफ हुई थी। उन्होंने आधी बात, आतिश-ए-जर-पा, इक दिन, अमर बेल, चाहर चमन, फुटपाथ की घास और हवा क्या नाम जैसी कई लोकप्रिय किताबें लिखी थीं। उनका नाटक 'आधी बात' एक क्लासिक रचना माना जाता है। [3]
व्यक्तिगत जीवन
संपादित करेंबानो बंटवारे के बाद पाकिस्तान में बस गई थीं। उनके पति अशफाक अहमद उर्दू अदब की बड़ी हस्तियों में से एक थे।
निधन
संपादित करेंउन्हें हृदय से संबंधित दिक्कतों के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई। उन्होंने 4 फरवरी 2017 की शाम अंतिम सांस ली। उनके पार्थिव शरीर को लाहौर के मॉडल टॉउन में उनके पति अशफाक अहमद की कब्र के पास ही दफनाया गया।[4]
ग्रंथ सूची
संपादित करें- नाटक
- छोटा शहर बड़े लोग ISBN 9-69351-998-1
- फिर अचानक यूं हुआ ISBN 9-69351-823-3
- लगन अपनी अपनी ISBN 9-69351-533-1
- आधी बात ISBN 9-69351-139-5
- फूट पाथ की घास ISBN 9-69351-086-0
- उपन्यास
- राजा गिद्ध ISBN 9-69350-514-X
- एक दिन ISBN 9-69350-508-5
- हासिल घाट ISBN 9-69351-496-3
- शहर ए लजवाल – आवाद वीराने ISBN 9-69352-441-1
- कहानी
- हिजरातों के दरमियान ISBN 9-69352-366-0
- दस्त वास्ता ISBN 9-69351-324-X
- आत्म कथा
- राह-ए-रवां ISBN 9-69352-315-6
सम्मान/पुरस्कार
संपादित करेंउन्हें 2003 में सितारा-ए-इम्तियाज और 2010 में हिलाल-ए-इम्तियाज से नवाजा गया। [5]
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Bano Qudsia's 'Raja Gidh' inspires audience" [बानो कुदसिया का 'राजा गिद्ध' दर्शकों को प्रेरित करता है]. आर एस पी के पाक सोसाइटी (अंग्रेज़ी में). मूल से 5 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फ़रवरी 2017.
- ↑ "Bano Qudsia passes away" [बानो कुदसिया का निधन] (अंग्रेज़ी में). नेशन डॉट कॉम डॉट पीके. 5 फरवरी 2017. मूल से 9 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फरवरी 2017.
- ↑ "प्रसिद्ध उर्दू लेखिका बानो कुदसिया का निधन". जागरण जोश. 5 फरवरी 2017. मूल से 8 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फरवरी 2017.
- ↑ "नहीं रहीं जानीमानी उर्दू लेखिका बानो कुदसिया". नई दुनिया. 5 फरवरी 2017. मूल से 11 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फरवरी 2017.
- ↑ "पाक उपन्यासकार बानो कुदसिया का निधन". पंजाब केसरी. 5 फरवरी 2017. मूल से 11 फ़रवरी 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 9 फरवरी 2017.