लाहौर उच्च न्यायालय
लाहौर उच्च न्यायालय,(उर्दू: عدالت عالیہ لاہور, अदालत-ए आला, लाहौर) लाहौर में स्थित, पंजाब, पाकिस्तान का उच्च न्यायालय है। इसे, बतौर उच्च न्यायालय, 21 मार्च 1919 में स्थापित किया गया था। इसके पार पाकिस्तान के पंजाब सूबे पर न्यायिक अधिकार है। हालाँकि, इस न्यायालय का मुख्य आसन लाहौर है, परंतु साथ ही इसके तीन न्यायचौकियाँ रावलपिंडी, मुल्तान और बहावलपुर में भी स्थित हैं, एवं साथ ही फ़ैसलाबाद, सियालकोट, गुर्जनवाला व डी जी ख़ान में भी नई चौकियाँ खुलने की बात है।[1]
लाहौर उच्च न्यायालय عدالت عالیہ لاہور | |
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न्यायालय का भवन | |
स्थापना | 1919 |
अधिकार क्षेत्र | पाकिस्तान |
स्थान | शहर-ए क़ायद-ए आज़म, लाहौर, पाकिस्तान |
निर्वाचन पद्धति | पाकिस्तान के राष्ट्रपति द्वारा, पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश व पंजाब, पाकिस्तान के राज्यपाल की सलाह पर |
प्राधिकृत | पाकिस्तान का संविधान |
निर्णय पर अपील हेतु | पाकिस्तान की सर्वोच्च न्यायालय |
न्यायाधीशको कार्यकाल | 62 वर्ष की आयु तक |
पदों की संख्या | 60 |
जालस्थल | www.lhc.gov.pk |
मुख्य न्यायाधीश | |
वर्तमान | न्यायमूर्ति इजाज़ उल अहसान |
कार्य प्रारम्भ | 06 नवंबर 2015 |
मुख्य पद समाप्ति | 04 अगस्त 2022 |
इतिहास
संपादित करेंस्थापना
संपादित करेंइस न्यायालय को सर्वप्रथम, 1866 में मुख्य न्यायालय (चीफ़ कोर्ट) के तौर पर उपनिवेशीय सरकार द्वारा स्थापित किया गया था जिसमें दो न्यायाधीश नियुक्त किये गए थे। 1919 में राजा जॉर्ज सप्तम् के आदेश द्वारा इसे उठा की उच्च न्यायालय के स्तर पर स्थापित किया गया और साथ ही मुख्य न्यायाधीश और छह जूनियर जज नियुक्त किए गए। स्थापना के समय इस अदालत का अधिकारक्षेत्र पूरे संयुक्त पंजाब पर था। इसके पश्चात भारत सरकार अधिनियम, 1935 ने न्यायिक व्यवस्था में अनेक निर्णायक बदलाव लाए, जिसके तहत न्यायाधीशों की नियुक्ति, आचार, न्यायालय में नियुक्त न्यायाधीशों की अधिकतम संख्या और न्यायाधीश की अधिकतम आयु सीमा भी तय की गई।
स्वतंत्रता पश्चात
संपादित करें1947 में पाकिस्तान की स्थापना के बाद पूर्वी पंजाब के लिए न्यायालय लाहौर के एक आदेश से एक अलग अदालत गठित और शेष क्षेत्र कि पाकिस्तान में शामिल था वह बदस्तूर न्यायालय लाहौर के अधिकार क्षेत्र में रहा। अतः भारत विभाजन के पश्चात लाहौर उच्च न्यायालय का अधिकारक्षेत्र घट कर केवल पश्चिमी पंजाब तक सीमित रह गया और पूर्वी पंजाब के लिये भारतीय न्यायपालिका के अंतर्गत नई उच्च न्यायालय गठित की गई। और लाहौर उच्च न्यायालय को पाकिस्तानी न्यायपालिका के अंतर्गत ले आया गया।
प्रांत पश्चिमी पाकिस्तान की स्थापना
संपादित करें30 सितंबर 1955 को पाकिस्तान की संविधान सभा ने एक इकाई व्यवस्था के तहत प्रांत पश्चिमी पाकिस्तान का गठन किया और साथ ही महाराज्यपाल(गवर्नर-जनरल) को यह अधिकार दिया गया कि वह पश्चिमी पाकिस्तान उच्च न्यायालय का गठन करे, उसी की तहत पश्चिमी पाकिस्तान उच्च न्यायालय का गठन 1956 में किया गया।
न्यायालय के बेंच के गठन
संपादित करेंवर्ष 1981 में न्यायालय के बहावलपुर, रावलपिंडी और मुल्तान के तीन बेंच का गठन किया गया। साथ ही अदालत को सर्किट कोर्ट स्थापित करने का अधिकार भी दिया गया।
लाहौर उच्च न्यायालय के अधीनस्थ अदालतें
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लाहौर उच्च न्यायालय के न्यायाधीशगण
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इन्हें भी देखें
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ N. R. Madhava Menon, संपा॰ (2002). Criminal Justice India Series: Punjab, 2002. Allied Publishers. पृ॰ 234. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 978-81-7764-490-6.