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लेखन संबंधी नीतियाँ

what are the complications

क्या देवनागरी लिपि आदर्श लिपि है ?

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देवनागरी लिपि की 10 कमियाँ ! 1.ग, ण,और श में आकार लगे होने का भ्रम होता है ! 2.वर्ण के प्रकार -- क, र ध्वनि-राजा,क्रम,कर्म,ट्रक,ऋण,कृपा ख.द - दम,विद्या,छद्म,गद्दी ग. क-कर,वक्त ,क्वाथ घ .श-शाम,श्रम,श्याम ङ.म-मन,म्यान,छद्म,ब्रह्म च.भ-भवन,अभ्युक्ति,उद्भव, 3.संयुक्ताक्षर में आधे अक्षर बाएँ,दाएँ और नीचे लगते हैं-वह, व्यय, द्वार,जिह्वा! 4.शुद्ध में द पूरा अक्षर लिखा है,लेकिन उच्चारण आधा होता है!ध आधा लिखा होता है,लेकिन उच्चारण पूरा होता है !इसी तरह वृद्ध,श्रद्धा आदि! 5.शक्ति में क पर भी इकार लगता है!ऐसे ही निश्चित,बल्कि आदि! 6.द्विज का उच्चारण दु+वि+ज होता है!लिखने और पढ़ने दोनों में दुविधा होती है! 7.जो लिखा दिखता है वह उच्चारित नहीं होता है!और जो कहते हैं वह नहीं लिखा जाता है! क.शुरू में एकार लगा नहीं है लेकिन उच्चारित होता है! जैसे-क्या का उच्चारण के+या होता है!इसी तरह-व्यय, प्यास,प्याज,ब्याज,व्यापार,व्यवस्था,व्यवहार,आदि! ख.शुरू में ओकार नहीं लगा है,लेकिन उच्चारित होता है! जैसे-द्वार दो+वा+ र,द्वंद्व,ज्वर,त्वरित आदि! 8.शब्दों के उच्चारण के हिसाब से वर्णों का क्रम अस्पष्ट होता है!असमंजस की स्थिति रहती है!जैसे-क.वृद्ध उच्चारण वृ+द्+ध होता है! ख.निर्देश लिखे वर्ण का क्रम देखें तो नि+दे+र्+श उच्चारण के अनुसार ' दे ' के पहले ' र ' ध्वनि संकेत लिखा होना चाहिए ! लेकिन ऐसा नहीं है-दे के बाद र का संकेत लगता है! 9.अनुनासिक अनेक ध्वनि संकेतों के बदले सिर्फ अनुस्वार का प्रयोग होने के कारण ध्वनि का गलत संकेत लिखा जा रहा है ! जैसे-अंत उच्चारित करें तो अ+न्+त=अन्त होता है!इसी तरह कंपनी/कम्पनी,खंड/खन्ड/खण्ड आदि! 10.देवनागरी एक हजार साल पुरानी लिपि है!कम्प्यूटर से हिंदी टाइपिंग में लगभग140ध्वनि संकेतों की आवश्यकता होती है! देवनागरी लिपि से विकसित होडो़ सेंणा लिपि में उपर्युक्त सभी कमियों का समाधान है!इस लिपि से मात्र 45 ध्वनि संकेत चिह्नों से शुद्ध वर्तनी लिखी जा सकती है!सिर्फ हिंदी और मुंडा भाषाएँ ही नहीं,अनेक भारतीय भाषाएँ भी शुद्ध वर्तनी के साथ लिखी जा सकती हैं ! रवीन्द्र नाथ सुलंकी www.hindikinailipi.com Rabindra Nath Sulanki (वार्ता) 23:23, 20 जून 2020 (UTC)उत्तर दें

'देवनागरी लिपि में बहुत से ऐसे गुण हैं जो लैटिन, अरबी आदि में नहीं हैं। कुछ कमियाँ भी दिखतीं हैं जिन्हें कमी कहने के बजाय 'निरूपण की शैली' कहना ठीक होगा (उदाहरण के लिये 'शुद्ध' में द का 'पूरा' दिखना और ध का 'आधा')। यह कोई दोष नहीं है, फिर भी इस लेख में इन तथाकथित 'दोषों' को गिनाया गया है।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 03:29, 20 मार्च 2022 (UTC)उत्तर दें

प्रस्तावित विलय देवनागरी की वैज्ञानिकता में देवनागरी

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इसे देवनागरी लेख में एक शीर्षक के तहत रखना ज्यादा सही होगा। रोहितबातचीत 15:57, 29 मई 2021 (UTC)उत्तर दें

देवनागरी के संयुक्ताक्षर

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इस लेख में 'देवनागरी के संयुक्ताक्षर' शीर्षक के अन्तर्गत जो बड़ा सा चार्ट दिया गया है उसे हटाना ठीक रहेगा। इसके पक्ष में निम्नलिखित कारण हैं-

  • जिस रूप में यहाँ यह चार्ट दिया है उसमें बहुत सी कमियाँ हैं। कम्प्यूटर पर यदि यूनिकोड देवनागरी में संयुक्ताक्षर लिखे जाते हैं तो वे संयुक्ताक्षर कैसा दिखेंगे वह इस बात पर निर्भर करता है कि फॉण्ट कौन सा है। इसके अलावा कुछ अन्य बातों पर भी यह निर्भर करता है। अतः यदि संयुक्ताक्षरों को यहाँ दिखाना है तो उन्हें छवि (इमेज) के रूप में दिखाना पड़ेगा।
  • ङ् और क का संयुक्ताक्षर (ंक) दिखाया गया है जो भ्रामक है। संस्कृत और कई अन्य भाषाओं में इसे 'ङ्क' लिखते हैं जो देखने में ङ के नीचे क लिखा हुआ दिखता है। इसी प्रकार ञ् और च इत्यादि के संयुक्ताक्षर भी सही नहीं हैं।
  • इतना बड़ा चार्ट यहाँ देना उचित नहीं है। कुछ (दस-बीस) उदाहरण दिये जा सकते हैं।
  • संयुक्ताक्षर तो तीन व्यञ्जनों के भी होते हैं। इसके अलावा सैद्धान्तिक रूप से चार-पाँच-छः व्यञ्जनों के संयुक्ताक्षर भी सम्भव हैं। क्या उन सबको यहाँ चार्ट रूप में दिया जा सकता है?

उपर्युक्त बातों को देखते हुए मेरा प्रस्ताव है कि इस चार्ट को हटा दिया जाय क्योंकि यह अनावाश्यक रूप से इस लेख का आकार भी बड़ा रहा है।--अनुनाद सिंह (वार्ता) 03:29, 20 मार्च 2022 (UTC)उत्तर दें

@अनुनाद सिंह 49.205.252.66 (वार्ता) 21:54, 18 नवम्बर 2023 (UTC)उत्तर दें
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