Wiki102
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Wiki101 २०:११, २५ मार्च २००८ (UTC)
स्वागत सूचना
संपादित करेंप्रिय सदस्य, स्वागत के लिए धन्यवाद। आप यहाँ पर कई लेखों के पन्नों पर स्वागत सूचना जोड़ रहे हैं, जिसका उन पन्नों पर कोई इस्तेमाल नहीं हो सकता है। ये सूचना केवल नए सदस्यों के स्वागत के लिए प्रयुक्त होती है। लेखों के पन्नों पर ऐसा करने से लेख की उपयोगिता कम होती है। कृपया आगे से ऐसा न करें। धन्यवाद। -- दाढ़ीकेश ०२:०१, २६ मार्च २००८ (UTC)
स्वागत सूचना
संपादित करेंलगता है सुर्य आ गया । हम सब उल्लु जा रहे है । Wiki101 ०२:०५, २६ मार्च २००८ (UTC)
चौपाल से घर तक
संपादित करेंदाढ़ीकेश अब चौपाल से बात आप के घर तक आ गैइ है । आपने पहले से तो इस प्रतिबन्धित पर निगाह नही रखि । अब आप आ गए तरफ्दारी करने उस की जिसकी हर सद्स्य ने निंदा कि । कैर अब आपको भी नेतागिरी करनी है करे ।
शायद आप चाहते है कि अगर कोई गलती करे तो उसे अलग-अलग गलती के लिए अलग अलग चेतावनी देनी होती हैं । मै बता दूं कि एक सभ्य,संवेदन्शील, सुसंस्कृत और सच्चे लेखक के लिए एक ही चेतावनी बहुत होती हैं । अब एक और कमाल की बात जो दाढ़ीकेश को पता होनी चाहिए जब आपके ही एक प्रबन्धक ने इन्हे चेतावनी दी तो इन वोहरा महाशय ने उस प्रबन्धक के ही वार्ता पेज पर सीधी-सिधी धमकी दे डाली । (वहा भी जाकर देखो) । अब भी अगर दाढ़ीकेश आप यह मानते है कि एसा न्ही होना चाहिए था तो मुझे आपसे कुछ जवाब चाहिए -
क्या किसी को चेतावनी देना भी कम नही होता क्या चेतावनी प्राप्त व्यक्ति का यह कर्तव्य नही बनता कि वो संयम मे रह्कर अपने लेखन को सुधारे या उल्टा ही चोर कोत्वाल को डाटेगा ।
पहले उसने देश के खिलाफ् टिप्प्नणी की फिर मेरे जैन होने पर कि जैनो ने ही------- जाकर मेरे पेज पर देखो दाढ़ीकेश ।
बिना अपने नाम से लागिन करे आई पी नम्बर से अपने पेज पर अपने लिए लिखा मिटा रहा है, आप सोच सकते है कि ऐसा वयक्ति ऐसा जान्बूझ कर कर रहा है । इन्हे सब कायदे पता है विकि के लेकिन जब तक आप जैसे लोग इनके साथ है इन्हे भी हिम्म्त आ जाती है कि अब देश्द्रोही बाते करने में या एक विशेष कोम को गद्दार कहने मे उन्हे कोई रोक नही सकता, इसके जिम्मेदार आप है ।
इन माहाशय का योगदान देखे लगता है सारी बेवकूफी (माफ् करना इन्के शुरू किए लेख देखो) यहा डाल दी हो कहि यहा ये सब सीख सकते थे लेकिन इन्हे जो सिखाने आया इन्होने उसे की उल्टा कर दिया ।
अब शायद बहुत हो चुका है मै अभी नया ही हू ये आपकी और आपके पुराने सथियों की बात है किन्तु आप अब अपना दिमाक बदल दे क्योकी लेखक की शक्ति आप शायद नही जानते दाढ़ीकेश । वोहरा का लिखा एक एक शब्द आज तक विकि के पुराने अवतरणो में समाहित है जिस गैर्जिम्मेदाराना तरीके से उन्होने यहा लिखा है उस आधार पर हम लेखको के साथ साथ विकिपीडिया को भी इसकी भरपाई करनी पडेगी --Dr. Jain १४:१६, १० मार्च २००८ (UTC)
- और जहा तक आपका कहना है कि वोहरा ने वो सब मिटा दिया तो यह सोचना दाढ़ीकेश आपकी मुर्खता और अज्ञानता को दर्शाता है जरा ये देखे और सही से प्ढे ।
[[http://hi.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%B5%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A5%8D%E0%A4%A4%E0%A4%BE:%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4%E0%A5%80%E0%A4%AF_%E0%A4%B8%E0%A4%82%E0%A4%B5%E0%A4%BF%E0%A4%A7%E0%A4%BE%E0%A4%A8 सोमनाथ मंदीर
समस्त मानवजात का कलंक स्मारक है । ईसका स्वतंत्र गणतंत्र भारत में नागरीकों के सहकार से नीर्माण हुआ । पंडीत जवाहर लाल नेहरु ने लोक सभाके फ्लोर पर वीरोध भी कीया । कुछ नहीं चला । मस्जीद हटाकर मंदीर नीर्माण में वल्लभ भाई पटेल, महात्मा गांधी, राजेन्द्र प्रसाद सब साथ हो गये । Vkvora2001 ०७:१८, २९ फरवरी २००८ (UTC)]]
अब अगर आपको पता लग गया हो तो अपने घर से निकल चौपाल पर जाकर सबसे माफी मांगे । --Dr. Jain १५:५१, १० मार्च २००८ (UTC)
चौपाल की बात घर तक आती है
संपादित करेंतो भैया इतना सम्झाने के बाद भी आपको तिल का ताड बनाने का शौक है तो वही सही । आपने कहा हि कि मै चौपाल पर ही आपका उत्तर दूं । ठीक है । पहली बात आपकी ये बात गलत है जो आपने कहा था कि आपके वोहरा को चेतावनी के मिलने के बाद भी उनके लेख आज भी मौजूद है (मेरे वार्ता पर और भारत के संविधान पर) सही है कि नही ------ बताइए (तर्क् और तथ्य भी है यह भावुकता नही )। दूसरा कुमारपाल की बात यह लेख राजिव्मास जी द्वार ध्यान मे लाने के बाद पूर्णिमा वर्मन ने ठीक किया फिर आखिर में राजिव्मास ने उसे श्रेणीबद्द किया । अब हर लेख को तो ये दोनो थीक तो नही कर सकते । दाढ़ीकेश आपने तीन साल काम किया है । यानि कि आप मेरे वरिशठ है । बडिया है तभी आप अपने संवाद पर लिखने के बजाए चौपाल का संवाद के रूप मे प्रयोग कर रहे है । अब आप मेरी गलती की बात करते है ठीक है करे, अगर मै कोई गलती करता हुं विकि पर तो भैइया मेरे यह आप लोगो का ही फर्ज है कि मुझे बताए और यह मेरा मन है कि उसे दिल से मानू ना कि आप पर ही चड जाऊ । आप मुझसे वरिष्ठ है (भैइ 3 साल संपादन किया है आपने), इस्लिए आपको तोडा घमन्ड हो गया है कि आप की ही बात सब माने य्हा तक कि आप अन्य सद्स्रयो की भी नही मान रहे है वोहरा के लिए इसमे शायद आपकअ कोऐ स्वर्थ होगा खैर । और आखरी बात वोहरा को इतनी देश्द्रोही बाते करने मे केवल तीन महिने का प्रतिबन्ध मिला है आजीवन नहि । आप को उस पर भी आपत्ती है । तो आपकी मर्जी है जो चाहे सोचे । वोहरा का तीन महीने का प्रतिबन्धन सही है । बेवकूफी और देश्द्रोही बाते करने वालो की कही भी कोई जगह नही है , आपके मन मै है तो यह आपकी मानसिकता है आप भी विदेशी आक्रमण्कातरी को यहा हमे लूट्ने के लिए बुला ले । भारत के संविधान की बुरैइया करे । जैनो को देश्द्रोही बताएं । मन्दिरो को कळंक बताएं । माफ् किजिए आप जैसे लोग कोई काम शुरू नही करते अगर कोई शुरू कर दे तो उसमे गलतिया निकालने मे आप जैसे लोग सबसे आगे रहते है (भैइ 3 साल संपादन किया है आपने)। होली के पृष्ट पर आप ये ही कर रहे है । एक बार बता दू काम शुरू करना और उसे क्रियान्वित करते रहना मुश्किल है उसमे गलतिया निकाल्ना आसान (भैइ 3 साल संपादन किया है आपने) जो आप का काम है । एक बार और 3 साल संपादन नही केवल टाइम पास किया है आपने यहां । अब हिन्दी विकि केवल एक टाइम पास की जगह नही है अब यहा श्रम्दान दिया जात है सही और प्रमाणित जानकारी दी जाती है । और हां जो देश्द्रोही बाते करता है उसके हित की बात करना भी देश्द्रोहिता है । और अब आप भी उसी श्रेणी मै हैं । लिकह्ने को अभी भी मेरे पास बहुत शब्द है लेकिन चौपाल प्रचार या फाल्तू संवादो के लिए नही बना । यह मै जानता हू और मुझे तीन महिने भी नही हुए इस ज्ञान मन्दिर मै --Dr. Jain ०६:५०, ११ मार्च २००८ (UTC)
सच
संपादित करेंयह जैन सदस्य ओर राजीवमास एक तो नहीं है ? ---धर्मगुरु
((१६:३१, १६ मार्च २००८ का आवर्तन (संपादन) (पूर्ववत करें)59.184.162.231 (वार्ता) ))
शिकायत
संपादित करेंमुझे दुख होता है की ऐसी बात कोई छ्द्म (छुप कर कैसे करता है बिना लाग्-इन करे और बिना ह्स्ताक्षर छोडे) । मेरे वार्ता पर अजीब संदेश छोड रहा है खैर मेरे अनुमान से यह वी के वोहरा हो सकता है या दाडीकेश (वे शायद ऐसा नही करे , पर ये करा धरा इन्ही का है)। मेरे पास जवाब है और बहुत जोरदार लेकिन पहले सवाल पूछने वाले अपने को सामने लाएं --Dr. Jain ०८:१७, १४ मार्च २००८ (UTC)
नैतिकता
संपादित करेंदाढ़ीकेश जी,आपका किया धरा अब हिन्दी विकिपीडिया को देखना पड रहा है । आपने बडे जोर-शोर से चौपाल पर प्रतिबन्धित लेखक वोहरा के हित के लिए प्रधन उठाने शुरू किए, मेरे आग्रह के बाद भी इस इश्यू को बजाए सम्बन्धित लेखको के संवाद पृष्ठो पर रखने के चौपाल पर ही रखा । यहा तक की अपने प्रबन्धको के खिलाफ् ही मोर्चा खोल दिया । अब जब आपके प्रबन्ध्क माननीय श्री राजिवमास ने आपको ठोस आधार उपलब्ध कराए तो आप बजाए सहमत होने या असहमत होने के चर्चा को बीच में है रोक कर चल दिए । यह नैतिकता नही है । अब आपके सामने दो ही तरीके है यातो प्रबन्धक के निर्णय से सहमती जताए या चर्चा करे । यह चर्चा हिन्दी विकि के आने वाले भविष्य को बनाएगी । आपकी दूसरी बात कि बिना लगिन किए कोऐ भी नए सद्स्यो का स्वागत कर सकता है, ने य्हा कोहराम मचा कर रखा है । इस छुट के मिल्ने के बाद (यहीनन प्रतिबन्धित लेखक वोहरा) ने स्वागत के साथ -साथ सद्स्य महातिगीर, मेरे और यहा तक की आपके प्रबन्ध माननीय श्री राजीवमास के गलत हस्ताक्षर करना शुरू कर दिया है । (इसका सबूत ये है कि हस्ताक्षर इनके होते है लेकिन लागिन आई०पी० अड्रेस का होता है)अब यह आपकी नैतिकता है कि क्या करना है ??--Dr. Jain ०५:१८, १६ मार्च २००८ (UTC)
सदस्य वार्ता:124.124.36.4
संपादित करें- (अन्तर) (इतिहास) . . श्री राम चरित मानस; १४:३९ . . (+९६) . . पूर्णिमा वर्मन (Talk | योगदान) (→बाहरी कड़ियाँ)
- (Deletion log); १४:३६ . . पूर्णिमा वर्मन (Talk | योगदान) ("सदस्य वार्ता:124.124.36.4" को हटाया गया है।: Vandalism: content was: '==सुधार== * २०:५४, १५ मार्च २००८
- (इतिहास) (अन्तर))
- (Block log); १४:३६ . . पूर्णिमा वर्मन (Talk | योगदान) ("सदस्य:59.184.170.122" को 3 months (anonymous users only, account creation disabled) तक बदलाव करने से रोक दिया गया है।: Inserting nonsense/gibberish into pages)
- सदस्य 124.124.36.4 ने वीकीपीडीया पर गलत काम किया है ओर उसका पुरा लोग चेक करना बाकी है ।
सदस्य वार्ता:124.124.36.4
संपादित करें- (cur) (last) ०६:२३, १४ मार्च २००८ 59.184.143.16 (Talk) (२२,२३१ bytes) (→सच) (पूर्ववत करें)
- (cur) (last) ०६:२२, १४ मार्च २००८ 59.184.143.16 (Talk) (२२,२३१ bytes) (पूर्ववत करें)
- (cur) (last) ०६:०४, १४ मार्च २००८ Jain (Talk | योगदान) (२१,९९१ bytes) (→कारवाही) (पूर्ववत करें)
- (cur) (last) ०६:०३, १४ मार्च २००८ 124.124.36.4 (Talk) (२२,०१७ bytes) (→कारवाही) (पूर्ववत करें)
- (cur) (last) ०५:४६, १४ मार्च २००८ 59.184.143.16 (Talk) (२१,७१९ bytes) (पूर्ववत करें)
- (cur) (last) ०५:३८, १४ मार्च २००८ Jain (Talk | योगदान) (२०,८३३ bytes) (→सच) (पूर्ववत करें)
- सदस्य 124.124.36.4 ने वीकीपीडीया पर गलत काम किया है ओर उसका पुरा लोग चेक करना बाकी है ।
सदस्य वार्ता:124.124.36.4
संपादित करेंसदस्य जैन पर जायें । उनके योगदान पर जायें । ओर उपर लिखे गये बार बार देखें । आपको मालुम पडेगा किसने फेर फार किया है ? राजीव मास ने बहोत कोशीश की इसको मिटाने की । अब व शक्य नहीं है । सदस्य पूर्णिमा वमन से विनंत्ति की जाती है आप बार बार उपरोक्त फेरफार को देखें।
सदस्य वार्ता:124.124.36.4
संपादित करें- सदस्य जैन पर जायें
- सदस्य जैन के संवाद पर जायें
- सदस्य जैन के पुराने अवतरण देखें
- लास्ट ०५:३८ मार्च १४, २००८ जैन तक ले जायें ओर जैन पर कलीक करें
- बरोबर देखकर अगला अंतर पर क्लीक करें
- ५:४६ को काम हुआ। नीचे सही देखें । माहितघरने सही किया है ।
- बरोबर देखकर अगला अंतर पर क्लीक करें
- ०६:०३ को काम हुआ । १२४.१२४ ने काम किया । नीचे सही भी उसकी है ।
- बरोबर देखकर अगला अंतर पर क्लीक करें
०६:०४ को काम हुआ । बरोबर देखें । उपर भी देखं। जैन ने काम किया है। नीचे सही १२४.१२४ से बदलकर जैन कर द गयी है । समय भी बदल दिया गया है। ०६:०३ से ०६:०४ कर दिया गया है । पुरा पोल यहां खुलता है ।
- उस लोग को बरोबर देखें
- वापस सब रीपीट करें ।
- राजीव मास ने क्या कोशीष की है वह देखें
59.183.142.87 १६:४५, १८ मार्च २००८ (UTC)
विनंत्ति
संपादित करेंलगता है अब राजीव मास वीकीपीडीया पर आयेगा नहीं। राजीव मास ओर पुर्णीमा वर्मन ने मीलकर वीकीपीडीयाको बहोत नुकशान कीया है । कम से कम सभासदोकी माफी मांगने आना चाहीये। 59.184.170.88 ०३:१५, १९ मार्च २००८ (UTC)
स्वागत
संपादित करेंसदस्य धवलभाई, आपने एक दो जगह सदस्य के वार्ता या टोक पेज पर उपरोक्त संदेश में राजीव मास नामके प्रबंधक ने पुर्णीमा वर्मन नामकी प्रबंधक के सहाय से तथा राजीव मास का डमी एकाउन्ट रवी जैन के नामसे काला कृत्य कर के हीन्दी वीकीपीडीया का बहोत बडा नुकशान कीया है। अब हीन्दी वीकीपीडीया के सभी प्रबंधक माथे पर हाथ राखकर रो रहे है। नीची एक लिन्क दी गयी है। कृपया उसे क्लीक करें । राजीव मास नामके प्रबंधक का सब भंडा फुट गया है । लीन्क दबाने से पहले उपरोक्त मेसेज को बरोबर एक दो बार जरुर पढ लें ताकी आप स्वम समज जायेंगे पुर्णीमा वर्मन ने 124.124 को क्यों हताया। बकाया आप स्वम समज जायेंगे ।
59.184.134.16 १४:१८, १९ मार्च २००८ (UTC)
मेरा पक्ष
संपादित करेंहालाकि आपने मुझ से नही पुछा है लेकिन मै बताना चाहता हूँ क्योकी प्रतिबन्धित vkvora2001 को ना तो किझने की तमीज है और नाही तर्क देने कि । मेरे वार्ता पर म्मेरे ही हद्ताक्षर के पीछे श्री राजीव्मास, और मेरे लिए गलत औरौर बिना कारण मान्हाहिजनक बाते कर रहा है यहा तक कि पुर्णिमा बर्मन जी और अन्य सद्र्यो को भी खुली चुनौति दे रहा है । और वो भी विबिन्न आई पी अद्रेस से । यह कुंठित रोगी अंग्रेजी विकिपीडिया पर भी प्रतिबन्धित है । पिक्ष्ले कुछ दिनो से आपत्तिजनक बाते यहा पागलो की तरह ल्लिख रहा है जब मैने मराठी पर भी यही तरीका देखा तो पक्का हो गया कि यह vkvora2001 ही है इस दुष्ट की लेखन शैली भी मेल खाती है । कारण्- मै ही हिन्दी विकि पर इसके देश्द्रोही संवाद को सामने लाया था । और मैने ही इसे जैनो को सीधे सीधे देश्द्रोही बोलने पर आपत्ती की थी । अरे मेरा वार्ता पेज मैने ही ह्स्ताक्षरित किया और उसका आरोप लगाता है श्री प्रबन्धक राजिव्मास पर , यह उनसे चिडता है कियोकी उन्होने ही इसे बार बार अपने लेखि को सधारने को कहा (ये तो आप भी मराठी विकि पर इसे कहते हैं और अंग्रेजी विकिपीडिया पर भी इसको अक्ल नही आई) और प्रस्ताव पर सहम्ती के साथ ठोस कारण देकर इसे प्रतिबन्धित किया था । पिछ्ले दिनो जो हुवा मुझे इसका खेद है लेकिन मै अब हिन्दी विकी पर बहुत अधिक प्रसिद्ध् हो चुका हूं। --Dr. Jain १४:४९, १९ मार्च २००८ (UTC)
स्वागत
संपादित करेंराजीव मास तथा डमी रवी जैन ओर पुर्णीमा वर्मन अब कुछ ही दीन के महेमान है ।
नीचे दी गयी लीन्क से राजीव मास ओर पुर्णीमा वमन ने सभी प्रबंधक को माथे पर हाथ रखकर रोने जैसा कर दीया है । कृपया सोंचे पांच छ दीनोसें सभी प्रबंधक चुप हो गये है । लगता है पुरे संसार को यह कुकर्म मालुम पडेगा उसके बाद हीन्दी वीकीपीडीया के प्रबंधक को मालुम पडेगा ।
59.184.134.16 १५:१८, १९ मार्च २००८ (UTC)
मेरा पक्ष
संपादित करेंहालाकि आपने मुझ से नही पुछा है लेकिन मै बताना चाहता हूँ क्योकी प्रतिबन्धित vkvora2001 को ना तो लिखने की तमीज है और नाही तर्क देने कि । मेरे वार्ता पर म्मेरे ही हद्ताक्षर के पीछे श्री राजीव्मास, और मेरे लिए गलत औरौर बिना कारण मान्हाहिजनक बाते कर रहा है यहा तक कि पुर्णिमा बर्मन जी और अन्य सद्र्यो को भी खुली चुनौति दे रहा है । और वो भी विबिन्न आई पी अद्रेस से । यह कुंठित रोगी अंग्रेजी विकिपीडिया पर भी प्रतिबन्धित है । पिक्ष्ले कुछ दिनो से आपत्तिजनक बाते यहा पागलो की तरह ल्लिख रहा है जब मैने मराठी पर भी यही तरीका देखा तो पक्का हो गया कि यह vkvora2001 ही है इस दुष्ट की लेखन शैली भी मेल खाती है । कारण्- मै ही हिन्दी विकि पर इसके देश्द्रोही संवाद को सामने लाया था । और मैने ही इसे जैनो को सीधे सीधे देश्द्रोही बोलने पर आपत्ती की थी । अरे मेरा वार्ता पेज मैने ही ह्स्ताक्षरित किया और उसका आरोप लगाता है श्री प्रबन्धक राजिव्मास पर , यह उनसे चिडता है कियोकी उन्होने ही इसे बार बार अपने लेखि को सुधारने को कहा (ये तो आप भी मराठी विकि पर इसे कहते हैं और अंग्रेजी विकिपीडिया पर भी इसको अक्ल नही आई) और प्रस्ताव पर सहम्ती के साथ ठोस कारण देकर इसे प्रतिबन्धित किया था । पिछ्ले दिनो जो हुवा मुझे इसका खेद है लेकिन मै अब हिन्दी विकी पर बहुत अधिक प्रसिद्ध् हो चुका हूं। --Dr. Jain १५:४४, १९ मार्च २००८ (UTC)
स्वागत
संपादित करेंराजीव मास तथा डमी रवी जैन ओर पुर्णीमा वर्मन अब कुछ ही दीन के महेमान है ।
नीचे दी गयी लीन्क से राजीव मास ओर पुर्णीमा वमन ने सभी प्रबंधक को माथे पर हाथ रखकर रोने जैसा कर दीया है । कृपया सोंचे पांच छ दीनोसें सभी प्रबंधक चुप हो गये है । लगता है पुरे संसार को यह कुकर्म मालुम पडेगा उसके बाद हीन्दी वीकीपीडीया के प्रबंधक को मालुम पडेगा ।
59.184.134.16 १५:४८, १९ मार्च २००८ (UTC)
सुझाव से सहमती
संपादित करेंमै आपके सुझाव से सहमत हूँ । वैसे हमारी तरफ् से सभी शिकायतो का जवाब या सपष्टीकरण शिकायत के नीचे या शिकायत या सवाल पूछ्ने वाले सद्स्य के पृष्ठ पर हमेशा दिया जाता रहा है सृजनात्मक चर्चा हमेशा हमारा प्रथम ध्येय रही है किन्तु दूसरे सदस्यों को जो चर्चा करते है उनसे आशा की जाती है कि सृजनात्मक बने और चर्चा को समझते या समझाते हुए सहमती की तरफ् बढे ताकि भविष्य मे इस सफल चर्चा का संज्ञान नितिया बानाने में लिया जा सके । --राजीवमास ०५:२०, २४ मार्च २००८ (UTC)
अनुरोध
संपादित करेंराजीव मास, राजीव मासका दमी खाता रवी जैन, पुर्णीमा वर्मन वगर ने हीन्दी वीकीपीडीया तथा व्ही के व्होराका बहोत नुकशान कीया है । चुअपाल के उपरे राजीव मास की सजा निश्चीत की गयी है । राजीव मास कुकर्म में अंधा हो गया ओर लोग इम करना भुल गया । सब भंडा फुट गया । राजीव मास ओर रवी जैन एक ही है । संसारकी सभी भासाओंके प्रबंधक को यह कुकर्म बताया जायेगा दीखाया जायेगा। ईजीप्तमें सभीको बताया जायेगा।