रामपाल (हरियाणा)

भारतीय आध्यात्मिक संत (जन्म-1951)

संत रामपाल दास (अंग्रेजी :Sant Rampal Das) एक भारतीय आध्यात्मिक कबीर पंथी गुरु हैं तथा कबीर साहेब जी को भगवान (परमात्मा) बताते हैं। ये सतलोक आश्रम के संस्थापक भी हैं जो कि भारत के विभिन्न राज्य सहित हरियाणा के हिसार क्षेत्र में स्थित है।[1]

संत रामपाल जी

संत रामपाल जी
जन्म रामपाल सिंह जाटयान
8 सितम्बर 1951 (1951-09-08) (आयु 73)
धनाना , पंजाब (अभी हरियाणा), भारत में
राष्ट्रीयता भारतीय
उपनाम रामपाल जी महाराज ,रामपाल दास , जगतगुरु तत्वदर्शी रामपाल जी महाराज , रामपाल ,
पेशा कबीर पंथ समुदाय के संस्थापक
प्रसिद्धि का कारण सतलोक आश्रम संस्थापक

रामपाल दास का जन्म सोनीपत के धनाणा गांव में 8 सितंबर 1951 को हुआ था।अपनी शिक्षा पूर्ण करने के तत्पश्चात ये हरियाणा सरकार के सिंचाई विभाग में अभियंता बन गए थे। इनकी आधिकारिक जीवनी के अनुसार, ये बचपन से ही सभी हिंदू देवी देवताओं के कठोर भक्त थे। लेकिन इस भक्ति से इन्हें कभी आत्मिक शांति का अनुभव नहीं हुआ। एक दिन संत रामपाल जी एक गरीबदासीय कबीर पंथी गुरू स्वामी रामदेवानंद से मिलेेेे। जिन्होंने इन्हें समझाया कि उनके द्वारा की जा रही भक्ति की विधि हमारे ही धर्म ग्रंथों से मेल नहीं खाती। अतः वे इस भक्ति विधि से मोक्ष प्राप्त नहीं कर सकते क्योंकि श्रीमद्भगवद्गीता अध्याय 16 श्लोक 23 के अनुसार जो मनुष्य शास्त्रविधिको छोड़कर अपनी इच्छासे मनमाना आचरण करता है, वह न सिद्धि को, न सुखको और न परमगतिको ही प्राप्त होता है।

17 फरवरी 1988 को संत रामपाल जी ने स्वामी रामदेवानंद जी को गुरु धारण कर भक्ति का उपदेश लिया। उनके अनुयाई इस दिन को बोध दिवस के रूप में मनाते हैं। संत रामपाल दास का कहना है कि इसके पश्चात इन्होंने भगवत गीता, कबीर सागर, गरीबदास द्वारा रचित सत ग्रंथ, पुराण, वेद तथा अन्य कई ग्रंथ पढ़े। इनका मानना है कि इन्हें इन पुस्तकों में स्वामी रामदेवानंद द्वारा बताए वचनों के प्रमाण मिले, तत्पश्चात इन्होंने स्वामी रामदेवानंदजी द्वारा बताए मंत्रों का घोर जाप किया जिसके बाद इन्हें आत्मिक शांति महसूस होने लगी।1994 में स्वामी रामदेवानंद ने इन्हें गुरू पद दे दिया। उसके बाद ये "संत रामपाल दास" बन गए।सन् 1995 में उन्होंने अपने अभियंता पद से इस्तीफा दे दिया जोकि 2000 में स्वीकृत हुआ।और बाद में करोंथा गांव में सतलोक आश्रम की स्थापना की थी, हालांकि इनके गिरफ्तार होने के बाद 2 आश्रम सरकार के निरीक्षण में है।

वर्तमान में इनके भारत और विदेशों सहित करीब 20 से अधिक बड़े आश्रम और 500 से अधिक छोटे आश्रम और 15 करोड़ से अधिक अनुयाई होने का दावा किया जाता है ।

शिक्षा और नियम

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रामपाल दास सभी धर्म के ग्रंथों का हवाला देते हुए कबीर को सभी देवी-देवताओं सहित संपूर्ण ब्रह्मांडों का उत्पत्तिकर्ता मानते हैं और भक्ति को सभी सांसारिक कर्मों से श्रेष्ठ मानते हुए सभी बुराइयों को छोड़कर एक कबीर परमेश्वर की भक्ति हेतु प्रेरित करते हैं। बुराइयां त्यागने के लिए तथा समाज सुधार के लिए भी कुछ नियम बनाए है जिनको भक्ति मर्यादा कहते हैं। जैसे[1]

1. किसी नशीली वस्तु जैसे बीड़ी, सिगरेट, तम्बाकू, सुल्फी, गांजा, शराब, अंडा,मांस आदि का सेवन तो दूर किसी को लाकर भी नहीं देना।[1]

2. जुआ, ताश, चोरी, ठगी आदि नहीं करना।[1]

3. मृत्यु भोज, दहेज, दिखावे के नाम पर फिजूलखर्ची, मुंडन समाधि पूजन, पित्र पूजा, मूर्ति पूजा,आदि नहीं करना।[1]

4. एक कबीर परमात्मा के अलावा अन्य देवी देवताओं की पूजा नहीं करना, सम्मान सबका करना।[1]

5. अश्लील गाने गाना, नाचना, व्याभिचार आदि पूर्णतया वर्जित बताते हैं।[1]

रामपाल दास के अनुयाई विशेष तौर पर उनके ज्ञान से आकर्षित होते हैं, जो सर्व धर्मो के ग्रंथों के अनुकूल होने का दावा किया है। उनके अधिकतर अनुयाइयों का कहना है कि हमने संत द्वारा बताए ज्ञान को सद्ग्रंथों में मिलाया, तब हूबहू अपने धार्मिक ग्रंथों में पाया, उसके बाद हम उनसे जुड़े। हालांकि ज्ञान ही ऐसा विषय है जिसके कारण अधिकतर समुदाय उनका विरोध करते हैं।[2]

रामपाल दास ने अपने ज्ञान से दुनिया को अवगत कराने के लिए ज्ञान गंगा, जीने की राह, गीता तेरा ज्ञान अमृत, गरीमा गीता की, गहरी नज़र गीता में आदि पुस्तकें भी लिखी है।[2]

भविष्यवाणीयां

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संत के अनुयायियों का कहना है कि दुनिया भर के कई भविष्यवक्ताओं की भविष्यवाणियां संत रामपाल दास पर सटीक बैठती हैं।

  • जयगुरुदेव पंथ के तुलसी साहेब ने ७ सितंबर १९७१ को कहा कि जिस महापुरुष का हमें इंतजार है वह आज २० वर्ष का हो चुका है। उस दिन संत रामपाल दास की उम्र २० वर्ष हुई थी।[3]
  • नॉस्त्रेदमस ने कहा था कि २००६ में एक संत अचानक प्रकाश में आएगा जो पहले उपेक्षा का पात्र बनेगा लेकिन बाद में दुनिया सर आंखों पर बिठाएगी।[4]
  • इसी तरह अन्य भविष्यवक्ताओं जैसे अमेरिका की विश्व विख्यात भविष्यवक्ता फ्लोरेंस, इंग्लैंड के ज्योतिषी ‘कीरो‘, हंगरी की महिला ज्योतिषी “बोरिस्का” आदि की भविष्यवाणियों को संत रामपाल दास पर सटीक बैठने का दावा किया जाता है।[5]


सन् २००६ में संत रामपाल दास ने सार्वजनिक तौर पर सत्यार्थ प्रकाश के कुछ भागों पर आपत्ति जताई थी।[6] इससे गुस्साए आर्य समाज के हजारों समर्थको ने १२ जुलाई२००६ को करौथा के सतलोक आश्रम का घेराव कर लिया व हमला किया।[7] बचाव में सतलोक आश्रम के अनुयायियों ने भी पलटवार किया। इस झड़प में सोनू नामक एक आर्य समाजी अनुयायी की हत्या हो गई।[7] जिसमें संतरामपाल दास के विरुद्ध हत्या का केस चलाया गया व उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।[7] कुछ महीने जेल में बिताने के बाद, २००८ में इन्हें ज़मानत पर रिहा कर दिया गया।

इस मामले मे 20 दिसंबर 2022 अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश राकेश सिंह की कोर्ट ने संत सहित 24 आरोपियों को बरी कर दिया।[8]

नवंबर २०१४ में पुनः कोर्ट ने इन्हें गिरफ्तार करने का आदेश दिया। लेकिन सतलोक आश्रम बरवाला में हज़ारों समर्थकों की मौजुदगी के कारण पुलिस इन्हें गिरफ्तार नहीं कर सकी।[9] १९ नवंबर २०१४ को समर्थकों व पुलिस के बीच हुई हिंसा के बाद इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।[9] इसमें ५ महिलाओं और १ बालक की मृत्यु हुई जिनका मुकदमा संत रामपाल दास पर बनाया गया। ये बंधक बनाने के मुकदमे में २९ अगस्त २०१७ को बरी हो गए[10][11] लेकिन हत्या व देशद्रोह के मुकदमे के कारण जेल में ही हैं।[9] ११अक्टूबर २०१८ को हिसार कोर्ट द्वारा इन्हें तथा इनके कुछ अनुयायियों को बरवाला की घटना में हुई हत्याओं का दोषी करार कर दिया गया एवं आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई।[12] जज वेद प्रकाश सिरोही, सेशन जज हिसार द्वारा 26 जुलाई 2021 को संत रामपाल दास जी सहित 4 अनुयायियों जिनमें डॉक्टर ओम प्रकाश सिंह हुड्डा, राजेंदर, बलजीत, बिजेन्दर शामिल हैं को केस नम्बर 5, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के तहत कोई भी साक्ष्य न होने के कारण एवं आरोपों के बेबुनियाद साबित करते हुए उन्हें बाइज्जत बरी किया है।[13]

  1. "गुरु दीक्षा के नाम पर रामपाल के थे 11 अजीबो गरीब नियम". m.jagran.com. अभिगमन तिथि 2021-06-29.
  2. "गीता फोगाट ने ट्वीटर पर दिया ज्ञान, लोगों ने कहा, संत रामपाल की किताब पढ़िए ज्ञान बढ़ेगा!". Jansatta. 2017-08-23. अभिगमन तिथि 2021-06-25.
  3. "तुलसीदास महाराज, जय गुरुदेव - इटावा ज़िला यह क्या है |". ww.in.freejournal.info. मूल से 25 जून 2021 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2021-06-25.
  4. "रामपाल दास कहता था कि नास्त्रेदमस ने की थी उसके अवतार लेने की भविष्यवाणी". News18 Hindi. अभिगमन तिथि 2021-06-25.
  5. "11 reasons why Saint RampalJi Maharaj is trending Number 1 on Twitter". Asianet News Network Pvt Ltd (अंग्रेज़ी में). अभिगमन तिथि 2021-06-25.
  6. "Rohtak clash: Sant Rampal triggered it". मूल से 20 जुलाई 2019 को पुरालेखित.
  7. "Krontha incident". मूल से 10 जुलाई 2019 को पुरालेखित.
  8. Awasthi, Ashwani (2022-12-20). "सतलोक आश्रम मामले में कथित संत रामपाल समेत 24 आरोपित कोर्ट से बरी | Hari Bhoomi". www.haribhoomi.com. अभिगमन तिथि 2022-12-22.
  9. "Sant Rampal acquitted in two criminal cases". मूल से 2 सितंबर 2017 को पुरालेखित.
  10. "संत रामपाल दो मामलों में बरी, रहेंगे जेल में". BBC News हिंदी. अभिगमन तिथि 2021-06-25.
  11. "सतलोक आश्रम के प्रमुख संत रामपाल दास बरी, लोगों को बंधक बनाने का था आरोप". आज तक. अभिगमन तिथि 2021-06-25.
  12. "Sant Rampal, 14 others sentenced to life for murder of four women".
  13. "हरियाणाः हिसार कोर्ट ने इस मामले में रामपाल समेत 5 को बरी किया, 7 साल पहले हुए थे गिरफ्तार". आज तक. 2021-07-27. अभिगमन तिथि 2024-10-17.