राष्ट्रमण्डल शासनाध्यक्षों की बैठक 2013
२३वीं राष्ट्रमण्डल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक अर्थात चोगम (23rd Commonwealth Heads of Government Meeting or CHOGM) 15 से 17 नवम्बर 2013 को श्रीलंका की राजधानी कोलम्बो में आयोजित किया गया।[1][2][3] पोर्ट ऑफ स्पेन, त्रिनिदाद और टोबैगो में २००९ को बैठक में सभी राष्ट्रमण्डल शासनाध्यक्षों ने यह निर्णय लिया गया था कि २०१३ की बैठक की मेजबानी श्रीलंका द्वारा की जायेगी। श्रीलंका ने २०११ की बैठक में मेजबानी की उम्मीद जताई थी लेकिन श्रीलंकाई गृहयुद्ध के दौरान कथित नृशंसता के लिए जाँच के दायरे में आने के कारण यह शिखर सम्मेलन पर्थ, ऑस्ट्रेलिया में आयोजित किया गया और कोलम्बो को २०१३ के शिखर सम्मेलन की मेजबानी मिली।[4][5]
23वीं राष्ट्रमण्डल देशों के शासनाध्यक्षों की बैठक | |
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मेजबान देश | श्रीलंका |
दिवसs |
15 नवम्बर 2013– 17 नवम्बर 2013 |
स्थल |
नेलुम पोकुन महिंदा राजपक्षे रंगमंच – उद्घाटन समारोह बीएमआयसीएच – मुख्य सम्मेलन वाटर्स एज – हेड्स ऑफ़ गवर्नमेंट रिट्रीट |
नगर | कोलम्बो, श्रीलंका |
सभापति |
महिन्दा राजपक्षे (राष्ट्रपति) |
पूर्व सम्मेलन | 2011 |
आगामी सम्मेलन | 2015 |
जालस्थल |
www |
चोगम का उद्धघाटन
संपादित करेंराष्ट्रमण्डल की प्रमुख महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का प्रतिनिधित्व कर रहे राजकुमार चार्ल्स ने सम्मेलन का उद्घाटन किया।[6]
चोगम सम्मेलन का बहिष्कार
संपादित करेंविभिन्न जन-समूहों की तरफ से देश के तमिल समुदाय के विरुद्ध हुए अत्याचारों और बदहाल मानवाधिकार रिकॉर्ड को देखते हुए चोगम को श्रीलंका में आयोजित न किये जाने के लिए और इसका बहिष्कार करने माँग की।[7][8] इस सम्मेलन में 53 देशों के प्रतिनिधिमंडल भाग लेने पहुँचे जिनका युद्ध के दौरान और बाद में लापता हुए सदस्यों के परिवारों ने विरोध भी किया।[6] ब्रिटेन के प्रधानमंत्री डेविड कैमरन के अनुसार श्रीलंकाई राष्ट्रपति राजपक्षे को तमिल टाइगर्स के खिलाफ़ कथित युद्ध अपराधों को लेकर गंभीर सवालों के जवाब देने होंगे।[9] लेकिन बैठक के बाद जारी किए गए घोषणा पत्र में श्रीलंकाई सैन्य बलों के कथित युद्ध अपराधों का कोई जिक्र नहीं किया गया।[1]
भारत, मॉरिशस और कनाडा के शासनाध्यक्षों ने बैठक का बहिष्कार किया।[6] इन देशों का आरोप है कि मंहिदा राजपक्षे के शासन के दौरान श्रीलंका में गृह युद्ध की समाप्ति के अंतिम महीनों में तमिल विद्रोहियों के ख़िलाफ़ युद्ध अपराध हुए थे।[10] भारत में तमिलनाडु विधानसभा ने सम्मेलन से दो दिन पूर्व प्रस्ताव पारित किया जिसमें सम्मेलन का पूरी तरह बहिष्कार करने की मांग की।[11] कनाडा के प्रधानमंत्री स्टीफेन हार्पर ने भी मानव अधिकारों के मसले पर इस सम्मेलन का बहिष्कार किया।[12] भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने घरेलु विवादों के चलते बैठक में शामील होने में असमर्थता जताई।[9][13]
श्रीलंका का तर्क
संपादित करेंउपरोक्त विरोध और बहिष्कार की घोषणाएँ के मध्यनजर श्रीलंका ने तर्क दिया कि उन्होंने केवल पिछले ३० वर्षों से चल रहे गृहयुद्ध को समाप्त कर दिया और वर्तमान में वहाँ किसी भी तरह से मानवाधिकारों का हनन करने वाले के खिलाप कार्रवाही की जायेगी। श्रीलंका के अनुसार मानवाधिकारों का हनन तो तब होता था जब हर रोज एक, दस या पंद्रह शव बरामद किए जाते थे।[12][6] वरिष्ठ पत्रकार ज्योति मल्होत्रा के अनुसार - "चोगम उन देशों का समूह है जो एक ज़माने में ब्रिटेन के उपनिवेश थे। इस तरह के सम्मेलन का कोई आज की दुनिया में कोई बहुत ज़्यादा महत्व नहीं है क्योंकि ब्रिटेन अब उतना शक्तिशाली नहीं रहा, जितना पहले था। भारत जैसे इतने बड़े मुल्क के प्रधानमंत्री इस सम्मेलन में नहीं जा रहे हैं। इस सम्मेलन का जो भी नतीजा निकलेगा, वो बड़ा सीमित होगा।"[14]
इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ अ आ "चोगम खत्म, विवादित मसलों से किनारा". बीबीसी हिन्दी. 17 नवम्बर 2013. मूल से 22 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 नवम्बर 2013.
- ↑ The Commonwealth Archived 2013-07-15 at the वेबैक मशीन – thecommonwealth.org. अभिगमन तिथि: 15 दिसम्बर 2012
- ↑ "चोगम शिखर सम्मेलन कोलंबो में शुरू". पत्रिका समाचार समूह. 15 नवम्बर 2013. मूल से 2 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ वेबस्टर, फिलिप (27 नवम्बर 2009). "Gordon Brown will not back Sri Lanka's bid to host Commonwealth summit". द टाइम्स.[मृत कड़ियाँ]
- ↑ चेस, स्टीवन (27 नवम्बर 2009). "Ottawa opposes Sri Lanka bid to host next Commonwealth summit". द ग्लोब एण्ड मेल. मूल से 18 दिसंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवंबर 2013.
- ↑ अ आ इ ई "विवादों के बीच कोलंबो में चोगम शुरू". बीबीसी हिन्दी. 15 नवम्बर 2013. मूल से 18 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ "TN Assembly passes resolution demanding CHOGM boycott". मूल से 29 अक्तूबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ "Mauritius joins India, refuses to send PM to Lanka for CHOGM". द टाइम्स ऑफ़ इण्डिया. मूल से 15 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ अ आ "मनमोहन नहीं जाएंगे श्रीलंका: अकबरुद्दीन". बीबीसी हिन्दी. 10 नवम्बर 2013. मूल से 13 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ "श्रीलंका सरकार ने कैमरन को दी चेतावनी". बीबीसी हिन्दी. 14 नवम्बर 2013. मूल से 17 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ "चोगम का पूरी तरह बहिष्कार करे भारत : तमिलनाडु विस". एजेंसी. चेन्नई: ज़ी न्यूज़. 13 नवम्बर 2013. मूल से 14 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ अ आ "लाशें बरसों पहले से मिलती रही हैं: महिंदा राजपक्षे". बीबीसी हिन्दी. 14 नवम्बर 2013. मूल से 17 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ ज्योति मल्होत्रा (11 नवम्बर 2013). "कोलंबो न जाना भारत की राजनीतिक और रणनीतिक हार". बीबीसी हिन्दी. मूल से 13 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.
- ↑ "विवादों के साथ शुरू हो रहे चोगम से उम्मीदें". बीबीसी हिन्दी. 15 नवम्बर 2013. मूल से 16 नवंबर 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवम्बर 2013.