हम दिल दे चुके सनम
हम दिल दे चुके सनम 1999 में बनी हिन्दी भाषा की नाटकीय प्रेमकहानी फ़िल्म है। इसका निर्देशन संजय लीला भंसाली ने किया है और मुख्य भूमिकाओं में सलमान खान, अजय देवगन और ऐश्वर्या राय हैं। इस फिल्म की कहानी वो सात दिन (1983) से मिलती है। इसका फिल्मांकन गुजरात और बुडापेस्ट, हंगरी में हुआ। जारी होने पर फिल्म सफल रही थी और इसने कई राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार और फिल्मफेयर पुरस्कार जीते थे। फिल्म सुपर हिट रही थी।
हम दिल दे चुके सनम | |
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हम दिल दे चुके सनम का पोस्टर | |
निर्देशक | संजय लीला भंसाली |
निर्माता | संजय लीला भंसाली |
अभिनेता |
सलमान ख़ान अजय देवगन ऐश्वर्या राय विक्रम गोखले |
छायाकार | अनिल मेहता |
संपादक | संजय लीला भंसाली |
संगीतकार | इस्माइल दरबार |
प्रदर्शन तिथियाँ |
18 जून, 1999 |
लम्बाई |
188 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
संक्षेप
संपादित करेंनंदिनी (ऐश्वर्या राय) भारतीय शास्त्रीय संगीत के प्रसिद्ध गुरु पुंडित दरबार (विक्रम गोखले) की बेटी हैं। समीर (सलमान खान) नामक युवा व्यक्ति पंडित के मार्गदर्शन में भारतीय शास्त्रीय संगीत सीखने के लिये दरबार परिवार के साथ रहने आता है। उसे नंदिनी के कमरे में ठहराया जाता है, जिससे नंदिनी उसे नापसंद करने लगती है। पहले वो एक दूसरे को चिढ़ाते और नीचा दिखाते हैं, लेकिन जल्द ही वे प्यार में पड़ जाते हैं। दोनों विवाह और त्योहारों सहित कई पारिवारिक कार्यक्रमों के दौरान रूमानी क्षण बिताते हैं।
एक दिन उन्हें पंडित द्वारा पकड़ा जाता है। वह गुस्से में है क्योंकि उसने पहले से ही नंदिनी की शादी वनराज (अजय देवगन) के साथ तय की हुई है। समीर को घर से निकाल दिया जाता है और पंडित गायन छोड़ देता है। वह समीर से गुरु दक्षिणा के रूप में नंदिनी से कभी न मिलने का प्रण लेता है। वह अंततः इटली चला जाता है लेकिन वह नंदिनी को कई पत्र लिखता है जो उसके पास नहीं पहुंचते हैं। नंदिनी अनिच्छुक रूप से वनराज से शादी करती है। वह उससे प्यार करता है लेकिन नंदिनी उसकी तरफ रुखा व्यवहार रखती है। अंततः नंदिनी समीर के पत्र प्राप्त करती है और वनराज भी उन्हें पढ़ लेता है। वह उन दोनों की जोड़ी को एकजुट करने की सोचता है। नंदिनी और वनराज इटली जाते हैं लेकिन समीर की तलाश में कई दिन गुजर जाते हैं। वनराज की विनम्रता और उसके प्रति स्नेह से प्रेरित, नंदिनी उसकी तरफ आकर्षित होती है। आखिरकार वे समीर को उसकी मां (हेलन) के माध्यम से ढूंढने में सक्षम होते हैं। वनराज समीर के संगीत कार्यक्रम की रात को उनके मिलने की व्यवस्था करता है। उसके बाद वह नंदिनी को अलविदा बोलता है और दूर चला जाता है।
समीर से मिलने पर, वह उससे माफ़ी मांगती है और उसे बताती है कि वह वनराज से प्यार करने लगी है। वह महसूस करती है कि वनराज ही उसका असली जीवनसाथी है। वह उसके वापस जाती है और उसे बताती है कि वह उसके बिना नहीं रह सकती। वनराज उसकी गर्दन में मंगल सूत्र बाँधता हैं और वे एक-दूसरे को गले लगाते हैं।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- सलमान ख़ान - समीर
- अजय देवगन - वनराज
- ऐश्वर्या राय - नंदिनी
- विक्रम गोखले - पंडित दरबार
- स्मिता जयकर - अमृता (नंदिनी की माँ)
- शीबा चड्डा -
- राजीव वर्मा - विक्रमजीत
- विनय पाठक -तरुन
- ज़ोहरा सहगल - दादी
संगीत
संपादित करेंसंगीत इस्माइल दरबार द्वारा दिया गया और बोल महबूब के हैं। एल्बम सफल रही थी।
हम दिल दे चुके सनम | ||||
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संगीत इस्माइल दरबार द्वारा | ||||
जारी | 21 जून 1999 | |||
संगीत शैली | फिल्म साउंडट्रैक | |||
लंबाई | 54:03 | |||
भाषा | हिन्दी | |||
लेबल | टी-सीरीज़ | |||
इस्माइल दरबार कालक्रम | ||||
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# | गीत | गायक | अवधि |
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1 | "चाँद छुपा बादल में" | उदित नारायण, अलका याज्ञिक | 5:46 |
2 | "निम्बूड़ा" | कविता कृष्णमूर्ति, करसन सरगथी | 6:23 |
3 | "आँखों की गुस्ताखियाँ" | कविता कृष्णमूर्ति, कुमार सानु | 5:00 |
4 | "मन मोहिनी" | शंकर महादेवन | 2:26 |
5 | "झोंका हवा का" | कविता कृष्णमूर्ति, हरिहरन | 5:46 |
6 | "ढोली तारो ढोल बाजे" | कविता कृष्णमूर्ति, विनोद राठोड़, करसन सरगथी | 6:16 |
7 | "लव थीम" | कविता कृष्णमूर्ति, शंकर महादेवन | 2:11 |
8 | "तड़प तड़प के" | केके, डोमिनिक सेरेजो | 6:36 |
9 | "अल्बेला सजन" | कविता कृष्णमूर्ति, सुल्तान खान, शंकर महादेवन | 3:20 |
10 | "काईपोछे" | दमयंती बर्दाई, ज्योत्सना हार्डिकार, केके, शंकर महादेवन | 5:03 |
11 | "हम दिल दे चुक सनम" | कविता कृष्णमूर्ति, मोहम्मद सलामत, डोमिनिक सेरेजो | 6:45 |
नामांकन और पुरस्कार
संपादित करें- 2000 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म पुरस्कार - संजय लीला भंसाली
- 2000 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - संजय लीला भंसाली
- 2000 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार - उदित नारायण - "चाँद छुपा में बादल के" लिये
- 2000 - फ़िल्मफ़ेयर सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - ऐश्वर्या राय
- 2000 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री पुरस्कार - ऐश्वर्या राय
- 2000 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायक पुरस्कार - उदित नारायण - "चाँद छुपा में बादल के" लिये
- 2000 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ निर्देशक पुरस्कार - संजय लीला भंसाली
- 2000 - आई आई एफ ए सर्वश्रेष्ठ फ़िल्म - संजय लीला भंसाली
- 2000 - लक्स वर्ष का चेहरा पुरस्कार - ऐश्वर्या राय