वार्ता:कोशिकीय श्वसन
कोशिकीय श्वसन
संपादित करेंइस लेख में बहुत उपयोगी जानकारी दी गई है। कोशिकीय श्वसन से सम्बंधित लगभग हर पहलू पर विचार किया गया है। चित्रों के माध्यम से विषय वस्तु को अधिक प्रभावी बनाने एवं स्पष्ट करने का प्रयत्न किया गया है। इतना सब करते हुये भी लेख को बहुत लम्बा नहीं किया गया है। मेरी पूर्ण सहमति एवं बधाई! --Amitabh.tripathi १८:०२, २४ जून २००९ (UTC)
सुधार
संपादित करेंकोशिकीय श्वसन एक अच्छे लेख के रूप में विकसित हुआ है पर मेरे विचार से इसमें कुछ कमियाँ है जिनको पूरा करना चाहिए।
- लेख में आक्सीय श्वसन की क्रिया विधि को विस्तृत रूप से नहीं दिया गया है। इसमें इलेक्ट्रान परिवहन श्रृंखला का विवरण नहीं के बराबर है। फोस्फोरिलेशन को स्पष्ट नहीं किया गया है।
- लेख में प्रयुक्त कई आवश्यक एवं महत्वपूर्ण शब्दों पर सहायक लेख नहीं हैं।
- क्रेब चक्र के विभिन्न स्टेप्स पर कमसे कम दो लाइन करके भी अलग-अलग लिखना चाहिए।
- लेख के आरम्भ में लिखा है कि आक्सीजन गैस श्वसन अंगों से विसरण द्वारा रक्त में प्रवेश कर जाती है। रक्त परिवहन का माध्यम है जो इस आक्सीजन को शरीर के विभिन्न भागों की कोशिकाओं मे पहुँचा देता है। कोशिकीय श्वसन की क्रिया पौधों एवं जन्तुओं दोनों में होती है। अतः सिर्फ रक्त को परिवहन का माध्यम बताना तो सिर्फ जन्तुओं की बात कहना है। यहां पौधों में भी यह कार्य किस प्रकार होती है कहना चाहिए। अलग से एवं स्पष्ट रूप से। या आप जेनरल बात कर रहे हैं तो रक्त का जिक्र नहीं होना चाहिए। सिर्फ यह कहना काफी है कि आक्सीजन परिवहन माध्मों द्वार परिवाहित होकर कोशिकाओं में पहुँच जाता है।
- श्वसन का जैवविकास अनुभाग में कोई चित्र होना चाहिए जिससे श्वसन के विकाश का पता चलता हो।
- कोशिकीय श्वसन को प्रभावित करने वाले कौन कौन से कारक हैं उसपर कुछ भी नहीं लिखा है।
- ग्लाइकोलिसि के अंत में बनने वाले पाइरूविक अम्ल सीधे क्रेब चक्र में प्रवेश नहीं करता है बल्कि लिंक के रूप में एक तीन कार्बन का यौगिक एसिटाइल कोए बनता है। यह एसिटाइल कोए क्रेब चक्र में प्रवेश करता है। जिसका जिक्र नहीं किया गया है।
--Bioman ११:०२, २८ जून २००९ (UTC)
- इस लेख को विकसित करने के लिए इन विषयों पर छोटे लेख बनाए जाने की जरूरत है।
- एटीपी
- श्वास क्रिया
- वसीय अम्ल
- पेप्टाइड
- पाइरूविक अम्ल
- स्टार्च
- लैक्टिक अम्ल
- यीस्ट → खमीर
- श्वसन अंग
- इलेक्ट्रान अभिगमन श्रृंखला
- एटीपी संश्लेषण
- ऑक्सीडेटिभ फास्फोरिलेशन
- पाइरूवेट डिकार्बोक्सिलेशन
- एनएडीपी
यदि किसी के पास समय एवं इच्छा हो तो कृपया इसमें सहयोग करें। --Munita Prasadवार्ता १५:१४, २८ जून २००९ (UTC)
- यह सूचना यदि चौपाल पर देतीं तो शायद अधिक प्रसार होता। यहां किसी को कैसे पता चलेगा, कि कोई संदेश है। यीस्ट शब्द का सही उच्चारण ईस्ट होता है। सही लगे तो लेख में सुधार लें। इसको खमीर पर पुनर्निर्देशित कर दीजिए। कुछ टर्म्स की अंग्रेज़ी लिख दीजिए, तो ढूंढना सरल ओगा, जैसे इलेक्ट्रान अभिगमन शृंखला। कुछ की वर्तनी सुधारें (सही लगे तो), जैसे आक्सीडेटिभ=ऑक्सीडेटिव, पाइरूवेट डिकार्बोक्सिलेशन=पाइरूवेट डीकार्बोक्सिलेशन। संभव हो तो इन टर्म्स को लिंक रूप में दें, जिससे कोई चाहे तो सीधे ही क्लिक कर नया पृष् बना सके, वर्तनी में अंतर ना आए, जो आपकी कड़ी को लेख तैयार होने के बावजूद भी लाल ही रखेगा। शेष समय मिलने पर देख लूंगा।--आशीष भटनागरसंदेश १७:५५, २८ जून २००९ (UTC)
- धन्यवाद। यीस्ट ही सही शब्द है। अन्य सुझावों पर मैं काम करूंगी। यदि कोई विषय के जानकार योगदान करें तो समय की बचत होगी अन्यथा मैं महीने भर में इस लेख को पूरा कर लूंगी ऐसी आशा है।
--Munita Prasadवार्ता १६:१३, ३० जून २००९ (UTC)
From EN Wiki
संपादित करेंकृपया इस टेबल का अनुवाद कर के मुख्य लेख मे जोड़ दे --गुंजन वर्मासंदेश ०६:५५, २८ जून २००९ (UTC)
Step | Step Name | Reactants | Products | Location | Notes | Yield |
---|---|---|---|---|---|---|
Anaerobic breakdown of glucose in yeast (without oxygen) | ||||||
1 | ग्लाइकोलिसिस | C6H12O6
2 ATP 4 ADP 2 NAD 2 Pi |
2 C3H3OOH
2 ADP 4 ATP 2 NADH 2 H+ |
कोशिका द्रव | 2 ATP used to phosphorylate glucose | 2 ATP |
2 | किण्वन | 2 C3H3OOH
2 NADH 2 H+ |
2 C2H5OH
2 CO2 2 NAD |
कोशिका द्रव | ||
सारांश | C6H12O6 4 ADP |
2 C2H5OH 2 CO2 |
कोशिका द्रव | 2 ATP | ||
Aerobic breakdown of glucose (with oxygen) | ||||||
1 | ग्लाइकोलिसिस | C6H12O6 2 ATP |
2 C3H3OOH 2 ADP |
कोशिका द्रव | 2 ATP used to phosphorylate glucose | 2 ATP |
2 | Acetyl CoA formation | 2 C3H3OOH 2 CoA-S-H |
2 CoA-S-H-C2H3O 2 CO2 |
माइटोकांड्रिया | Oxygen for CO2 comes from glucose | |
3 | साइट्रिक अम्ल | 2 CoA-S-H-C2H3O 6 H2O |
2 CoA-S-H 4 CO2 |
माइटोकांड्रिया | Oxygen for CO2 comes from water | 2 ATP |
4 | इलेक्ट्रान परिवहन श्रृंखला | 3 O2 10 NADH |
6 H2O 10 NAD |
Oxygen for water comes from environment | ||
5 | Oxidative phosphorylation | 12 H+ 34 ADP |
34 ATP |
30 ATP from NADH (assuming 3 ATP/NADH) 4 ATP from 2 FADH2 (assuming 2 ATP/FADH2) |
34 ATP | |
सारांश | C6H12O6 3 O2 |
6 CO2 6 H2O |
कोशिका द्रव एवं माइटोकांड्रिया | 38 ATP |
प्रस्तावक: --सुरुचि ०६:२७, १८ अक्टूबर २००९ (UTC)
- लेख में ढांचे में कुछ सुधार मैंने किये हैं। किन्तु कुछ बातें ध्यान योग्य हैं:
- बहुत सी लाल कड़ियां हैं, जिन्हें जीवविज्ञान वाले बना सकते हैं।
- बहुत से अंग्रेज़ी शब्दों के ध्वन्यात्मक अनुवाद में बांग्ला असेंट है (कृपया अन्यथा न लें, किन्तु ये बांग्ला अनुवाद/उच्चारण में प्रायः देखा गया है, जो एक क्षेत्रीय गुण है, न कि किसी की बुराई की गयी है)। जैसे ऑक्सीडेटिभ को ऑक्सीडेटिव लिखा जाना चाहिये, ये कुछ उदाहरण पहले भी वार्ता में बताये थे।
- हां यीस्ट के अंग्रेज़ी शब्द में वाई साइलेन्ट होता है। मैंने पहले भी लिखा था, जिसे मुनिता जी ने माना नहीं। चाहें तो किसी भी स्तरीय शब्दकोष के उच्चारण में देख सकते हैं।
- पाठ्य सामग्री कोई जीव विज्ञान क्षेत्र का ज्ञाता बेहतर टिप्पणी कर सकता है।
- वैसे लेख उपयुक्त है निर्वाचन हेतु।--आशीष भटनागर वार्ता १६:२३, २३ अक्टूबर २००९ (UTC)
- रचना और आलेखन की दृष्टि से मैं इस लेख का समर्थन करती हूँ। यीस्ट ठीक है, क्यों कि वाई को साइलेंट करने से ईस्ट शब्द बनेगा जिसका अर्थ पूर्व होता है इसलिए हिंदी में यीस्ट लिखा जाना मेरे विचार से ठीक है। --मुक्ता पाठक ०५:४३, २४ अक्टूबर २००९ (UTC)
- -- "व" की जगह "भ" का उपयोग बंगाली नहीं बल्कि उप्र, बिहार, बंगाल, राजस्थान, मप्र आदि में मिलता है। अर्थात् अगर कोई हिन्दीभाषी अंग्रेजी ना जानता हो तो वह Whistle को "भिसिल" और Very को "भेरी" बोलते हैं। ठीक यही चर्चा आज चौपाल में हुई थी अमेरिका और अमरीका को लेकर। मुझे लगता है कि सुरूचि जी सही हैं, हमें हिन्दी उच्चारण का उपयोग करना चाहिए ना कि अंग्रेजी उच्चारण का। छोटी-छोटी चीजें हिन्दी उच्चारण को अंग्रेजी उच्चारण से भिन्नित करती हैं और शायद यह उनमें से एक है। -- सौरभ भारती (वार्ता) १६:३४, २४ अक्टूबर २००९ (UTC)
- -- वैसे ये लेख अच्छा है। -- सौरभ भारती (वार्ता) १६:३८, २४ अक्टूबर २००९ (UTC)
- सौरभ जी ने भिसल आदि उदाहरण तो दिये, किन्तु समर्थन या विरोध नहीं बताया, उस बारे में। और बंगाली या पूर्वी प्रदेशों से कोई फर्क नहीं पड़ता, अर्थ ये है, कि ये क्षेत्रीय उच्चारण (असेंट) है, न कि सही हिन्दी शब्द। हां यीस्ट और ईस्ट के बारे में हम ये तय नहीं कर सकते हैं, कि चलों अंग्रेज़ी के ईस्ट को हम यीस्ट कहना आरंभ कर दें। ईस्ट तो ईस्ट ही रहेगा। यीस्ट एकदम गलत उच्चारण होगा। दूसरे ईस्ट को कोई अंग्रेज़ी के ईस्ट से कैसे कन्फ़्यूज़ करेगा, ये समझ में नहीं आया। उदा० ईस्ट खाद्य पदार्थों क किण्वन करते हैं। इस वाक्य में कोई क्या ये समझ लेगा कि पूर्व किण्वन करते हैं? इस प्रकार तो पूर्व के हिन्दी में ही दो अर्थ हैं- पहले और पूर्वी दिशा। दक्षिण के बायें और दक्षिणी दिशा, उत्तर के अर्थ: बाद में और उत्तरी दिशा। इस प्रकार तो हम हिन्दी में भ्रमित ही होते जायेंगे। इसीलिए भाषा पढने के लिए वोकैब्युलरी का ज्ञान होना आवश्यक होता है। इस प्रकार यीस्ट एकदम गलत शब्द है, और हां कुछ गलत शब्द जानने वालों के लिए यीस्ट को पहले ही किसी ने खमीर को पुनर्निर्देशित किया हुआ है।--आशीष भटनागर वार्ता ०८:२८, २५ अक्टूबर २००९ (UTC)
- निर्वाचन के लिए समर्थन। अरे भाई ये क्या चर्चा हो रही है? मैं अभी-अभी जीव विज्ञान की चार अच्छी किताबों में देखकर आ रही हूँ सब में यीस्ट ही लिखा है। आपलोग एक बार किताबों में देख तो लीजिए ऐसे तो बहस लम्बी-लम्बी और लम्बी ही होती जाएगी।--Munita Prasadवार्ता १५:३३, २५ अक्टूबर २००९ (UTC)
- वर्तनी की कुछ अशुद्धियाँ दिख रही थीं जिन्हें मैंने ठीक किया है। मेरे विचार से यह लेख निर्वाचित किए जाने के लिए उपयुक्त है।-- डॉ॰ जगदीश व्योम १६:२५, २५ अक्टूबर २००९ (UTC)
- हां यदि अच्छी पुस्तकों में देखा है, तब सही होगा। वैसे और बेहतर होता, यदि इसकी वार्ता पर किसी भी एक पुस्तक के संदर्भ सहित ये वार्ता स्थानांतरित कर दी जाये। इस तरह भविष्य में कोई भी इस बात को उठाने से पूर्व पढ़ कर निश्चिन्त हो जायेगा। और तब यीस्ट नाम भी निश्चित हो जायेगा।--आशीष भटनागर वार्ता ०२:२६, २६ अक्टूबर २००९ (UTC)
- -- इस जानकारी को विकिपीडिया:बहुवर्तनी शब्दों की सूची पर डाल दिया गया है। -- सौरभ भारती (वार्ता) १३:२८, २७ अक्टूबर २००९ (UTC)
- -- सौरभ भारती (वार्ता) १२:३५, ३० अक्टूबर २००९ (UTC)
- पूर्ण समर्थन--इवियन १३:००, ३० अक्टूबर २००९ (UTC)
- लगता है कि आशीष भटनागर का अंग्रेजी उच्चारण पंजाबी से प्रभावित है, जो येस को ऐस कहते हैं। यीस्ट को स्पष्ट करने के लिए एस चंद एंड कंपनी द्वारा प्रकाशित १९८४ वर्ष के संस्करण वाले कामिल बुल्के के अँग्रेजी हिन्दी कोश का पृष्ठ संख्या ८७५ स्कैन कर के यहाँ प्रस्तुत कर रहा हूँ। आशा है सबके संदेह दूर हो जाएँगे। --इवियन १३:२३, ३० अक्टूबर २००९ (UTC)