लाइसोसोम

Work :-lysosome me DNAase पाया जाता हैं

जन्तु कोशिका के कोशिका द्रव में पाए जाने वाले आवरणयुक्त गोल-गोल थैलीनुमा अंगाणुओं को लयनकाय (लाइसोसोम) कहते हैं। यह अन्तः कोशिकाय पाचन में मदद करता है।[1]

कोशिका विज्ञान
प्राणि कोशिका चित्र
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प्रारूपी प्राणि कोशिका के घटक:
  1. केन्द्रिका
  2. केन्द्रक
  3. राइबोसोम (बिन्दू भी 5 के भाग हैं)
  4. पुटिका
  5. खुरदरी अंतर्द्रव्यी जालिका
  6. गॉल्जीकाय
  7. कोशिका कंकाल
  8. चिकनी अंतर्द्रव्यी जालिका
  9. माइटोकॉण्ड्रिया
  10. रसधानी
  11. कोशिकाविलय (वो तरल जिसमें कोशिकांग समाहित हो; इसके साथ कोशिकाद्रव्य भी शामिल है)
  12. लाइसोसोम
  13. सेन्ट्रोसोम
  14. कोशिका झिल्ली

लाइसोसोम=> क्रिश्चियन डी डूवे ने सर्वप्रथम सन् 1958 में लाइसोसोम की खोज की। ये गोलाकार काय होते हैं, जिनके व्यास 0.4u-0.8u तक होता है। ये इकहरी युनिट मेम्ब्रेन से बने होते हैं तथा इनके अन्दर सघन मैट्रिक्स भरा रहता है, जिसमें ऐसिड फास्फेटेज एन्जाइम भरे रहते हैं।

1.न्यूक्लियेजेस - ये नाभिकीय अम्लों का नाइट्रोजनी क्षार , फास्फेट तथा शर्करा में जल - अपघटन करते हैं।

2. फास्फेटेजेस - ये फास्फेट यौगिकों का जल - अपघटन करते हैं।

3. प्रोटियेजेस - ये प्रोटीन्स का अमीनो का अम्लों में जल अपघटन करते हैं।

4. ग्लाइकोसाइडेजेस - ये जटिल कार्बोहाइड्रेट्स का मोनोसैकेराइड्स में जल अपघटन करते हैं।

5. सल्फेटेजेस - ये सल्फेट यौगिकों का जल अपघटन करते हैं।

6. लाइपेजेस - ये लिपिड अणुओं का ग्लिसरॉल तथा वसीय अम्लों में जल अपघटन करते हैं। 7.लाइसोसोम के फटने के साथ ही कोशिका विभाजन का प्रक्रम आरम्भ हो जाता है।

  1. त्रिपाठी, नरेन्द्र नाथ (मार्च २००४). सरल जीवन विज्ञान, भाग-२. कोलकाता: शेखर प्रकाशन. पृ॰ ४-५. |access-date= दिए जाने पर |url= भी दिया जाना चाहिए (मदद)