1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक

(1896 ग्रीष्मकालीन ओलंपिक से अनुप्रेषित)


1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक, जो आधिकारिक तौर पर पहले ओलम्पियाड खेल के रूप में जानी जाती है, एक बहु-खेल प्रतियोगिता थी जो यूनान की राजधानी एथेंस में 6 अप्रैल से 15 अप्रैल 1896 के बीच आयोजित हुई थी। यह आधुनिक युग में आयोजित होने वाली पहली अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल प्रतियोगिता थी। चूँकि प्राचीन यूनान ओलम्पिक खेलों का जन्मस्थान था, अतएव एथेंस आधुनिक खेलों के उद्घाटन के लिए उपयुक्त विकल्प माना गया था। यह सर्वसम्मति से जून 23, 1894, को पियरे डे कोबेर्टिन, फ़्रान्सीसी शिक्षाशास्त्री और इतिहासकार, द्वारा पेरिस में आयोजित एक सम्मेलन (कांग्रेस) के दौरान मेज़बान शहर के रूप में चुना गया था। अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) भी इस सम्मेलन के दौरान स्थापित की गई थी। अनेक बाधाओं और असफलताओं के बावजूद, 1896 ओलम्पिक का आयोजन एक बड़ी सफलता मानी गई थी। यह उस समय तक के किसी भी खेल आयोजन की सबसे बड़ी अन्तर्राष्ट्रीय भागीदारी थी। 19वीं सदी में प्रयोग किया एकमात्र ओलम्पिक स्टेडियम, पानाथिनाइको स्टेडियम, किसी भी खेल प्रतिस्पर्धा को देखने के लिए आई सबसे बड़ी भीड़ से उमड़ गया था। यूनानियों के लिए सबसे मुख्य उनके देशवासी स्पिरिडिन लुई की मैराथन विजय थी। सबसे सफल प्रतियोगी जर्मन पहलवान और जिमनास्ट कार्ल शुमेन थे, जिन्होंने चार स्पर्धाओं में जीत अर्जित की थी।

खेलों के पश्चात्, ग्रीस के राजा जॉर्ज और एथेंस में उपस्थित कुछ अमेरिकी प्रतिस्पर्धियों सहित कई प्रमुख व्यक्तित्वों द्वारा रिज़ कोबेर्टिन और आईओसी के समक्ष याचिका दायर की गई थी कि उत्तरगामी सभी खेल एथेंस में ही आयोजित किये जाएँ। परन्तु, 1900 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक पेरिस के लिए पहले से ही योजनाबद्ध थे और 1906 इन्टरकेलेटिड खेलों को छोड़कर, ओलम्पिक 2004 के ग्रीष्मकालीन खेलों तक ग्रीस में वापस नहीं लौटे, कुछ 108 साल बाद। Greece word इन खेलों की प्रतिस्पर्धाओं और शख्सियतों के प्रतिवेश की कहानियों को 1984 एनबीसी लघु शृंखला (मिनीसीरीज़), द फ़र्स्ट ओलम्पिक: एथेंस, 1896, में इतिवृत्त किया गया था। इस लघु शृंखला में अभिनीत थे विलियम मिलीगन स्लोन के रूप में डेविड ऑग्डेन स्टायर्स और पियरे डे कोबेर्टिन के रूप में लुई जोर्डान।[4]

खेलों का पुनर्जन्म

संपादित करें
 
 
एथेंस
यूनान में एथेंस की भौगोलिक-स्थिति

18वीं सदी के दौरान, छोटे पैमाने पर यूरोप भर में कई खेल उत्सव प्राचीन ओलम्पिक खेलों के अनुरूप आयोजित व "ओलम्पिक" शीर्षक के साथ नामित किए गये थे। 1870 में, तब नव-सुसज्जित पानाथिनाइको स्टेडियम में आयोजित हुए ज़ापस ओलम्पिक खेल, जो "ओलम्पिक" नाम से सम्पूर्ण यूरोप में प्रचलित हुए, 30,000 दर्शकों द्वारा देखे गए।[5] कोबेर्टिन ने डॉ॰ विलियम पॅनी ब्रुक के एक बहु-राष्ट्रीय और बहु-खेल प्रतियोगिता स्थापित करने के विचार को अपनाया—प्राचीन खेल एक मायने में अन्तर्राष्ट्रीय थे, क्योंकि इनमें विभिन्न यूनानी नगर-राज्य और उपनिवेशों का प्रतिनिधित्व किया जाता था, लेकिन केवल यूनानी मूल के स्वतंत्र पुरुष एथलीटों को भाग लेने की अनुमति दी जाती थी।[6][7] 1890 में, कोबेर्टिन ने मासिक पत्रिका ला रिव्यू अथ्लीटिक में लेख लिखा, जिसमें उन्होंने अंग्रेज़़ काउंटी श्रॉपशायर में स्थित एक ग्रामीण बाज़ार-नगर मच वेन्लोक के महत्त्व का वर्णन किया। यही वो जगह थी जहाँ स्थानीय चिकित्सक विलियम पॅनी ब्रुक ने वेन्लोक ओलम्पिक खेलों की स्थापना की थी, एक खेल उत्सव व मनोरंजन का साधन जिसमें एथलेटिक्स और क्रिकेट, फ़ुटबॉल और कोइट्स जैसे टीम खेल शामिल किए जाते थे।[8] कोबेर्टिन ने ओलम्पिक के नाम के अन्तर्गत व्यापारी और लोकोपकारक इवानजेलिस ज़ापस द्वारा 1859, 1870 और 1875 में आयोजित पूर्व ग्रीक खेलों से भी प्रेरणा ली।[9][10] 1896 एथेंस खेल इवानजेलिस ज़ापस और उनके चचेरे भाई कोन्सटान्टीनोस ज़ापस की विरासत द्वारा वित्त पोषित किए गए थे।[11][12] यूनानी सरकार ने विशेष रूप से युवराज कॉन्स्टैन्टाइन के माध्यम से यूनानी व्यापारी और लोकोपकारक जॉर्ज एव्रौफ़ से अनुरोध किया कि वे पानाथिनाइको स्टेडियम के दूसरी बार के नवीनीकरण के लिए प्रायोजक बनें और आवश्यक धन राशि उपलब्ध कराएँ। यूनानी सरकार ने एव्रौफ़ से यह विशेष अनुरोध इस तथ्य के बावजूद भी किया कि स्टेडियम की संगमरमर से नवीकरण की पूर्ण आर्थिक सहायता इवानजेलिस ज़ापस ने चालीस साल पहले ही कर दी थी।[13]

पियरे डे कोबेर्टिन की विनम्र याचिका के प्रति गहरी भावना के साथ, मैं उन्हें और सम्मेलन के सदस्यों को, अपने हार्दिक धन्यवाद के साथ, ओलम्पिक खेलों के पुनर्जीवीकरण के लिए अपनी शुभकामनाएँ भेजता हूँ।

—यूनान के राजा जॉर्ज (21 जून 1894)अ[›][14]

18 जून 1894, को कोबेर्टिन ने सोरबोन, पेरिस में सम्मेलन आयोजित किया जिसमें उन्होंने अपनी खेलों से सम्बन्धित योजनाओं को 11 देशों के खेल समाजों के प्रतिनिधियों के समक्ष प्रस्तुत किया। सम्मेलन द्वारा उनके प्रस्ताव की स्वीकृति के पश्चात्, पहले आधुनिक ओलम्पिक खेलों के लिए एक तारीख सुनिश्चित करने की आवश्यकता थी। कोबेर्टिन ने सुझाव दिया था कि खेलों को पेरिस की 1900 यूनिवर्सल एक्सपोज़ीशन (सार्वभौमिक प्रदर्शनी) के साथ आयोजित किया जाए। इस चिन्ता में कि छह वर्ष की प्रतीक्षा अवधि में खेलों के प्रति सार्वजनिक दिलचस्पी कम हो सकती है, सम्मेलन के सदस्यों ने इसके बजाय अभिषेकात्मक खेलों को 1896 में आयोजित करने का विकल्प चुना। दिनांक सुनिश्चित करने के पश्चात्, सम्मेलन के सदस्यों ने अपना ध्यान मेज़बान शहर के चयन पर केन्द्रित किया। यह रहस्य ही बना रहा कि कैसे एथेंस अन्त में उद्घाटन खेलों की मेज़बानी के लिए चुना गया था। आने वाले वर्षों में दोनों कोबेर्टिन और देमित्रिस विकेलस ने चयन प्रक्रिया के अनुस्मरण पेश किये जो सम्मेलन के आधिकारिक निर्णयों के विपरीत थे। अधिकांश सूत्रों के अनुसार कई कांग्रेसियों ने पहले लंदन को मेज़बान बनाने का प्रस्ताव रखा था, लेकिन कोबेर्टिन ने इससे अपनी असहमति ज़ाहिर की। ग्रीस का प्रतिनिधित्व कर रहे विकेलस के साथ संक्षिप्त चर्चा के बाद, कोबेर्टिन ने एथेंस का सुझाव दिया। विकेलस ने आधिकारिक तौर पर एथेंस का प्रस्ताव 23 जून को रखा, चूँकि ग्रीस ओलम्पिक का मूल घर था, सम्मेलन ने इस निर्णय को सर्वसम्मति के साथ मंज़ूरी दे दी। विकेलस तब नव स्थापित अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति (आईओसी) के प्रथम अध्यक्ष चुने गए।[15]

 
पानाथिनाइको स्टेडियम की चित्रमाला

ओलम्पिक खेलों के यूनान वापस आने की ख़बर यूनानी जनता, मीडिया और शाही परिवार के द्वारा अनुग्रह पूर्वक ग्रहण की गई थी। कोबेर्टिन के अनुसार, "युवराज कॉन्स्टैन्टाइन ने इस बात पर बहुत खुशी ज़ाहिर की कि ओलम्पिक खेलों का उद्घाटन एथेंस में किया जाएगा"। कोबेर्टिन ने आगे पुष्टि की थी कि "महाराजा और युवराज इन खेलों को संरक्षण प्रदान करेंगे"। कॉन्स्टैन्टाइन ने बाद में इससे अधिक ही प्रदत्त किया, उन्होंने उत्सुकता के साथ 1896 आयोजन समिति का अध्यक्ष पद ग्रहण किया।[16]

परन्तु, देश में वित्तीय संकट था और राजनीतिक उथलपुथल थी। 19वीं सदी के अन्तिम वर्षों के दौरान प्रधानमन्त्री का कार्यभार अधिकतम समय चारिलाओस त्रिकोपिय्स और थियोडोरोस डेलिजियानिस के बीच बदला। 'इस वित्तीय और राजनीतिक अस्थिरता के कारण, दोनों, प्रधानमन्त्री और राष्ट्रीय ओलम्पियाडो की शृंखला के आयोजन करने का प्रयास कर चुकी ओलम्पिक समिति के अध्यक्ष स्टीफानोस द्रागुमि, का मानना था कि यूनान प्रतियोगिता का आयोजन नहीं कर सकता।[17] 1894 के अन्त में, स्टीफानोस स्कुलोदीस के अधीन आयोजन समिति ने एक रिपोर्ट पेश की थी जिसके अनुसार खेलों के आयोजन की लागत कोबेर्टिन द्वारा अनुमानित मूल लागत की तुलना में तीन गुना होगी। उन्होंने निष्कर्ष निकाला कि खेल आयोजित नहीं किए जा सकते, तथा समिति ने अपने त्यागपत्र की पेशकश की। खेलों की कुल लागत 3,740,000 सोने की दिरहकमी (यूनानी मुद्रा) थी।[18]

 
देमित्रिस विकेलस, अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति के पहले अध्यक्ष, को 1896 खेलों के सफल संगठन का श्रेय दिया जाता है।
 
पहले ओलम्पिक टिकट सॅट से स्टैम्प

जब लागत के कारण ओलम्पिक खेलों का आयोजन खतरे में पड़ा, तो कोबेर्टिन और विकेलस ने ओलम्पिक आंदोलन को जीवित रखने के लिए अभियान शुरू किया। उनके प्रयासों कि जनवरी 7, 1895, को सफलता प्राप्त हुई जब विकेलस ने घोषणा की कि युवराज कॉन्स्टैन्टाइन आयोजन समिति का अध्यक्ष पद ग्रहण करेंगे। उनकी पहली ज़िम्मेदारी थी कि वे खेलों की मेजबानी के लिए आवश्यक धन जुटाने का कार्य करें। ग्रीक लोगों की देशभक्ति पर भरोसा करके उन्होंने उन्हें आवश्यक वित्त प्रदान के लिए प्रेरित किया।[19][20] कॉन्स्टैन्टाइन के उत्साह के कारण यूनानी जनता से योगदान की एक लहर फूट पड़ी। इस जमीनी स्तर के प्रयास ने 330,000 दिरहकमी राशि एकत्र करने में सहायता करी। डाक टिकटों का एक विशेष सॅट निकाला किया गया, जिनकी बिकरी ने 400,000 दिरहकमी इकट्ठा करीं। स्टेडियमों के टिकटों की बिक्री ने अतिरिक्त 200,000 दिरहकमी संकलित की। कॉन्स्टैन्टाइन के अनुरोध पर, व्यवसायी जॉर्ज एव्रौफ़ पानाथिनाइको स्टेडियम के नवीनीकरण का भुगतान करने के लिए सहमत हुए। एव्रौफ़ ने इस परियोजना के लिए कुल 920,000 दिरहकमी का दान दिया था।[12][21] सम्मान के रूप में, एव्रौफ़ की एक मूर्ति का निर्माण किया गया और अप्रैल 5, 1896, को उसका अनावरण स्टेडियम के बाहर किया गया। यह उस दिन से अब तक वहाँ खड़ी है।[22]

कुछ एथलीट ने खेलों में इसलिए भाग लिया था क्योंकि वो खेलों के दौरान एथेंस में उपस्थित थे, या तो छुट्टी पर या फिर काम की वजह से (जैसे, कुछ ब्रिटिश प्रतिस्पर्धी ब्रिटिश दूतावास के लिए काम करते थे)। 1932 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक से पहले एक निर्दिष्ट एथलीट गाँव के निर्माण का चलन नहीं आया था। नतीजतन एथलीटों को अपने अस्थायी आवास का ख़याल स्वयं रखना था।[23]

पहला विनियमन जिस पर नवनिर्मित आईओसी द्वारा 1894 में मतदान किया था उसके अनुसार खेलों में केवल एमेच्योर (शौकिया) एथलीटों को ओलम्पिक खेलों में भाग लेने के लिए अनुमति दी गई थी।[23] परिणामस्वरूप तलवारबाज़ी के मैचों के अपवाद के अलावा विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन एमेच्योर नियमों के तहत किया गया था।[24] नियम और विनियम एकरूप नहीं थे, इसलिए आयोजन समिति को विभिन्न राष्ट्रीय एथलेटिक संघों के नियमसंग्रहो के बीच चुनना था। ज्यूरी, रेफ़रियों और खेल निदेशक के पद के वही नाम थे जो प्राचीन काल में थे, एफोर, हेलानोडिक और अलीटोर्क। राजकुमार जॉर्ज ने निर्णायक रेफ़री के रूप में काम किया, कोबेर्टिन के अनुसार, "उनकी उपस्थिति ने एफोरों के निर्णयों को विशिष्ट भार और प्राधिकार प्रदान करा।"ब[›][25]

आयोजन स्थल

संपादित करें
तलवारबाज़ी की स्पर्धाएँ ज़ाप्पियोन में आयोजित हुई थीं।
आयोजन स्थल खेल क्षमता
पानाथिनाइको स्टेडियम एथलेटिक्स, जिमनास्टिक्स, भारोत्तोलन और कुश्ती 80,000
ज़ी की खाड़ी तैराकी
एथेंस लॉन टेनिस क्लब टेनिस
केल्लिथिया निशानेबाज़ी
नियो फालिरोन वेलोड्रम साइकल चालन
ज़ाप्पियोन तलवारबाज़ी
उ.स. उद्घाटन समारोह प्रतिस्पर्धाएँ 1 फाइनल स.स. समापन समारोह
अप्रैल 6वी 7वी 8वी 9वी 10वी 11वी 12वी 13वी 14वी 15वी
समारोह उ.स. स.स.
एथलेटिक्स 5 5 1 5
साइकल चालन 1 3 1 1
तलवारबाज़ी 2 1
जिमनास्टिक्स 6 2
निशानेबाज़ी 1 1 3 1
तैराकी 4
टेनिस 2
भारोत्तोलन 2
कुश्ती 1 1
अप्रैल 6वी 7वी 8वी 9वी 10वी 11वी 12वी 13वी 14वी 15

उद्घाटन समारोह

संपादित करें
 
पानाथिनाइको स्टेडियम में उद्घाटन समारोह

अप्रैल 6 (ग्रीस में तब उपयोग होने वाले जूलियन कैलेंडर के अनुसार मार्च 25) के दिन पहले ओलम्पियाड के खेलों का आधिकारिक तौर पर उद्घाटन हुआ था; यह दोनों पश्चिमी और पूर्वी ईसाई चर्चों के लिए ईस्टर सोमवार और ग्रीस की आज़ादी की वर्षगांठ का दिन था।[26][27] पानाथिनाइको स्टेडियम ग्रीस के राजा जॉर्ज प्रथम, उनकी पत्नी ओल्गा और उनके बेटों सहित अनुमानित 80,000 दर्शकों से भरा हुआ था। अधिकांश प्रतिस्पर्धी मैदान पर अपनी राष्ट्रीयता के अनुसार समूहीकृत करके संरेखित किए गए थे। आयोजन समिति के अध्यक्ष, युवराज कॉन्स्टैन्टाइन, के भाषण के बाद, उनके पिता ने आधिकारिक तौर पर खेलों का उद्घाटन किया:[28]

"मैं एथेंस में पहले अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेलों के उद्घाटन की घोषणा करता हूँ। राष्ट्र की जय हो, यूनानी लोगों की जय हो।"

इसके पश्चात्, नौ बैंडो और 150 कोरस गायकों ने ओलम्पिक गीत पर कृत्य पेश की, जिसके रचयिता थे स्पिरिडिन सेमरस और बोल दिये थे कोसटिस पैलेमस ने। 1960 से पहले के ओलम्पिक खेलों में विभिन्न प्रकार की संगीतमय संरचनाओं ने उद्घाटन समारोह के लिए पृष्ठभूमि प्रदान की थी, परन्तु 1960 के खेलों से सेमरस/पैलेमस की रचना को, 1958 में आईओसी सत्र द्वारा लिए गए निर्णय के पश्चात्, आधिकारिक ओलम्पिक गान बना दिया गया था। मौजूदा ओलम्पिक उद्घाटन समारोह के अन्य तत्वों को बाद में शुरू किया गया: ओलम्पिक ज्वाला सबसे पहले 1928 में जलाई गई थी, 1920 के ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में पहली बार एथलीटों को शपथ दिलाई गई थी और पहली अधिकारियों की शपथ 1972 के ओलम्पिक खेलों में ली गई।[28]

प्रतिस्पर्धाएँ

संपादित करें

1894 सोरबोन सम्मेलन में एथेंस में आयोजित होने वाले कार्यक्रम के लिए कई क्रीड़ाओं को सम्मिलित करने के सुझाव दिए गए थे। आयोजित होने वाली खेल प्रतिस्पर्धाओं से सम्बन्धित शुरूआती आधिकारिक घोषणाओं में फ़ुटबॉल और क्रिकेट जैसी खेल प्रतिस्पर्धाओं को विशेष रूप से प्रदर्शित करने की बात कही गई थी, लेकिन इन योजनाओं को अन्तिम रूप कभी नहीं दिया गया और इन प्रतिस्पर्धाओं को खेलों की अन्तिम सूची में स्थान नहीं मिल पाया। रोइंग और नौकायन अनुसूचित थे, लेकिन प्रतियोगिता के योजनाबद्ध दिन खराब मौसम के कारण रद्द करने पड़े।[29]

एथलेटिक्स

संपादित करें
 
स्पिरिडिन लुई मैराथन जीतने के बाद ग्रीक के राष्ट्रीय नायक बन गए थे।

एथलेटिक्स प्रतिस्पर्धाओं में सबसे अधिक अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के एथलीटों ने भाग लिया था। प्रमुख आकर्षण था मैराथन, जो इतिहास में पहली बार किसी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में आयोजित हुई थी। खेलों से पूर्व एक अपरिचित जल वाहक, स्पिरिडिन लुई, ने प्रतिस्पर्धा जीती और खेलों में एकमात्र ग्रीक एथलेटिक्स चैंपियन और राष्ट्रीय नायक बन गए। हालांकि चक्का और गोला फेंक में ग्रीक एथलीटों की जीत अपेक्षित की जा रहीं थी, परन्तु सर्वश्रेष्ठ ग्रीक एथलीट दोनों ही स्पर्धाओं में अमेरिका के रॉबर्ट गैरेट के पीछे, द्वितीय स्थान पर आए।[30]

कोई नया विश्व रिकॉर्ड नहीं बन पाया, क्योंकि कुछ ही शीर्ष स्तर के अन्तर्राष्ट्रीय प्रतिस्पर्धियों को भाग लेने के लिए निर्वाचित किया गया था। इसके अलावा, ट्रैक के वक्र बहुत तंग थे, जिसने दौड़नेवाली प्रतिस्पर्धाओं में अधिकतम तेज समय पाना लगभग असंभव ही कर दिया था। इसके बावजूद, संयुक्त राज्य अमेरिका के थॉमस बर्क ने 12.0 सेकंड में 100 मीटर दौड़ और 54.2 सेकंड में 400 मीटर दौड़ जीती। बर्क ही एकमात्र एथलीट थे जिन्होंने "क्राउच स्टार्ट" (धरती पर अपने घुटने लगाना, वर्तमान समय में यह दौड़नेवाली प्रतिस्पर्धाओं में सर्वाधिक प्रयोग में लाने वाली अवस्था होती है) का प्रयोग करा, जिसने ज्यूरी को भ्रमित कर दिया था। आखिरकार, इन्हें इस "असहज स्थिति" से शुरुआत करने की अनुमति दे दी गई थी।[31]

साइक्लिंग

संपादित करें
 
फ्रांसीसी लीओन फ्लेम्न्ग (बाएं) और पॉल मेसन ने चार साइक्लिंग की स्पर्धाएँ जीती थी।

अन्तर्राष्ट्रीय साइक्लिंग संघ के नियम साइक्लिंग प्रतियोगिताओं के लिए इस्तेमाल किए गए थे।[25][32] ट्रैक साइक्लिंग की प्रतिस्पर्धाएँ नव निर्मित नियो फालिरोन वेलोड्रम में आयोजित हुई थीं। केवल एक ही सड़क स्पर्धा आयोजित की गई, जो एथेंस से मैराथन शहर और वापसी (कुल 87 किलोमीटर) की दौड़ थी।

ट्रैक स्पर्धाओं में सर्वोत्तम साइकल चालक फ़्रान्सीसी पॉल मेसन थे, जिन्होंने एक लैप टाइम ट्रायल, स्प्रिंट ईवेंट और 10,000 मीटर की स्पर्धाएँ जीती। 100 किलोमीटर की स्पर्धा में, मेसन ने अपने हमवतन लीओन फ्लेम्न्ग के लिए पेसमेकर के रूप में प्रवेश किया। दौड़ के दौरान फ्लेम्न्ग की साइकल में कुछ यांत्रिक समस्या आ गई थी जिसे उन्होंने अपने यूनानी प्रतिद्वंद्वी जॉर्जियोस कोलेटिस से ठीक करवाया, फ्लेम्न्ग को इसके लिए कोई अतिरिक्त समय नहीं दिया गया था, इसके साथ-साथ वे दौड़ में साइकल चलाते हुए गिर भी गए थे। इन कठिनाइयों के बावजूद भी फ्लेम्न्ग ने यह स्पर्धा जीती। ऑस्ट्रियाई तलवारबाज़ और साइकल चालक एडॉल्फ श़माय ने 12 घंटे की दौड़ जीती, जो केवल दो साइकल चालकों द्वारा पूरी की जा सकी थी, जबकि सड़क दौड़ स्पर्धा अरिसटिडिस कॉन्स्टैनटिनिडिस द्वारा जीती गई।[32]

तलवारबाज़ी

संपादित करें
 
लियोनिड़स पिर्गोस मास्टर्स फ़ॉइल स्पर्धा जीतने के पश्चात् आधुनिक युग के पहले ओलम्पिक चैंपियन बने।

तलवारबाज़ी की स्पर्धाएँ ज़ाप्पियोन में आयोजित हुई थी, जो प्राचीन ओलम्पिक खेलों को पुनर्जीवित करने के लिए इवानजेलिस ज़ापस के द्वारा दिए गए धन से बनाया था। इससे पहले इसमें किसी भी एथलेटिक प्रतियोगिता का आयोजन नहीं हुआ था।[33] अन्य खेलों (जिनमें केवल एमेच्योर एथलीटों को ओलम्पिक में भाग लेने की अनुमति दी गई थी) के विपरीत, पेशेवर खिलाड़ियों को तलवारबाज़ी में भाग लेने पर कोई प्रतिबंध नहीं था, हालांकि उन्हें अलग-अलग स्पर्धाओं में भाग लेना था। इन पेशेवरों को भी एमेच्योर एथलीटों की तरह भद्रपुरुष माना गया था।[25]

चार स्पर्धाएँ अनुसूचित की गई थीं, लेकिन अज्ञात कारणों से एपी स्पर्धा को रद्द कर दिया गया। फ़ॉइल स्पर्धा में फ़्रांसीसी यूजीन हेनरी ग्रेवलोट विजयी हुए जिन्होंने फाइनल में अपने देशवासी हेनरी कैलोट को हराया। दो अन्य स्पर्धाओं, सेबा और मास्टर्स फ़ॉइल, में ग्रीक तलवारबाज़ सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने में सफल रहे। लियोनिड़स पिर्गोस मास्टर्स फ़ॉइल में पहला स्थान अर्जित करके आधुनिक युग के पहले ग्रीक ओलम्पिक चैंपियन बन गये।[33]

जिमनास्टिक्स

संपादित करें
 
पानाथिनाइको स्टेडियम में आयोजित वाल्ट स्पर्धा में भाग लेते शुमेन
 
जर्मन व्यक्तिगत जिम्नास्टिक चैंपियन: शुमेन, फ्लेटो और वेनगार्टनर

जिमनास्टिक्स प्रतियोगिता पानाथिनाइको स्टेडियम के मैदान पर आयोजित हुई थी। जर्मनी ने 11-पुरुषों की टीम भेजी थी, जिसने दोनों टीम स्पर्धाओं सहित आठ में से पाँच स्पर्धाओं में जीत दर्ज की। टीम स्पर्धा की हॉरिज़ौंटल बार में जर्मन टीम निर्विरोध थी। जर्मन टीम के तीन सदस्यों ने व्यक्तिगत ख़िताब जीते: हरमन वेनगार्टनर ने हॉरिज़ौंटल बार स्पर्धा जीती, अल्फ्रेड फ्लेटो ने पैरेलल बार्स और कार्ल शुमेन, जिन्होंने सफलतापूर्वक कुश्ती प्रतिस्पर्धा में भी भाग लिया था, वॉल्ट में विजयी रहे। स्विस जिमनास्ट लुई ज़टर ने पॉमेल हॉर्स जीती, जबकि यूनानी इयोनिस मिट्रोपाउलस और निकोलाओस एन्डरिकोपाउलस क्रमशः रिंग्स और रस्सी चढ़ाई स्पर्धाओं में विजयी रहे थे।[34]

निशानेबाज़ी

संपादित करें

कैलेथिया रेंज में आयोजित हुई निशानेबाज़ी की प्रतियोगिता में कुल पाँच स्पर्धाएँ सम्मिलित की गई थी—दो में राइफ़ल व तीन में पिस्तौल का प्रयोग था। पहली स्पर्धा, सैन्य राइफ़ल, में पैंटेलिस करासैव्डस विजयी रहे, एकमात्र प्रतियोगी जिनके सभी निशाने लक्ष्य पे लगे थे। दूसरी स्पर्धा, सैन्य पिस्तौल, में दो अमेरिकी भाइयों का प्रभुत्व था: जॉन और सम्नर पैन, पहले सहोदर जो एक ही स्पर्धा में पहले व दूसरे स्थान पर रहे थे। अपने मेज़बानों को शर्मिन्दगी से बचाने के लिए पैन बन्धुओं ने निर्णय लिया कि उनमें से केवल एक ही अगली पिस्तौल स्पर्धा—फ़्री पिस्तौल—में भाग लेगा। सम्नर ने यह स्पर्धा जीती, परिणामस्वरूप पूरी खेल प्रतियोगिता में यह पहली बार था कि ओलम्पिक चैंपियन का कोई रिश्तेदार स्वयं भी ओलम्पिक चैंपियन बन गया हो।[35]

पैन भाइयों ने 25 मीटर पिस्तौल स्पर्धा में मुकाबला नहीं किया, क्योंकि स्पर्धा के न्यायाधीशों ने निर्धारित किया था कि उनके हथियार आवश्यक कैलिबर के नहीं थे। उनकी अनुपस्थिति में इयोनिस फ्रेनगाउडिस ने यह स्पर्धा जीती। अन्तिम स्पर्धा, फ़्री राइफ़ल, उसी दिन शुरू हुई थी। हालांकि, स्पर्धा अंधेरे के कारण पूरी नहीं हो सकती थी और अगली सुबह उसे अन्तिम रूप देने का निर्णय लिया गया और अगले दिन जॉर्जियोस ओरफेनिडिस को चैंपियन को ताज पहनाया गया।[35]

 
सबसे पहले तैराक ओलम्पिक चैंपियन अल्फ़्रेड हायूस केवल उन दो ओलम्पियन में से एक हैं जिन्होंने खेल व कला दोनों प्रतियोगिताओं में पदक जीते थे।

खुले समुद्र में तैराकी प्रतियोगिता आयोजित की गई थी क्योंकि आयोजकों ने विशेष रूप से निर्मित स्टेडियम के लिए आवश्यक धन खर्च करने से इनकार कर दिया था। लगभग 20,000 दर्शक ज़िया की खाड़ी के पिरियस तट पर स्पर्धाओं को देखने के लिए इकट्ठा हुए थे। खाड़ी में पानी ठंडा था, जिसके परिणामस्वरूप प्रतियोगियों को अपनी-अपनी दौड़ के दौरान काफ़ी परेशानियाँ सहनी पड़ी थीं। कुल तीन खुले पानी की स्पर्धाएँ आयोजित की गई थी: पुरुषों की 100 मीटर फ़्रीस्टाइल, पुरुषों की 500 मीटर फ़्रीस्टाइल और पुरुषों की 1200 मीटर फ़्रीस्टाइल, इनके अलावा यूनानी नाविकों के लिए एक विशेष स्पर्धा का भी आयोजन किया गया था और ये सभी एक ही दिन (अप्रैल 11) में आयोजित हुई थीं।[32]

हंगरी के अल्फ़्रेड हायूस के लिए इसका मतलब था कि वे केवल दो ही स्पर्धाओं में भाग ले सकते थे, चूँकि सभी स्पर्धाएँ इतनी आसपास आयोजित की गई थी कि उनके लिए दो स्पर्धाओं के बीच संभलना असंभव बन गया था। इसके बावजूद भी उन्होंने दोनों ही स्पर्धाओं—100 और 1200 मीटर फ़्रीस्टाइल—जिनमें उन्होंने भाग लिया था वो जीतीं। हायूस बाद में, आने वाले ओलम्पिक खेलों में, केवल दो में से एक ओलम्पियन बने जिन्होंने एथलेटिक व आर्टिस्टिक दोनों में ही पदक जीते और यह उपलब्धि उन्हें आर्किटेक्चर स्पर्धा के लिए 1924 में रजत पदक जीतने के बाद प्राप्त हुई। 500 मीटर फ़्रीस्टाइल ऑस्ट्रियाई तैराक पॉल न्यूमन ने जीती, जिन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी को डेढ़ मिनट से अधिक के अन्तराल से हराया।[36]

हालांकि टेनिस पहले से ही 19वीं सदी के अन्त तक एक प्रमुख खेल था, परन्तु शीर्ष खिलाड़ियों में से कोई भी टूर्नामेंट के लिए एथेंस नहीं आया। प्रतियोगिता एथेंस लॉन टेनिस क्लब के कोर्ट व साइक्लिंग की स्पर्धाओं के लिए इस्तेमाल हुए वेलोड्रम के मैदान पर आयोजित हुई। जॉन पायस बोलंड, जिन्होंने एकल स्पर्धा जीती थी, ने टूर्नामेंट में ऑक्सफ़ोर्ड के ग्रीक साथी छात्र कोन्सटान्टीनोस मोनस की वजह से प्रवेश किया था। एथेंस लॉन टेनिस उप-समिति के एक सदस्य के रूप में मोनस बोलंड की सहायता से ऑक्सफ़ोर्ड विश्वविद्यालय के खेल विभागों के प्रतियोगियों को एथेंस खेलों में भाग लेने के लिये मनाने का प्रयास कर रहे थे। पहले दौर में बोलंड ने हैम्बर्ग के होनहार टेनिस खिलाड़ी फ्रिडरिच ट्रोन को पराजित किया, जो 100 मीटर स्प्रिंट प्रतियोगिता से बहार हो चुकें थे। बोलंड और ट्रोन ने युगल स्पर्धा के लिए एक ही टीम बनाने का फैसला किया, जिसमें वे फाइनल तक पहुँचे और वहाँ ग्रीक और मिस्र की जोड़ी को पहला सॅट गँवाने के बावजूद हराया।[37]

भारोत्तोलन

संपादित करें
 
एक हाथ से वज़न उठाने वाली स्पर्धा के विजेता लाउंसेस्टन इलियट यूनानी दर्शकों के बीच बहुत प्रसिद्ध थे, जो इन्हें बहुत रूपवान मानते थे।

भारोत्तोलन का खेल 1896 में नया ही था और नियम आज के उपयोग से भिन्न थे। प्रतियोगिताएँ बाहर, मुख्य स्टेडियम (पानाथिनाइको स्टेडियम) के मैदान में आयोजित की गई थीं और प्रतियोगिता में कोई वज़न सीमा नहीं थी। पहली स्पर्धा वर्तमान समय के "क्लीन एंड जर्क" की शैली में आयोजित की गई थी। दो प्रतिद्वंद्वी अन्य प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में उच्च स्थान पर रहें: स्कॉट्समैन (स्काटिश) लाउंसेस्टन इलियट और डेनमार्क के विगो जेन्सेन। उन दोनों ने एकसमान वज़न ही उठाया, लेकिन अध्यक्ष के रूप में प्रिंस जॉर्ज की उपस्थिति वाली ज्यूरी ने फैसला सुनाया कि जेन्सेन ने अधिक बेहतर शैली में वज़न उठाया था। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने टाई तोड़ने के इस नियम के साथ अपरिचित होने के कारण अपना विरोध दर्ज कराया। भारोत्तोलकों को अंततः पुनः प्रयास करने की अनुमति दी गई, लेकिन कोई भी भारोत्तोलक सुधार नहीं कर पाया और जेन्सेन को चैंपियन घोषित कर दिया गया।[38]

इलियट को उनका बदला उन्हें एक हाथ से वज़न उठाने वाली स्पर्धा में मिल गया, जो दोनों के बीच हुई पहली, दुहत्था प्रयोग वाली, प्रतियोगिता के तुरन्त बाद ही आयोजित की गई थी। जेन्सेन अपनी दुहत्था प्रयोग वाली प्रतियोगिता के अन्तिम प्रयास के दौरान थोड़ा घायल हो गए थे और इलियट, जो आसानी से प्रतियोगिता जीतने में सफल रहें, के समक्ष कोई मुकाबला नहीं पेश कर पाए। यूनानी दर्शक स्कॉटिश विजेता, जिसे वे बहुत आकर्षक मानते थे, से मन्त्रमुग्ध थे। भारोत्तोलन के कार्यक्रम के दौरान एक वर्णनीय घटना हुई थी: एक सेवक को वज़न हटाने के लिए आदेश दिया गया था, जो उसके लिए एक मुश्किल कार्य साबित हुआ। राजकुमार जॉर्ज उसकी सहायता के लिए आए, उन्होंने वज़न उठाया और सरलता से एक पर्याप्त दूरी पर फेंक दिया, जो भीड़ के लिए रमणीय था।[38]

 
कार्ल शुमेन (बाएं) और जॉर्जियोस सिच्चस कुश्ती प्रतियोगिता के अंतिम मैच से पहले हाथ मिलाते हुए।

पानाथिनाइको स्टेडियम में आयोजित हुई कुश्ती प्रतियोगिता में वज़न वर्गों का अस्तित्व ही नहीं था, जिसका तात्पर्य यह था कि वहाँ सभी भार के प्रतिद्वंद्वियों के बीच केवल एक ही विजेता हो सकता था। इस्तेमाल किए गये नियम आधुनिक ग्रीको रोमन कुश्ती के समान थे, यद्यपि वहाँ कोई समय सीमा नहीं थी और मौजूदा नियमों के विपरीत सभी प्रकार की पैर पकड़ने की क्रिया निषिद्ध नहीं थीं।[39]

दो ग्रीक प्रतियोगियों के अलावा, सभी प्रतियोगी पहले से ही अन्य खेलों में भी सक्रीय थे। उदाहरण के लिए भारोत्तोलन चैंपियन लाउंसेस्टन इलियट का सामना जिमनास्टिक्स चैंपियन कार्ल शुमेन से हुआ। शुमेन विजयी होकर फाइनल में पहुँचे, जहाँ उनका सामना जॉर्जियोस सिच्चस से हुआ, जो पहले स्टीफानोस क्रिस्टोपाउलस को परास्त कर चुके थे। अंधेरे ने अन्तिम मैच 40 मिनट निलंबित करने के लिए मजबूर कर दिया; मैच अगले दिन भी जारी रहा, जब शुमेन को बाउट ख़त्म करने के लिए केवल 15 मिनट की ज़रूरत पड़ी।[39]

समापन समारोह

संपादित करें

रविवार अप्रैल 12 की सुबह सम्राट जॉर्ज ने अधिकारियों और एथलीटों के लिए एक भोज का आयोजन किया (हालांकि कुछ प्रतियोगिताओं को अभी तक आयोजित नहीं किया गया था)। अपने भाषण के दौरान उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि जहाँ तक उनका संबंध है, ओलम्पिक स्थायी रूप से एथेंस में ही आयोजित किए जाने चाहियें। बारिश के कारण मंगलवार से स्थगित किए जाने के पश्चात्, आधिकारिक समापन समारोह का आयोजन अगले बुधवार को किया गया। शाही परिवार ने फिर से समारोह में शिरकत की, जो ग्रीस के राष्ट्रीय गान और एक ब्रिटिश एथलीट और छात्र जॉर्ज एस॰ रॉबर्टसन द्वारा प्राचीन ग्रीक में रचित ओड के साथ शुरु हुआ।[40]

तत्पश्चात् सम्राट ने विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया। वर्तमान समय के विपरीत, पहले स्थान के विजेताओं को रजत पदक, एक जैतून शाखा और एक डिप्लोमा प्रदान किया गया। एथलीट जो दूसरे स्थान पर आए थे उन्हें तांबे के पदक, लॉरेल की एक शाखा और एक डिप्लोमा दिया गया। तीसरे स्थान के विजेताओं को पदक प्राप्त नहीं हुआ। कुछ विजेताओं को अतिरिक्त पुरस्कार भी प्रदान किये गए, जैसे स्पिरिडिन लुई को कोबेर्टिन के मित्र और आधुनिक ओलम्पिक में मैराथन स्पर्धा के जनक मिशेल बिर्याल के द्वारा एक विशेष कप से सम्मानित किया गया। लुई ने फिर सभी पदक विजेताओं का नेतृत्व करते हुए उनके साथ स्टेडियम के अदंर ट्रैक पर सम्मान का चक्कर लगाया, जबकि ओलम्पिक गीत फिर से बजाया गया था। राजा ने फिर औपचारिक रूप से घोषणा की कि पहले ओलम्पियाड का अब अन्त होने वाला है और स्टेडियम छोड़ दिया, जबकि बैंड ने ग्रीक राष्ट्रीय गान बजाया और भीड़ ने जय-जयकार करी।[40]

ग्रीक राजा की तरह, कई अन्य लोगों ने एथेंस में अगले खेलों के आयोजन के विचार का समर्थन किया, अधिकांश अमेरिकी प्रतियोगियों ने यह इच्छा व्यक्त करते हुए राजकुमार के लिए एक पत्र पर हस्ताक्षर किए। कोबेर्टिन, तथापि, इस विचार के एकदम विरुद्ध थे, क्योंकि उन्होंने परिकल्पित किया था कि अन्तर्राष्ट्रीय नियमित आवर्तन आधुनिक ओलम्पिक की एक आधारशिला के रूप में होगा। उनकी इच्छा के अनुसार, अगले खेल पेरिस में आयोजित किए गए, हालांकि वे कुछ हद तक समवर्ती आयोजित यूनिवर्सल एक्सपोज़ीशन के द्वारा आच्छादित हो गए।[41]

प्रतिभागी देश

संपादित करें
 

राष्ट्रीय टीमों की अवधारणा 10 साल बाद आयोजित हुए इन्टरकेलेटिड खेलों तक ओलम्पिक आंदोलन का प्रमुख हिस्सा नहीं थी, हालांकि कई स्रोत 1896 के प्रतियोगियों को उनकी राष्ट्रीयता अनुसार सूचीबद्ध करते हैं और उनके द्वारा जीते गए पदकों की गणना उनके राष्ट्रों के साथ ही करते हैं। किन राष्ट्रों ने खेलों में भाग लिया था उसके संबंध में उल्लेखनीय संघर्ष रहे हैं। अन्तर्राष्ट्रीय ओलिम्पिक समिति 14 का आँकड़ा देती है, लेकिन उन्हें सूचीबद्ध नहीं करती। निम्नलिखित 14 राष्ट्रों की सबसे अधिक संभावना है कि वे आईओसी द्वारा स्वीकृत हैं। कुछ सूत्र 12 राष्ट्र सूची में रखते हैं, चिली और बुल्गारिया को छोड़कर; दूसरें इटली को छोड़कर इन दोनों सहित 13 को सूचीबद्ध करते हैं। ड़ियोनिस्योस कासड़ाग्लिस के भाग लेने के कारण कभी-कभी मिस्र भी गिना जाता है। बेल्जियम और रूस ने अपने प्रतियोगियों के नाम खेलों में प्रवेश के लिए सूचित किए थे, लेकिन बाद में वापस ले लिए।[28]

राष्ट्रीय ओलंपिक समितियों द्वारा एथलीटों की संख्या

संपादित करें

पदक तालिका

संपादित करें
 
1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक खेलों के दौरान प्रत्येक प्रतिस्पर्धा के विजेता को रजत पदक से सम्मानित किया गया था।

14 भाग लेने वाले देशों में से दस ने पदक जीतें, इसके अलावा तीन पदक मिश्रित टीमों द्वारा जीते गये, अर्थात् वो टीमें जो कई देशों के एथलीटों को मिला के बनी थीं। संयुक्त राज्य अमेरिका ने सबसे अधिक स्वर्ण पदक (11) जीते, जबकि मेज़बान देश ग्रीस ने समग्र तौर पर सबसे अधिक पदक (46) के साथ-साथ सबसे अधिक रजत (17) और कांस्य पदक (19) भी जीते। संयुक्त राज्य अमेरिका की तुलना में एक स्वर्ण पदक कम अर्जित करने के कारण ग्रीस पदक तालिका में दूसरे स्थान पर रहा। तीसरे स्थान पे रहा जर्मनी जिसने छह स्वर्ण पदकों सहित कुल 13 पदक जीते।[42]

इस तालिका में रैंकिंग अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति द्वारा प्रकाशित पदक तालिकाओं की परंपरा के साथ संगत है। आईओसी ने पूर्वव्यापी प्रभाव से वर्तमान परंपरा के अनुसार प्रत्येक स्पर्धा के तीन सर्वश्रेष्ठ एथलीटों को स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक निर्दिष्ट कर दिये हैं। प्राथमिक रूप से तालिका किसी राष्ट्र के एथलीटों द्वारा जीते गये स्वर्ण पदकों की संख्या के अनुसार क्रमित है (इस सन्दर्भ में "राष्ट्र" वो है जिसका प्रतिनिधित्व किसी राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति द्वारा किया गया है)। इसके पश्चात् जीते गये रजत पदकों को तथा फिर कांस्य पदकों की संख्या को महत्त्व दिया गया है। अगर फिर भी राष्ट्रों ने एक ही स्थान अर्जित किया है, तो उन्हें एक ही रैंकिंग दी गई है और उन्हें उनके आई॰ओ॰सी॰ कोड के वर्णानुक्रम अनुसार सूचीबद्ध किया गया है। यह जानकारी आईओसी द्वारा प्रदान की गई है लेकिन आईओसी किसी भी प्रकार की रैंकिंग प्रणाली को मान्यता या समर्थन नहीं देता है।

रैंक टीम/एनओसी स्वर्ण रजत कांस्य कुल
1   अमेरिका 11 7 2 20
2   ग्रीस* 10 17 19 46
3   जर्मनी 6 5 2 13
4   फ्रांस 5 4 2 11
5   ग्रेट ब्रिटेन 2 3 2 7
6   हंगरी 2 1 3 6
7   ऑस्ट्रिया 2 1 2 5
8   ऑस्ट्रेलिया 2 0 0 2
9   डेनमार्क 1 2 3 6
10    स्विट्ज़रलैण्ड 1 2 0 3
11   मिश्रित दल 1 1 1 3
कुल 43 43 36 122
नोट * मेज़बान देश
खेलों के पदक
 
रजत (प्रथम स्थान) पदक ज़्यूस के मुख के साथ चित्रित, व इनके हाथ में है पृथ्वी जिसके ऊपर मनुष्यगुणारोप में पंखों वाली विजय विद्यमान है।
रजत (प्रथम स्थान) पदक ज़्यूस के मुख के साथ चित्रित, व इनके हाथ में है पृथ्वी जिसके ऊपर मनुष्यगुणारोप में पंखों वाली विजय विद्यमान है। 
 
तांबे का पदक दूसरे स्थान पर आने वाले एथलीटों को दिया गया था। उत्क्रम सतह पर एक्रोपोलिस चित्रित है और ग्रीक में लिखा है "1896 में एथेंस में अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल"।
तांबे का पदक दूसरे स्थान पर आने वाले एथलीटों को दिया गया था। उत्क्रम सतह पर एक्रोपोलिस चित्रित है और ग्रीक में लिखा है "1896 में एथेंस में अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक खेल"। 
 
अधिक विवरण देते हुए, एक अलग कोण में रजत पदक (प्रथम स्थान) का अग्रभाग।
अधिक विवरण देते हुए, एक अलग कोण में रजत पदक (प्रथम स्थान) का अग्रभाग। 

महिला प्रतियोगी

संपादित करें

महिलाओं को 1896 ग्रीष्मकालीन ओलम्पिक में भाग लेने की अनुमति नहीं थी। पुरुषों की आधिकारिक मैराथन दौड़ के ठीक एक दिन बाद, एक 17 महीने के उम्र के लड़के की माँ स्टामाठा रेविथि अप्रैल 11 को मैराथन में अकेली दौड़ीं। यद्यपि उन्हें दौड़ के अन्त में स्टेडियम में प्रवेश की अनुमति नहीं थी, रेविथि ने मैराथन पाँच घंटे और 30 मिनट में समाप्त की और दौड़ के समय को सत्यापित करवाने के लिए उन्हें गवाहों के हस्ताक्षर भी मिल गये। रेविथि का इरादा इस दस्तावेज़ीकरण को हैलेनिक ओलम्पिक समिति के समक्ष प्रस्तुत करना था, इस आशा में कि वे इनकी उपलब्धि को मान्यता देंगे। परन्तु न तो इनकी रिपोर्ट और न ही इनके दस्तावेज़ इन्हें सम्पुष्टि प्रदान करने के लिए हैलेनिक ओलम्पिक समिति से प्राप्त हो पाए हैं।[43]

टिप्पणियाँ

संपादित करें
  1. ^ अंग्रेजी में पाठ: "With deep feeling towards Baron de Coubertin's courteous petition, I send him and the members of the Congress, with my sincere thanks, my best wishes for the revival of the Olympic Games."
  2. ^ खेलों के आयोजन के समय विभिन्न प्रकार की क्रीड़ाओं पर नियंत्रण रखने वाले अंतरराष्ट्रीय संगठनों का अभाव था, उधारण के लिए एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं पे नियंत्रण रखने वाले इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ एथलेटिक्स फेडरेशन्स का गठन 1912 में हुआ था। इस स्थिति में यही विकल्प था कि विभिन्न राष्ट्रीय एथलेटिक संघों के नियमसंग्रहो के बीच नियम चुने जाए, परन्तु यह कभी प्रलेखित नहीं किया गया कि किस संघ से क्या चुना गया। जो खेल संग उस समय मौजूद थे उनके नियमों को प्राथमिकता दी गई, जैसे अंतर्राष्ट्रीय साइक्लिंग संघ के नियम साइक्लिंग प्रतियोगिताओं के लिए इस्तेमाल किए गए थे।
  1. The number, given by the International Olympic Committee, is open to interpretation and could be as few as 10 and as many as 15. There are numerous reasons for the disparity: National teams hardly existed at the time, and most athletes represented themselves or their clubs. In addition, countries were not always as well-defined as they are today. The number of countries here reflects the number used by most modern sources. See the relevant section for further details.
  2. This number of competitors is according to the International Olympic Committee. The identities of 179 competitors are known. Mallon & Widlund calculate 245 athletes, while De Wael finds 246.
  3. Greece still used the Julian calendar at the time. According to that calendar, the Games were opened on 25 March and closed on 3 April.
  4. "IMDb Pro : The First Olympics: Athens 1896 Business Details". Pro.imdb.com. मूल से 2 मार्च 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2, 2012.
  5. यंग 1996, पृ॰ चैप्टर 4.
  6. काइल 2007, पृ॰ 96.
  7. "Olympics – Ancient Olympics". olympics.sporting99.com. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 जनवरी 2011. The Ancient Olympics were not international in the modern sense of the term as they allowed only free men who spoke Greek to participate in the Games. The games none the less had a slight international spirit as they included participants from other Greek city-states
  8. मुलिंस, सैमुएल पी॰. "Pierre de Coubertin and the Wenlock Olympian Games". Proceedings of the International Olympic Academy–Selected 1980s Proceedings. यूनिवर्सिटी ऑफ लीड्स. मूल से 18 फ़रवरी 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2 जनवरी 2012.
  9. मैथ्यूस 2005, पृ॰ 66.
  10. यंग 1996, पृ॰ 81.
  11. यंग 1996, पृ॰ 177.
  12. यंग 1996, पृ॰ 128.
  13. यंग 1996, पृ॰ 14.
  14. यंग 1996, पृ॰ 102.
  15. यंग 1996, पृ॰ 100–105.
  16. यंग 1996, पृ॰ 108.
  17. यंग 1996, पृ॰ 111–118.
  18. ज्र्नोस्की 1992, पृ॰ 16–32.
  19. यंग 1996, पृ॰ 118.
  20. यंग 2004, पृ॰ 153.
  21. डार्लिंग 2004, पृ॰ 135.
  22. "George Averoff Dead" (PDF). द न्यूयॉर्क टाइम्स. अगस्त 4, 1899. मूल से 6 नवंबर 2012 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2, 2012.
  23. लेनार्त्ज़ 2004, पृ॰ 20.
  24. "Professionals and Amateurs". From Ancient Olympia to Athens of 1896. fhw.gr. Foundation of the Hellenic World. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2, 2012.
  25. कोबेर्टिन 1896, पृ॰ 46–47.
  26. कोबेर्टिन 1896, पृ॰ 42.
  27. मार्टिन 2000, पृ॰ 7–8.
  28. "Athens 1896 – Games of the I Olympiad". olympic.org. अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2, 2012.
  29. कोबेर्टिन 1897, पृ॰ 98–99, 108–109.
  30. यंग 1996, पृ॰ 153.
  31. सियर्स 2001, पृ॰ 159.
  32. लेनार्त्ज़ 2004, पृ॰ 23.
  33. यंग 1996, पृ॰ 148.
  34. यंग 1996, पृ॰ 151.
  35. कोबेर्टिन 1897, पृ॰ 76, 83–84.
  36. लैसलो, तमैश. "Alfréd Hajós, the Hungarian Dolphin". hajosalfred.hu. Hajós Alfréd Society. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2, 2012.
  37. जिलमेस्टर 1995, पृ॰ 23–24.
  38. कोबेर्टिन 1897, पृ॰ 70–71.
  39. कोबेर्टिन 1897, पृ॰ 93–94.
  40. कोबेर्टिन 1896, पृ॰ 50.
  41. यंग 1996, पृ॰ 156.
  42. "1896 Summer Olympics". databaseolympics.com. मूल से 25 दिसंबर 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि जनवरी 2, 2012.
  43. मार्टिन 2000, पृ॰ 22.

ग्रंथानुक्रम

संपादित करें

बाहरी कड़ियाँ

संपादित करें
  • "एथेंस 1896". Olympic.org. अन्तर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति.