लोकनायक जयप्रकाश विमानक्षेत्र

भारतीय हवाई-अड्डा

पटना विमानक्षेत्र (पटना एयरपोर्ट) पटना में संजय गाँधी जैविक उद्यान के पास स्थित है।[1] इसका ICAO कोड है VEPT और IATA कोड है PAT। यह एक नागरिक हवाई अड्डा है। यहां सीमा शुल्क विभाग मौजूद है। इसके कंक्रीट पेव्ड उड़ान पट्टी की लंबाई 6900 फीट है। है। इसकी प्रणाली यांत्रिक है। टर्मिनल भवन का क्षेत्र मौजूदा 7,200 वर्ग मीटर से बढ़ाकर 57,000 वर्ग मीटर हो जाएगा।[2] पटना हवाई अड्डे संजय गांधी जैविक उद्यान और फुलवारी शरीफ़ रेलवे स्टेशन के बीच है।[3]

लोकनायक जयप्रकाश नारायण विमानक्षेत्र

पटना एयरपोर्ट
विवरण
हवाईअड्डा प्रकारसार्वजनिक
संचालकभारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण
स्थितिपटना, भारत
समुद्र तल से ऊँचाई170 फ़ीट / 51 मी॰
निर्देशांक25°35′29″N 085°05′17″E / 25.59139°N 85.08806°E / 25.59139; 85.08806
उड़ानपट्टियाँ
दिशा लम्बाई सतह
फ़ीट मी॰
07/25 6,410 1,954 अस्फाल्ट

पटना हवाई अड्डे पर रनवे की लंबाई 7000 फीट है।[4] पटना हवाई अड्डे का नया टर्मिनल भवन किसी भी समय 14 विमान पार्क करने के लिए छह एरोब्रिज और एक एप्रन क्षेत्र से लैस एक दो मंजिला ढांचा होगा। वर्तमान में, हवाई अड्डे में केवल चार विमानों को पार्क करने की क्षमता है। हवाईअड्डा कॉलोनी और आईएएस भवन सहित हवाईअड्डा परिसर में और आसपास के कई मौजूदा भवनों को विस्तार कार्य के लिए रास्ता देने के लिए ध्वस्त कर दिया जाएगा। इसके अलावा, मौसम विज्ञान केंद्र और बिहार फ्लाइंग क्लब सहित कई उपयोगिता वाली इमारतों को स्थानांतरित कर दिया जाएगा और बीआईटी-पटना परिसर के निकट एक नया एटीसी टावर बनाया जाएगा।

जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा भारत में बिहार राज्य की राजधानी पटना से 5 किमी दक्षिण-पश्चिम स्थित है। यह भारत का 16 वां सबसे व्यस्त हवाई अड्डा है और 2015-16 में सालाना यात्री यातायात में 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। पटना हवाई अड्डे के पास 13 एकड़ जमीन का इस्तेमाल विश्व स्तरीय दो मंजिला टर्मिनल भवन के निर्माण के लिए किया जाएगा, और अनिसबाद्, पटना में उस 11.35 एकड़ जमीन के बदले बिहार सरकार को हवाईअड्डा प्राधिकरण द्वारा स्थानांतरित किया जाएगा। यह पटना में स्थित हवाई अड्डा है।

गौरतलब है कि 24 दिसंबर 1999 को इण्डियन एयरलाइंस फ्लाइट ८१४ के दिल्ली काठमांडू विमान को अपहरण कर कंधार ले जाने के बाद से नेपाल की अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा बंद है।[5] और बीते 24.5 वर्षों से पटना एयरपोर्ट केवल नाम का अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट बना हुआ है।

भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) पटना से अन्य शहरों का हवाई संपर्क बढ़ाने के लिए पांच नये एप्रन-वे (जहां विमान पार्क किए जाते हैं) के निर्माण को मंजूरी दे दी है।[6] प्रस्तावित एप्रन हवाई अड्डे पर छह मौजूदा एप्रन के अतिरिक्त हैं। एएआई की इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत हवाई अड्डे के परिसर में पांच एयरोब्रिज भी बनेंगे, ताकि नए और शानदार टर्मिनल भवन और अन्य हाई-टेक सेवाएं विकसित की जा सकें। एरोब्रिज एक चलंत सुरंग है, जो यात्रियों को मुख्य टर्मिनल भवन से सीधे विमान तक पहुंचने में मदद करेगी।

इन्हें भी देखें

संपादित करें
  1. "जब पटना एयरपोर्ट पर यात्री ने किया सस्‍ते चाय, काफी, स्टॉल का उद्धाटन, पहले मिलता था 60रू में, अब." मूल से 20 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 20 अक्तूबर 2017.
  2. "Patna airport set for a makeover in 3 years". मूल से 15 नवंबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 15 नवंबर 2017.
  3. "Why Patna airport is a disaster waiting to happen". मूल से 19 जून 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 19 जून 2018.
  4. "Bihar government unable to give more land for Bihta airbase runway". मूल से 9 अक्तूबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 23 अगस्त 2018.
  5. "पटना एयरपोर्ट से 24 साल बाद शुरू होगी अंतरराष्ट्रीय उड़ान".
  6. "Patna Airport : पटना से हवाई संपर्क बढ़ाने की दिशा में AAI का बड़ा फैसला, एक समय में पार्किंग में मौजूद रहेंगे 11 विमान".

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें