लूणी नदी

लूनी या लूणी नदी बालोतरा
(लूनी नदी से अनुप्रेषित)

लूणी नदी (Luni River), जिसका प्राचीन नाम लवण्वती था, भारत के राजस्थान और गुजरात राज्यों में बहने वाली एक नदी है यह अरावली पर्वत के निकट अजमेर जिले के आनासागर - नाग पहाड़ (snake mount) से उत्पन्न होकर दक्षिण पश्चिम क्षेत्र में बहती है राजस्थान में 330 किलोमीटर प्रवाहित होते हुए गुजरात में कच्छ के रण अरब सागर में जाकर मिलती है राजस्थान के बालोतरा और गुड़ामालानी शहर लूणी नदी के तट पर स्थित है लूणी नदी को राजस्थान की मरूगन्गा कहते हैं।[1][2]

लूणी नदी
Luni River
लवण्वती नदी
नक्शा
संवादात्मक नक्शा
स्थान
देश  भारत
राज्य राजस्थान
भौतिक लक्षण
नदीशीर्ष 
 • स्थानपुष्कर घाटी, अजमेर के समीप
 • ऊँचाई550 मी॰ (1,800 फीट)
नदीमुख  
 • स्थान
गुजरात
 • निर्देशांक
24°39′N 71°11′E / 24.650°N 71.183°E / 24.650; 71.183निर्देशांक: 24°39′N 71°11′E / 24.650°N 71.183°E / 24.650; 71.183
लम्बाई 495 कि॰मी॰ (1,624,000 फीट)
जलसम्भर आकार 37,363 कि॰मी2 (4.0217×1011 वर्ग फुट)
जलसम्भर लक्षण
उपनदियाँ  
 • बाएँ जवाई नदी, सुकड़ी नदी, गुहिया नदी, बांडी नदी
 • दाएँ जोजारी नदी

"लूनी" का नाम लवणाद्रि तथा संस्कृत शब्द लवणगिरि (नमकीन नदी) से लिया गया है और अत्यधिक लवणता के कारण इसका यह नाम पड़ा है। महाकवि कालिदास ने (अंत:सलिला) कहा था। प्राचीन नाम लवण्वती।

यह नदी जैतारण के लोटोती से भी निकलती है व रास से भी निकलती है। इस नदी का पानी उद्गम स्थान से लेकर बालोतरा (बाडमेर) तक मीठा होता है लेकिन बालोतरा में पहुँचते ही इसका पानी खारा हो जाता है। यह नदी पश्चिमी ढलानों से आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम की ओर पहाड़ियों से होती हुयी इस प्रदेश के मैदानों के पार बहती है। फिर यह मरुस्थल के एक भाग से होकर अंत में गुजरात राज्य के कच्छ के रण के पश्चिमोत्तर भाग की बंजर भूमि में विलुप्त हो जाती है।

उपनदियाँ

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जोजडी, मीठडी, लीलडी, बाण्डी, सुकड़ी, जवाई, खारी, सागी, गुहिया।

  • हेमावास बाँध (खारी नदी बाण्डी की सहायक पर पाली में है)
  • सरदार समंद बाँध (पाली बाण्डी नदी पर)
  • जवाई बाँध (जवाई नदी)। पश्चिमी राजस्थान का सबसे बड़ा बाँध है। पाली शहर जवाई नदी पर अवस्थित है।
  • बाँकली बाँध (सुकड़ी नदी )। जालोर सुकडी नदी के किनारे पर स्थित है

पश्चिमोत्तर भारत के राजस्थान राज्य अजमेर के निकट अरावली श्रेणी की नाग पहाड़ी के पश्चिमी ढलानों में उद्गम, जहाँ इसे सागरमती के नाम से जाना जाता है।[3]

लूणी एक मौसमी नदी है और इसका अपवाह मुख्यत: अरावली श्रेणी की दक्षिणी-पश्चिमी ढलानों से होता है। मिठड़ी, लीलड़ी, जवाई, सुकरी, बांडी, खारी और जोजरी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ है।

लूणी नदी की कुल लंबाई 495 कि॰मी॰ है। यह लंबी धारा वाली इस क्षेत्र की एकमात्र प्रमुख नदी है और यह सिंचाई का एक अनिवार्य स्रोत है। राजस्थान में इस की लंबाई 330 कि॰मी॰ है।

इन्हें भी देखें

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बाहरी कड़ियाँ

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  1. "Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332
  2. "Berlitz Pocket Guide Rajasthan," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990
  3. "Article in encyclopadia britannica". मूल से 13 जून 2013 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 अप्रैल 2013.