मुजम्मिल जी! क्या आप मेरे द्वारा विस्तारित किये गये लेख राम प्रसाद 'बिस्मिल'को उर्दू में अनुवाद करके उर्दू विकिपीडिया पर दे सकते हैं? यदि आप ऐसा कर सके तो आपका हम सभी हिन्दी भाषी आभार मानेंगे। डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा (वार्ता) 09:15, 16 मार्च 2014 (UTC)उत्तर दें

डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा जी, आपने उर्दू विकिपीडिया की एक बहुत बड़ी कमी को सामने लाई है। मैं इसे दूर करने की पूरी कोशिश करूँगा। पर इसके लिए थोड़ा-सा समय चाहिए। आशा है कि इस प्रयास में आपका प्रोत्साहन जारी रहेगा। --मुज़म्मिल (वार्ता) 15:42, 16 मार्च 2014 (UTC)उत्तर दें

आपकी देश सेवा के कार्य प्रसंशनीय

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प्रिय मुजम्मिल जी! आपने हिन्दुस्तानी भाषाओं को सार्थक करता हुआ अपना सदस्य नाम रखकर यह संकेत तो पहले ही दे दिया था कि आपके हृदय में देशभक्ति का जज़्बा कूट-कूट कर भरा हुआ है। बिस्मिल जी ने स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अशफाक उल्ला खाँ जैसा देशभक्त हिन्दुस्तानी मुसलमान हिन्दुस्तान रिपब्लिकन ऐसोसिएशन से जोड़कर सारी दुनिया को दिखा दिया था। आज मुझे इस बात को कहने में जरा भी संकोच नहीं कि शाहजहाँपुर के अग्निधर्मा कवि स्व० अग्निवेश शुक्ल की पंक्तियों को आपने चरितार्थ कर दिखाया। बहुत-बहुत आशीष! डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा (वार्ता) 07:06, 2 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें

मुखपृष्ठ समाचार में लेख

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  8 अप्रैल 2014 को मुखपृष्ठ समाचार का अद्यतन हुआ जिसमें आपके द्वारा लिखे गए या काफी सुधारे गए लेख 2014 आईसीसी विश्व ट्वेंटी20 से तथ्य लिया गया था। अगर आपको किसी और रोचक ख़बर का ज्ञान हो तो उसे विकिपीडिया:समाचार/उम्मीदवार‎ पर सुझाएँ।

░▒▓शुभम कनोडिया वार्ता 07:52, 8 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें


पुनरीक्षित लेखों को जांचा हुआ मार्क करें

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मुज़म्मिल जी आप जब किसी अवतरण को Vandalism या AGF मानकर पूर्ववत करते हैं, तो कृपया ऐसा करने से पहले उन्हें जांचा हुआ मार्क कर दें। ऐसा नहीं करने से दुसरे पुनरीक्षकों को पता नहीं चल पाता कि उस लेख की जांच पहले ही कर ली गयी है। धन्यवाद! ░▒▓शुभम कनोडिया वार्ता 05:18, 27 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें

जी, अच्छा। --मुज़म्मिल (वार्ता) 08:32, 27 अप्रैल 2014 (UTC)उत्तर दें

आपसे अपील

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नमस्ते मुज़म्मिल जी, मेरे द्वारा नालापत बालमणि अम्मा को निर्वाचित लेख परख हेतु नामांकित किया गया है। यह लेख भारत की क्षेत्रीय भाषा मलयालम की कालजयी लेखिका जिन्हें "ग्रैंड मदर ऑफ मलयालम लिट्रेचर" कहा जाता है, पर है। इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है, कि इतने सुंदर तरीके से न तो मलयालम विकि पर और न अँग्रेजी विकि पर यह लेख बना है। इस लेख को विकिपीडिया:इस सप्ताह का सुधार हेतु लेख परियोजना के अंतर्गत 23 अप्रैल 2014 से 3 मई 2014 तक सदस्यों द्वारा सुधार किया गया है और इसकी स्थिति गुणवत्ता के अनुरूप हुई है। सदस्यों की सहमति से इस लेख को निर्वाचित लेख परख हेतु प्रस्तुत किया गया है। निर्वाचित होने के पश्चात हिन्दी विकि पर यह किसी भारतीय भाषा के कालजयी साहित्यकार पर पहला निर्वाचित लेख या श्रेष्ठ लेख होगा। इस कालजयी महिला साहित्यकार का सम्मान करते हुये इसे निर्वाचित लेख हेतु अपना यहाँ समर्थन देने की कृपा करें ।--माला चौबेवार्ता 05:48, 7 मई 2014 (UTC)उत्तर दें

अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ लेख के बारे में

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प्रिय सैयद मुजम्मिल हुसैन जी! मैं आपका ध्यान अशफ़ाक़ुल्लाह ख़ाँ नामक लेख की ओर दिलाना चाहता हूँ। इसे उर्दू लिपि में लिखे जाने का वक़्त अब आ गया है। क्या आप इतनी तकलीफ़ गबारा कर सकेंगे? निस्संदेह उर्दू विकिपीडिया के लिये यह आपका बहुत बड़ा एहसान होगा। आपका शुभेक्षु डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा (वार्ता) 09:31, 24 मई 2014 (UTC)उत्तर दें

डॉ॰'क्रान्त'एम॰एल॰वर्मा जी, ध्यान दिलाने के लिए धन्यवाद। मैं इस शुभ कार्य को इसी समय तो शायद न कर पाऊँ, पर अवश्य ही निकट भविष्य में कर दूँगा। --मुज़म्मिल (वार्ता) 09:57, 24 मई 2014 (UTC)उत्तर दें

महाराणा प्रताप लेख के सम्बन्ध में

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आदरणीय संपादक महोदय,

  । मेरा यह पत्र महाराणा प्रताप लेख के सन्दर्भ मैं है।आपने मेरा द्वारा सम्पादित लेख पर परिवर्तन किया है।जिसका मैं स्वागत करता हूँ। परन्तु मैं आपके द्वारा इस लेख में दी गयी जानकारियों से संतुष्ट नहीं हूँ क्योकि इस लेख मैं अनेक बातें ऐसी है जिनको मानना किसी भी इतिहास जानने वाले के लिए हास्यास्पद होगा जैसे हल्दीघाटी की धरती का रंग अत्यधिक रक्त के बहने से हल्दी जैसा हो गया था आदि। ये सब कल्पनातीत बातें है जो कि कुछ लोगो द्वारा भ्रमवश फैला दी जाती है। इसके अतिरिक्त आप के द्वारा किये गये परिवर्तनों में वर्तनी अत्यधिक अशुद्ध है जिस कारण इस लेख को पढ़ना और भी कठिन हो जाता है। महोदय मेरे द्वारा सम्पादित किया गया पूर्व लेख कर्नल जेम्स टॉड व् जदुनाथ सरकार के द्वारा लिखे हुए विवरणों पर आधारित था।इनमें से कर्नल जेम्स टॉड द्वारा किया गया कार्य तो राजस्थान के इतिहास के बारे में अपनी तरह का अनोखा एवं अंतिम कार्य है जिसे देश विदेश दोनों के इतिहासकार मान्यता देते है। इसके अतिरिक्त अन्य कई वेबसाईट्स पर आधारित वह लेख पूर्णतः प्रमाणिक लेख था तथा मैं उसमें और अधिक संशोधन कर उसे बोधगम्य बना ही रहा था। कि आपने उसे मिटा कर एक अत्यंत ही अप्रमाणिक लेख प्रस्तुत किया जिसमें आपने अपने परिवर्तनों द्वारा मेरे द्वारा दी गयी कई महत्वपूर्ण जानकारियों को गौण कर दिया है।

महोदय मैं हिंदी संस्करण में अपना योगदान देकर हिंदी पाठको के लिये जानकारियाँ सुलभ बनाना चाहता हूँ तथा आपसे भी ऐसी ही अपेक्षाए रखता हूँ। यदि हमारें द्वारा सम्पादित लेखों में आपको त्रुटियाँ लगती है। तो आप मुझे सूचित करतें हुए उन त्रुटियों को दूर कर लेख को सम्पादित कर सकतें है। इसके लिए आपका स्वागत हैं परन्तु बिना जानकारियों के इस प्रकार के लेखो को कृपया सम्पादित न करे। क्योंकि इस से पाठक तक सूचनाये गलत और अशुद्ध पहुचेगी।मेरा विश्वास है कि आप भी मेरी ही तरह महाराणा प्रताप लेख को अधिक रोचक एवं प्रमाणिक बनाना चाहते है। न कि एतिहासिक सूचनाओं से खिलवाड़ करना।अतः आपसे सहयोग की आशा करता हूँ कि आपके द्वारा भविष्य में किये गये किसी भी ऐसे संशोधन का जो प्रमाणिक हो तथा शुद्ध हो,मेरे द्वारा संपादित लेखों में करने का मैं स्वागत करता हूँ। आशा करता हूँ की आपने इस पत्र में मेरे द्वारा की गयी त्रुटियों को ध्यान मैं न रख कर पत्र के भाव को समझने का प्रयास किया होगा तथा उसके सकारात्मक पक्ष को समझा होगा। यदि फिर भी कोई त्रुटि मुझसे हुई हो तो उसके लिये मैं करबद्ध क्षमाप्रार्थी हूँ। मेरी बात सुनने के लिए आपका अत्यंत आभार ।

                                                                                          शुभेच्छाओं सहित

Gaurav Bhushan Hatwal (वार्ता) 10:48, 27 मई 2014 (UTC)गौरव भूषण हटवालउत्तर दें

गौरव भूषण हटवाल जी, लेख में यदि आप सन्दर्भ देंगे तो आपके लेख को बिना चर्चा के नहीं हटाया जायेगा। आप अपने द्वारा लिखे गये किसी भी वाक्य के आगे <ref>पुस्तक के लेखकों का नाम, पुस्तक का नाम, प्रकाशक, पृष्ठ संख्या, आई॰एस॰बी॰एन॰ संख्या</ref> लिखें। यदि आप किसी वेबसाइट का सन्दर्भ दे रहे हैं तो कृपया <ref>http://www.बेबसाइट का पता लिखें।</ref> स्रोत विश्वसनीय होना चाहिए।☆★संजीव कुमार (✉✉) 10:55, 27 मई 2014 (UTC)उत्तर दें
गौरव जी, मैं यही राय रखता हूँ।--मुज़म्मिल (वार्ता) 15:39, 27 मई 2014 (UTC)उत्तर दें

answer me bro

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Bro you might think i am trolling you but i felt same when i was attacked by your fav and his sock army....you made a false allegation against me dude with out going thru historic attacks against me....yes i am frustrated or you can say irritate that you have few people here who are making 1 liner pages on a large scale and few who make lengthy pages with out even a single reference.....i am not saying that i am making beautiful pages, as a matter of fact i am worst in many cases its because i lose my patience and later simple use google translate to translate length paragraphs and i have never hidden that fact..... but how come people who claim to be so knowledgeful prof. of JNU or wht ever crap, can make such shabby work and you admins encourage them by saying they are contributing something, bro i ask you if some is repeatedly making mess how long will you tolerate?...mate i request you to please once view some of the pages created by users against whom i have repeatedly complained to sanjeev and you too will agree with my views that this particular user's work is shabby which means with out any references, never having any infobox, i dont want to say much mate.....you will understand it once you see it....so once observe that user's activities and read all discussions on chupal involving me starting from machini anuvad controversy...please...see it to believe it....Sushilmishra (वार्ता) 09:25, 2 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

Bro, in your case I was offended by your use of "tum" - we always say "aap" on this Wiki. Personally I might have linked you with somebody - rightly or wrongly - but it was based on at least some peripheral evidence. Others have tried to say I am a sock Hunnjazal, Dr Krant M L Varma is a sock of somebody else, even Bill William Compton is a sock of Siddhartha Ghai. My suggestion is researching on these thing will only help in coming up with ton of useless theses. Do something good and satisfied with it. Perhaps a study of literature such as this can bring relief when nothing else works. --मुज़म्मिल (वार्ता) 16:38, 2 जून 2014 (UTC)उत्तर दें
you know mate 1 of the person you named is acctually banned on English Wikipedia for not following the rules, and rules are same no matter which language Wikipedia.Sushilmishra (वार्ता) 01:10, 3 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

हिन्दी विकिसम्मेलन से सम्बंधित चर्चा

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नमस्ते मुज़म्मिल जी, जहाँ तक मुझे ज्ञात है हमारा हिन्दी विकि-सम्मेलन का कार्यक्रम अभी तक बन नहीं पाया लेकिन आजकल की आधुनिक तकनीकी का उपयोग करते हुये एक गूगल हैंगाउट अथवा कुछ ऑनलाइन सम्मेलन सम्भव है। आपके इस सम्बंध में क्या विचार हैं?☆★संजीव कुमार (✉✉) 09:45, 9 जून 2014 (UTC)उत्तर दें

नमस्ते संजीव जी, हमारे कुछ सदस्य अपनी असली पहचान गोपनीय रखना चाहते हैं। इसलिए मेरे विचार से शायद आई आर सी का प्रयोग उचित होगा। बिल जी शायद इस दिशा में हमारा मार्गदर्शन कर सकते हैं जैसा कि यहाँ लगता है।--मुज़म्मिल (वार्ता) 14:32, 9 जून 2014 (UTC)उत्तर दें
हाँ आपकी बात भी सही है।☆★संजीव कुमार (✉✉) 16:45, 9 जून 2014 (UTC)उत्तर दें
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