मातृवंश समूह डी
मनुष्यों की आनुवंशिकी (यानि जॅनॅटिक्स) में मातृवंश समूह डी या माइटोकांड्रिया-डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप D एक मातृवंश समूह है। इस मातृवंश के लोग ज़्यादातर पूर्वोत्तर एशिया (ख़ासकर साइबेरिया), मूल अमेरिकी आदिवासी समुदायों, मध्य एशिया और कोरिया में भारी संख्या में और पूर्वोत्तर यूरोप और मध्य पूर्व के दक्षिण-पश्चिमी एशियाई इलाक़ों में हलकी संख्या में मिलते हैं।[1][2]
वैज्ञानिकों की मान्यता है के जिस स्त्री के साथ इस मातृवंश की शुरुआत हुई वह आज से क़रीब ४८,००० साल पहले पूर्व एशिया में कहीं रहती थी।[3] ध्यान दें के कभी-कभी मातृवंशों और पितृवंशों के नाम मिलते-जुलते होते हैं (जैसे की पितृवंश समूह डी और मातृवंश समूह डी), लेकिन यह केवल एक इत्तेफ़ाक ही है - इनका आपस में कोई सम्बन्ध नहीं है।
अन्य भाषाओँ में
संपादित करेंअंग्रेज़ी में "वंश समूह" को "हैपलोग्रुप" (haplogroup), "पितृवंश समूह" को "वाए क्रोमोज़ोम हैपलोग्रुप" (Y-chromosome haplogroup) और "मातृवंश समूह" को "एम॰टी॰डी॰एन॰ए॰ हैपलोग्रुप" (mtDNA haplogroup) कहते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "D. Comas et al., Admixture, migrations, and dispersals in Central Asia: evidence from maternal DNA lineages. European Journal of Human Genetics, 2004". मूल से 25 मई 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2011.
- ↑ "East Asian mtDNA haplogroup determination in Koreans: haplogroup-level coding region SNP analysis and subhaplogroup-level control region sequence analysis". मूल से 11 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2011.
- ↑ "Correcting for Purifying Selection: An Improved Human Mitochondrial Molecular Clock Supplementary material" (PDF). 2009: page89. मूल (PDF) से 29 दिसंबर 2009 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 22 अप्रैल 2011. Cite journal requires
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(मदद)सीएस1 रखरखाव: फालतू पाठ (link)