भारत के प्रशासनिक विभाग
प्रशासनिक दृष्टि से भारत राज्यों या प्रान्तों में विभक्त है; राज्य, जनपदों (या जिलों) में विभक्त हैं, जिले तहसील (तालुक या मण्डल) में विभक्त हैं। यह विभाजन और नीचे तक गया है।

राज्य
संपादित करेंभारत २८ राज्यों और ८ केंद्र शासित प्रदेशों (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र सहित) से मिलकर बना है।[1] केंद्र शासित प्रदेश उप-राज्यपाल द्वारा संचालित होते हैं, जिसे भारत के राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किया जाता है। आठों प्रदेशों में से दो (दिल्ली और पुडुचेरी) को आंशिक राज्य का दर्जा दिया गया है। इन प्रदेशों में सीमित शक्तियों वाली निर्वाचित विधायिकाओं और मंत्रियों की कार्यकारी परिषदों का प्रावधान है।
अंचल
संपादित करेंभारत के सभी राज्यों को के बीच सहकारी कार्यों में सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए इन राज्यों को एक सलाहकार परिषद वाले छह अंचलों में समूहबद्ध किया गया है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम के तीसरे भाग के अंतर्गत १९५६ में पांच आंचलिक परिषदों की स्थापना की गई थी। पूर्वोत्तर राज्यों की विशेष समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उत्तर पूर्वी परिषद अधिनियम के अंतर्गत १९७२ में पूर्वोत्तर अंचल का गठन किया गया।[2] उत्तर-पूर्वी परिषद (संशोधन) अधिनियम द्वारा २३ दिसंबर २००२ को पूर्वोत्तर अंचल में सिक्किम राज्य को भी शामिल कर दिया गया।[3] अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह और लक्षद्वीप किसी भी अंचल में शामिल नहीं हैं,[4] हालांकि ये दक्षिणी आंचलिक परिषद के विशेष आमंत्रितों में हैं।[5] वर्तमान में प्रत्येक क्षेत्रीय परिषद की संरचना निम्नानुसार है:[6]
अंचल का नाम | शामिल राज्य |
---|---|
उत्तरी अंचल | चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, राजस्थान, हरियाणा तथा हिमाचल प्रदेश |
मध्य अंचल | बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, उत्तराखण्ड |
पूर्वोत्तर अंचल | अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैण्ड, सिक्किम, त्रिपुरा |
पूर्वी अंचल | छत्तीसगढ़, झारखण्ड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल |
पश्चिमी अंचल | दादरा और नगर हवेली, दमन और दीव, गोवा, गुजरात, महाराष्ट्र |
दक्षिणी अंचल | आन्ध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, पुदुच्चेरी, तमिल नाडु, तेलंगाना विशेष आमंत्रित {अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह, लक्षद्वीप) |
क्षेत्र
संपादित करेंयह भारत की अनौपचारिक या अर्ध-आधिकारिक क्षेत्रों की सूची है। कुछ क्षेत्र भौगोलिक, जातीय, भाषाई, बोली, या सांस्कृतिक दृष्टि में एक हैं, और कुछ ऐतिहासिक देशों, राज्यों या प्रांतों के अनुरूप हैं।
नाम | चित्र | जनसंख्या (२०११) | सबसे बड़ा नगर | क्षेत्रफल | राज्य | केन्द्र-शासित प्रदेश |
---|---|---|---|---|---|---|
मध्य भारत | १०,०५,२५,५८० | इंदौर | ४,४३,४४३ किमी२ | २ | - | |
पूर्वी भारत | २२,६९,२५,१९५ | कोलकाता | ४,१८,३२३ किमी२ | ४ | १ | |
उत्तर भारत | ३७,६८,०९,७२८ | दिल्ली | १०,१०,७३१ किमी२ | ७ | २ | |
पूर्वोत्तर भारत | ४,५५,८७,९८२ | गुवाहाटी | २,६२,२३० किमी२ | ८ | - | |
दक्षिण भारत | २५,३०,५१,९५३ | बैंगलोर | ६,३५,७८० किमी२ | ५ | २ | |
पश्चिमी भारत | १७,३३,४३,८२१ | मुंबई | ५,०८,०३२ किमी२ | ३ | २ |
राज्यों के भीतर क्षेत्र
संपादित करेंकुछ राज्यों में उन क्षेत्रों का भी समावेश है, जिनके पास कोई आधिकारिक प्रशासनिक सरकारी स्थिति नहीं है। वे विशुद्ध भौगोलिक क्षेत्र हैं; हालांकि कुछ क्षेत्र ऐतिहासिक देशों, राज्यों या प्रांतों के अनुरूप भी हैं। एक क्षेत्र में एक या एक से अधिक मण्डल शामिल हो सकते हैं, लेकिन, क्षेत्रों की और मण्डलों की सीमाऐं हमेशा बिल्कुल एक नहीं होती है। अब तक इन क्षेत्रों को आधिकारिक प्रशासनिक स्थिति देने के लिए कोई बड़ा आंदोलन नहीं रहा है।
ज़िले
संपादित करेंराज्यों (या मण्डलों) को आगे जनपदों (जिलों) में विभाजित किया जाता है। २०१६ तक भारत में ६९६ जनपद हैं। प्रत्येक जनपद का अध्यक्ष एक आईएएस अधिकारी होता है, जिसे डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट कहा जाता है
मण्डल
संपादित करेंकुछ भारतीय राज्यों को मण्डलों में भी विभाजित किया गया है। इन मण्डलों की आधिकारिक प्रशासनिक स्थिति होती है और प्रत्येक मण्डल का नेतृत्व एक आईएएस अधिकारी करता है, जिसे डिवीजनल कमिश्नर कहते हैं। प्रत्येक मण्डल में कई जिले शामिल होते हैं:
उपखंड
संपादित करेंतहसील, तालुका, मंडल, उपखंड, महकमा, कई गांवों या गांव समूहों का समूह हैं, जिनके अध्यक्ष तहसीलदार, तालुकाधर या एमआरओ होते हैं। तहसील स्तर के सरकारी निकायों को पंचायत समिति कहा जाता है। प्रत्येक राज्य अपने उपखंडों के लिए अलग-अलग नामों का उपयोग करते हैं:
राज्य | उपखंड | संख्या |
---|---|---|
आंध्र प्रदेश | मंडल | ६६४[7] |
अरुणांचल प्रदेश | सर्कल | १४९ |
असम | महकमा | ७८ |
बिहार | उपखंड | ५८ |
छत्तीसगढ़ | तहसील | ९७ |
गोवा | तालुका | १२ |
गुजरात | तालुका | २४९ |
हरियाणा | तहसील | ६७ |
हिमाचल प्रदेश | तहसील | १४९ |
जम्मू एवं काश्मीर | तहसील | ५९ |
झारखण्ड | उपखंड | ४५ |
कर्नाटक | तालुका | १७५ |
केरल | तालुका | ७५ |
मध्य प्रदेश | तहसील | २५९ |
महाराष्ट्र | तालुका | ३५३ |
मणिपुर | उपखंड | ६८ |
नागालैंड | सर्कल | ९३ |
उड़ीसा | तहसील | ३१७ |
पंजाब | तहसील | ७२ |
राजस्थान | तहसील | २४१ |
सिक्किम | उपखंड | ९ |
तमिलनाडु | तालुका | २०१ |
तेलंगाना | मंडल | ४५२ |
त्रिपुरा | महकमा | २३ |
उत्तर प्रदेश | तहसील | ३०५ |
उत्तराखण्ड | तहसील | १०२ |
पश्चिम बंगाल | महकमा | ६२ |
केंद्र शासित प्रदेश | उपखंड | संख्या |
---|---|---|
अण्डमान और निकोबार द्वीपसमूह | तहसील | ७ |
लक्षद्वीप | उपखंड | ४ |
चंडीगढ़ | तहसील | १ |
दादरा और नगर हवेली | तालुका | १ |
दमन और दीव | तालुका | २ |
दिल्ली | तहसील | ३४ |
पुडुचेर्री | कम्यून पंचायत | १० |
विकासखण्ड
संपादित करेंविकासखंड, जिन्हें सामुदायिक विकास खंड या सीडी.ब्लॉक भी कहते हैं, प्रायः तहसील के बाद प्रशासनिक प्रभाग का अगला स्तर है।
राज्य | विकासखंडों की संख्या |
---|---|
मेघालय | ३९ |
मिजोरम | २२ |
बिहार | ५३३ |
झारखण्ड | २६३[8] |
त्रिपुरा | ५८ |
उत्तराखण्ड | ९५ |
पश्चिम बंगाल | ३४१ |
स्थानीय निकाय
संपादित करेंमहानगरीय क्षेत्र
संपादित करेंमहानगरीय क्षेत्र में आमतौर पर कई नगरपालिकाएं शामिल हैं: जिनमें कई नगर, कस्बे, उपनगर, और यहां तक कि जिले भी शामिल होते हैं। जैसे जैसे सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक बदलाव आए हैं, महानगरीय क्षेत्र महत्वपूर्ण आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्र बनते गए हैं। मुंबई, दिल्ली, कोलकाता, चेन्नई, पुणे, हैदराबाद और बेंगलुरू भारत के प्रमुख महानगर हैं।
ग्रामीण स्तर पर
संपादित करें- ग्राम
ग्राम भारत में उपविभागों का सबसे निम्न स्तर है। ग्राम स्तर के सरकारी निकायों को ग्राम पंचायत कहा जाता है, जो कि २००२ में अनुमानित २,५६,००० थे। प्रत्येक ग्राम पंचायत के अधिकार क्षेत्र में एक बड़ा ग्राम या छोटे ग्रामों का एक समूह होता है, जिनकी कुल मिलाकर ५०० ग्राम सभा से अधिक जनसंख्या होती है। ग्रामों के समूहों को कभी-कभी होब्ली या पट्टी भी कहा जाता है।
- बस्तियां
कुछ सरकारी कार्य और गतिविधियां - जिनमें साफ पेयजल की उपलब्धता, ग्रामीण विकास और शिक्षा शामिल हैं - एक ग्राम से भी निचले स्तर पर ही करी जाती हैं।[9] इनको ही "बस्तियों" कहा जाता है। भारत में ऐसी १७,१४,५५६ बस्तियां हैं।[10] कुछ राज्यों के अधिकांश गांवों में एक ही बस्ती है; लेकिन दूसरों में (विशेषकर केरल और त्रिपुरा) के गांवों में बस्तियों का उच्च अनुपात है।[11]
ऐतिहासिक विभाजन
संपादित करें- परगना
- सरकार
- सूबा
सन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Archived copy". Archived from the original on 6 July 2010. Retrieved 2010-07-05.
{{cite web}}
: CS1 maint: archived copy as title (link) States and Union Territories of India - Source - Government of India Official Website - ↑ "Archived copy". Archived from the original on 15 April 2012. Retrieved 2012-03-25.
{{cite web}}
: CS1 maint: archived copy as title (link) - ↑ "Zonal Council |". mha.nic.in. Archived from the original on 12 मई 2017. Retrieved 2016-10-26.
- ↑ "THE STATES REORGANISATION ACT, 1956 (ACT NO.37 OF 1956) PART – III ZONES AND ZONAL COUNCILS" (PDF). Interstatecouncil.nic.in. Archived (PDF) from the original on 17 फ़रवरी 2017. Retrieved 27 December 2017.
- ↑ "PRESENT COMPOSITION OF THE SOUTHERN ZONAL COUNCIL" (PDF). Interstatecouncil.nic.in. Archived (PDF) from the original on 17 फ़रवरी 2017. Retrieved 27 December 2017.
- ↑ "Archived copy". Archived from the original on 8 May 2012. Retrieved 2012-03-07.
{{cite web}}
: CS1 maint: archived copy as title (link) - ↑ "List of Mandals" (PDF). msmehyd.ap.nic.in. Andhra Pradesh State. Archived from the original (PDF) on 11 September 2016. Retrieved 3 September 2016.
- ↑ "Names of Blocks of Jharkhand". Jharkhandi Baba (in अमेरिकी अंग्रेज़ी). 2017-10-21. Archived from the original on 21 अक्तूबर 2017. Retrieved 2017-10-21.
{{cite news}}
: Check date values in:|archive-date=
(help) - ↑ Indian Department of Drinking Water Supply Archived 21 जुलाई 2011 at the वेबैक मशीन
- ↑ [1] [मृत कड़ियाँ]
- ↑ Indian Department of Education Archived 21 जुलाई 2011 at the वेबैक मशीन