मौर्य साम्राज्य एक प्राचीन भारतीय साम्राज्य था। साम्राज्य की स्थापना चंद्रगुप्त मौर्य ने 322 ईसा पूर्व में की थी और यह 184 ईसा पूर्व तक चला था। मौर्य साम्राज्य पहला अखिल भारतीय साम्राज्य था। अपनी ऊंचाई पर, साम्राज्य ने भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्से को जीत रखा था ।[1] मौर्य सम्राट राज्य के राजतंत्रीय प्रमुख थे और साम्राज्य पर पूर्ण शासन रखते थे।

मौर्य साम्राज्य चक्रवर्ती सम्राट

मगध का अंतिम मौर्य शासक
बृहद्रथ मौर्य
187 ईसा पूर्व – 184 ईसा पूर्व
विवरण
संबोधन शैली प्रियदर्शन, सम्राट
प्रथम एकाधिदारुक चन्द्रगुप्त मौर्य (मगध के नंद सम्राट के बाद बनने वाले सम्राट के रूप में)
अंतिम एकाधिदारुक बृहद्रथ मौर्य
स्थापना 322 ईसा पूर्व
विस्थापन 184 ईसा पूर्व
निवास
नियुक्तिकर्ता वंशानुगत
दावेदार पश्चवर्ती मौर्य राजवंश

चंद्रगुप्त के मुख्यमंत्री कौटिल्य, जिन्हें कभी-कभी चाणक्य कहा जाता है, उन्होंने चंद्रगुप्त मौर्य को सलाह दी और साम्राज्य की विस्तार में योगदान दिया।[2] चंद्रगुप्त के पुत्र बिंदुसार ने लगभग 297 ईसा पूर्व सिंहासन संभाला। उन्होंने अपनी भूमि को बनाए रखते हुए साम्राज्य को सुचारू रूप से चलाया।[3] बिंदुसार के पुत्र, अशोक, मौर्य साम्राज्य के तीसरे सबसे महान् सम्राट थे।[4] अशोक ने अपने द्वारा जारी किए गए शिलालेखों के साथ उत्कीर्ण बड़े पत्थर के स्तंभों को खड़ा करके इतिहास पर अपनी छाप छोड़ी। अशोक की मृत्यु के बाद, उनके परिवार ने शासन करना जारी रखा, लेकिन साम्राज्य टूटने लगा। मगध के मौर्य राजवंश में से अंतिम, बृहद्रथ था जिसकी हत्या उनके सेनापति, पुष्यमित्र शुंग ने की थी, जिन्होंने 185/184 ईसा पूर्व में शुंग साम्राज्य की स्थापना की थी, इसके बाद मगध के मौर्य शासन का अंत हो गया , किंतु कई छोटे मौर्य राजवंश अन्य छेत्रों में तब भी कई सदियों तक शासन करते रहे।[5]

मौर्य साम्राज्य अपने शिखर पर

वंशवृक्ष

संपादित करें
मौर्य सम्राटों का वंशवृक्ष
चन्द्रगुप्त
(1)
r. 324-297 ईसा पूर्व
बिन्दुसार
अमित्रघात

(2)
r. 297-273 ईसा पूर्व
अशोक
महान

(3)
r. 268-232 ईसा पूर्व
तीवरकुनाल
दशरथ
(4)
r. 232-224 ईसा पूर्व
सम्प्रति
(5)
r. 224-215 ईसा पूर्व
शालिसुक
(6)
r. 215-202 ईसा पूर्व
देववर्मन
(7)
r. 202-195 ईसा पूर्व
शतधन्वन
(8)
r. 195-187 ईसा पूर्व
बृहद्रथ
(9)
r. 187-184 ईसा पूर्व

शासकों की सूची

संपादित करें
शासक शासन (ई.पू)
चंद्रगुप्त   322–297
बिन्दुसार   297–273
अशोक   268–232
दशरथ   232–224
सम्प्रति   224–215
शालिसुक   215–202
देववर्मन 202–195
शतधन्वन 195–187
बृहद्रथ 187–185

यह भी देखें

संपादित करें
  1. Sastri, Kallidaikurichi Aiyah Nilakanta (1988). Age of the Nandas and Mauryas (अंग्रेज़ी में). Motilal Banarsidass. पृ॰ 208. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120804661.
  2. Kistler, John M. (2007). War Elephants. University of Nebraska Press. पृ॰ 67. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0803260047. अभिगमन तिथि 16 August 2019.
  3. Vincent Arthur Smith (1920). Asoka, the Buddhist emperor of India. Oxford: Clarendon Press. पपृ॰ 18–19. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788120613034.
  4. Olivelle, Patrick (2024). Ashoka: Portrait of a Philosopher King. New Haven: Yale University Press. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-0-300-27490-5.
  5. Allchin, F. R.; Erdosy, George (1995). The Archaeology of Early Historic South Asia: The Emergence of Cities and States. Cambridge: Cambridge University Press. पपृ॰ 306.