2 मई 2022
1 मई 2022
14 जुलाई 2021
2401:4900:2E8B:AFF:C05E:AE32:C90B:FD91 (Talk) के संपादनों को हटाकर रोहित साव27 के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया
छो−80
चिन्तन क़ैसे करें
+80
7 अगस्त 2020
2 मार्च 2020
24 अक्टूबर 2019
27 अगस्त 2019
हिंदुस्थान वासी द्वारा सम्पादित संस्करण 4135222 पर पूर्ववत किया: Vandalism। (ट्विंकल)
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→बाहरी कड़ियाँ
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→बाहरी कड़ियाँ
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12 अगस्त 2019
चिंतन मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है । 1-स्वली चिंतन 2-यथार्थवादी चिंतन स्वली चिंतन को हम काल्पनिक चिंतन और यथार्थवादी को वास्तविक चिंतन कहते है यथार्यवादी चिंतन 3 प्रकार के होते है 1-अपसारी 2-अभिसारी 3-आलोचनात्मक 1-अपसारी चिंतन -जो पूर्णतः स्वतंत्रत हो या गैर परम्परागत हो या जिसमे हम अपनी मनोभावना को व्यक्त कर सके उसे अपसारी चिंतन कहते है। 2-अभिसारी चिंतन-इस चिंतन के अंतर्गत हम एक नियम में बधे रहते है और हम इसमे अपनी मनोभावना को स्वतंत्रता पूर्वक व्यक्त नही कर सकते है उसे अभिसारी चिंतन कहते
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चिंतन मुख्य रूप से 2 प्रकार का होता है । 1-स्वली चिंतन 2-यथार्थवादी चिंतन स्वली चिंतन को हम काल्पनिक चिंतन और यथार्थवादी को वास्तविक चिंतन कहते है यथार्यवादी चिंतन 3 प्रकार के होते है 1-अपसारी 2-अभिसारी 3-आलोचनात्मक 1-अपसारी चिंतन -जो पूर्णतः स्वतंत्रत हो या गैर परम्परागत हो या जिसमे हम अपनी मनोभावना को व्यक्त कर सके उसे अपसारी चिंतन कहते है। 2-अभिसारी चिंतन-इस चिंतन के अंतर्गत हम एक नियम में बधे रहते है और हम इसमे अपनी मनोभावना को स्वतंत्रता पूर्वक व्यक्त नही कर सकते है उसे अभिसारी चिंतन कहते
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