वार्ता:काफ़ि़र
Latest comment: 9 माह पहले by SM7 in topic संपादन अनुरोध
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संपादित करेंसंजीव कुमार, अजीत कुमार तिवारी, अनिरुद्ध कुमार, एक सदस्य Shakir436, स्रोत के साथ जो बात था (वाक्य थे) उसको निकाल के अपनी ही बातें, "ओरिजिनल रिसर्च" डाली थी - मैंने उसको रिवर्ट किया था, लेकिन अभी SM7 ने उसे revert किया है और पृष्ठ को अर्ध सुरक्षित (Semi-protect) भी कर दिया है | अब आप ही SM7 के एडिट को revert कीजिए | धन्यवाद|-116.75.93.166 (वार्ता) 06:01, 25 अप्रैल 2022 (UTC)
- काफ़ि़र पुष्ट के इतिहास में Shakir436 व SM7 का एडिट /संपादन देखा जा सकता है |-116.75.93.166 (वार्ता) 06:08, 25 अप्रैल 2022 (UTC)
- कृपया धैर्य रखें, लेख को जाँच के लिए मैंने अपनी ध्यानसूची में जोड़ा है। जोड़े गए स्रोतों और बदलावों की जाँच के बाद अगर आपके द्वारा किये बदलाव सही हुए तो उन्हें वापस स्थापित किया जाएगा। और हो सके तो खाता बना कर संपादन करें ताकि आपसे वार्ता करने में सुविधा हो। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 06:53, 25 अप्रैल 2022 (UTC)
- SM7, 24 घंटे बीत गए हैं - अब तो आप सब पढ़ कर, आपने जो रिवर्ट करके निकाला है, वह आप स्वयं पुनर्स्थापित कीजिए |-27.7.110.147 (वार्ता) 19:45, 25 अप्रैल 2022 (UTC)
- मैंने वहा अंश हटा दिया है जिसके समर्थन में स्रोत संख्या 6 (ब्रिटैनिका ज्ञानकोश का) दिया गया था किन्तु स्रोत में वह वक्तव्य नहीं मिला। बाक़ी आपने अपने तथाकथित रिवर्ट में रोहित साव द्वारा किये गए रिवर्ट को हटाया था यह कहते हुए कि "यह हिंदी विकीपीडिया है, उर्दू नही" जो मुझे उचित नहीं लगा। शेष समीक्षा आप अन्य प्रबंधकों एवं सदस्यों से करवा सकते हैं (जैसा कि आपने चौपाल भी लिख रखा है और यहाँ भी पिंग किया है। घड़ी देखते हुए प्रतीक्षा के लिए धन्यवाद।
- PS:लेख के इतिहास को देखते हुये और मुद्दे के विवादास्पद होने के कारण सुरक्षा नहीं हटा रहा। आप चाहे तो इसकी भी समीक्षा करवा सकते हैं।--SM7--बातचीत-- 06:28, 26 अप्रैल 2022 (UTC)
- संजीव कुमार, अजीत कुमार तिवारी, अनिरुद्ध कुमार, Bhaskarbhagawati, "ऐतिहासिक रूप से, इसका मतलब है कि किसी भी ज़माने में ईश्वर द्वारा भेजे गये उसके पैग़म्बर या दूत का मार्गदर्शक न करने वाला व्यक्ति काफिर कहलाता है।" वाक्य के लिए जो स्रोत डाला गया है, वह गलत है (उस स्रोत में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है); उसको हटा के उसकी जगह में यह डालिए - "ऐतिहासिक रूप से, जबकि इस्लामी विद्वान इस बात से सहमत थे कि एक बहुदेववादी/मुश्रिक (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध धर्म के पालन करने वाले) एक काफ़िर है, वे कभी-कभी इस शब्द को पुस्तक के लोगों के लिए (यहूदी और ईसाई) या गंभीर पाप करने वाले मुसलमानों के लिए लागू करने के औचित्य पर असहमत थे। [1][2] कुरान मुश्रिकुन (मुश्रिकों) और किताब के लोगों के बीच अंतर करता है, मूर्ति पूजा करने वालों के लिए मुश्रिक शब्द का ही प्रयोग करता है, किंतु कुछ शास्त्रीय मुसलमान टिप्पणीकारों ने ईसाई सिद्धांत को भी शिर्क का एक रूप माना है।[3] यहूदियों और ईसाइयों को 'जजिया' का भुगतान करना आवश्यक था, जबकि अन्य धर्म के पालन करने वालों को या तो इस्लाम स्वीकार करना था या मरना था।[4]"
- मैंने ऊपर के वाक्यों को अंग्रेजी विकिपीडिया से अनुवाद करके यहां डाला है (स्रोतों सहित) |-2402:8100:281B:579C:0:0:0:1 (वार्ता) 09:57, 26 अप्रैल 2022 (UTC)
- Original sentences from English Wikipedia: Historically, while Islamic scholars agreed that a polytheist/mushrik is a kafir, they sometimes disagreed on the propriety of applying the term to Muslims who committed a grave sin or to the People of the Book.[7][6] The Quran distinguishes between mushrikun and People of the Book, reserving the former term for idol worshipers, although some classical commentators considered Christian doctrine to be a form of shirk. Jews and Christians were required to pay the jizyah while pagans were required to either accept Islam or die.-BitaKarate1 (वार्ता) 05:26, 28 अप्रैल 2022 (UTC)
- मैंने ऊपर के वाक्यों को अंग्रेजी विकिपीडिया से अनुवाद करके यहां डाला है (स्रोतों सहित) |-2402:8100:281B:579C:0:0:0:1 (वार्ता) 09:57, 26 अप्रैल 2022 (UTC)
- संजीव कुमार, अजीत कुमार तिवारी, अनिरुद्ध कुमार, Bhaskarbhagawati, "ऐतिहासिक रूप से, इसका मतलब है कि किसी भी ज़माने में ईश्वर द्वारा भेजे गये उसके पैग़म्बर या दूत का मार्गदर्शक न करने वाला व्यक्ति काफिर कहलाता है।" वाक्य के लिए जो स्रोत डाला गया है, वह गलत है (उस स्रोत में ऐसा कुछ भी नहीं लिखा है); उसको हटा के उसकी जगह में यह डालिए - "ऐतिहासिक रूप से, जबकि इस्लामी विद्वान इस बात से सहमत थे कि एक बहुदेववादी/मुश्रिक (हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध धर्म के पालन करने वाले) एक काफ़िर है, वे कभी-कभी इस शब्द को पुस्तक के लोगों के लिए (यहूदी और ईसाई) या गंभीर पाप करने वाले मुसलमानों के लिए लागू करने के औचित्य पर असहमत थे। [1][2] कुरान मुश्रिकुन (मुश्रिकों) और किताब के लोगों के बीच अंतर करता है, मूर्ति पूजा करने वालों के लिए मुश्रिक शब्द का ही प्रयोग करता है, किंतु कुछ शास्त्रीय मुसलमान टिप्पणीकारों ने ईसाई सिद्धांत को भी शिर्क का एक रूप माना है।[3] यहूदियों और ईसाइयों को 'जजिया' का भुगतान करना आवश्यक था, जबकि अन्य धर्म के पालन करने वालों को या तो इस्लाम स्वीकार करना था या मरना था।[4]"
- SM7, 24 घंटे बीत गए हैं - अब तो आप सब पढ़ कर, आपने जो रिवर्ट करके निकाला है, वह आप स्वयं पुनर्स्थापित कीजिए |-27.7.110.147 (वार्ता) 19:45, 25 अप्रैल 2022 (UTC)
- कृपया धैर्य रखें, लेख को जाँच के लिए मैंने अपनी ध्यानसूची में जोड़ा है। जोड़े गए स्रोतों और बदलावों की जाँच के बाद अगर आपके द्वारा किये बदलाव सही हुए तो उन्हें वापस स्थापित किया जाएगा। और हो सके तो खाता बना कर संपादन करें ताकि आपसे वार्ता करने में सुविधा हो। धन्यवाद। --SM7--बातचीत-- 06:53, 25 अप्रैल 2022 (UTC)
संपादन अनुरोध
संपादित करें- ↑ Charles Adams. (2009)। "Kufr". The Oxford Encyclopedia of the Islamic World। संपादक: John L. Esposito। Oxford: Oxford University Press।
- ↑ Björkman, W.. (2012)। “Kāfir”। Encyclopaedia of Islam (2nd)। संपादक: P. Bearman। Brill। DOI:10.1163/1573-3912_islam_SIM_3775.
- ↑ SHIRK, Brill, डीओआइ:10.1163/1573-3912_islam_sim_6965
- ↑ "Islam". Encyclopedia Britannica। (17 August 2021)।