सदाशिवराव भाऊ की कमान में मराठों ने सलाबत जंग (निजाम अली खान के भाई, आसफ जाह द्वितीय) की सेना को उदगीर, लातूर जिला में हराया; जिसमें सलाबत का इरादा निजाम के रूप में पद संभालने का था।[1][2]

उदगीर की लड़ाई
तिथि 3 जनवरी 1760
स्थान उदगीर, महाराष्ट्र, भारत
18°39′43.4″N 77°11′59.4″E / 18.662056°N 77.199833°E / 18.662056; 77.199833
परिणाम मराठा साम्राज्य विजय
योद्धा
मराठा साम्राज्य मुगल साम्राज्य
सेनानायक
सदाशिवराव भाऊ
रघुनाथराव
शमशेर बहादुर
यशवंतराव पवार
रयाजिराओ पवार
आसफ जाह II
इब्राहिम खान गर्दी

युद्ध के परिणामस्वरूप निज़ाम ने अहमदनगर, दौलताबाद, बुरहानपुर और बीजापुर के शहरों सहित 60 लाख मूल्य के क्षेत्र का आत्मसमर्पण कर दिया।[1]

युद्ध के बाद, [[पानीपत की तीसरी लड़ाई] में अहमद शाह दुर्रानी के नेतृत्व में अफगान सेना का मुकाबला करने के लिए मराठों ने उत्तर की ओर रुख किया।[2]

संदर्भ संपादित करें

  1. Sen, S. N. (2006). History Modern India. New Age International Private Limited. पृ॰ 13. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 81-224-1774-4.
  2. Jacques, Tony. Dictionary of Battles and Sieges. Greenwood Press. p. 236-237. ISBN 978-0-313-33536-5.