कभी खुशी कभी ग़म
कभी ख़ुशी कभी ग़म... 2001 की हिन्दी भाषा की पारिवारिक नाटक फ़िल्म है। यह करण जौहर द्वारा लिखित और निर्देशित है और इसका निर्माण यश जौहर ने किया। फ़िल्म में अमिताभ बच्चन, जया बच्चन, शाहरुख खान, काजोल, ऋतिक रोशन और करीना कपूर प्रमुख भूमिका निभाते हैं जबकि रानी मुखर्जी विस्तारित विशेष उपस्थिति में दिखीं हैं।
कभी ख़ुशी कभी ग़म | |
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कभी ख़ुशी कभी ग़म का पोस्टर | |
निर्देशक | करण जौहर |
लेखक | करण जौहर |
निर्माता | यश जौहर |
अभिनेता |
अमिताभ बच्चन जया बच्चन शाहरुख़ ख़ान काजोल देवगन ऋतिक रोशन करीना कपूर रानी मुखर्जी फ़रीदा जलाल आलोक नाथ |
छायाकार | किरण दिओहंस |
संपादक | संजय संक्ला |
संगीतकार |
जतिन-ललित संदेश शांडिल्य आदेश श्रीवास्तव |
वितरक | यश राज फ़िल्म्स |
प्रदर्शन तिथि |
14 दिसंबर 2001 |
लम्बाई |
210 मिनट |
देश | भारत |
भाषा | हिन्दी |
यह घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक प्रमुख व्यावसायिक सफलता के रूप में उभरी। भारत के बाहर, यह फ़िल्म सबसे ज्यादा कमाई करने वाली भारतीय फ़िल्म थी, जब तक कि करण की अगली फिल्म कभी अलविदा ना कहना (2006) द्वारा यह रिकॉर्ड तोड़ा नहीं गया था। इसने अगले वर्ष लोकप्रिय पुरस्कार समारोहों में कई पुरस्कार जीते, जिसमें पांच फ़िल्मफ़ेयर पुरस्कार भी शामिल थे।
संक्षेप
संपादित करेंयशवर्धन "यश" रायचंद (अमिताभ बच्चन) एक समृद्ध व्यापारिक टाइकून है, जो दिल्ली में अपनी पत्नी नंदिनी (जया बच्चन) और दो बेटे राहुल और रोहन के साथ रहता है। राहुल बड़ा पुत्र हैं और जन्म के समय यश और नंदिनी द्वारा उसे अपनाया गया था। यह रोहन को छोड़कर रायचंद के घर में हर किसी को पता है। रायचंद का घर परंपराओं का पालन करता है। बड़े होने पर राहुल (शाहरुख खान) जीवंत अंजलि शर्मा (काजोल) से मिलता हैं और अंततः वे प्यार में पड़ते हैं। लेकिन उनका प्यार को मना कर दिया जाता है, क्योंकि अंजलि कम आय वाली पृष्ठभूमि से होती है। यश और नंदिनी जल्द ही रोहन (कविश मजूमदार) को बोर्डिंग स्कूल भेजते हैं जो उनके परिवार के सभी पुरुषों ने किया है। यश ने राहुल से नैना (रानी मुखर्जी) से शादी करने की अपनी इच्छा की घोषणा की। लेकिन नैना जान जाती है कि राहुल अंजलि से प्यार करता है और उसे उसके पास जाने के लिए प्रोत्साहित करती है। जब यश को इसका पता चल जाता है तो वह गुस्से में होता है। राहुल अंजलि से शादी न करने का वादा करता है। अपने वादे को बताने के लिए वो जा रहा होता है तो पता लगाता है कि उसके पिता (आलोक नाथ) की मृत्यु हो गई है और अपने पिता के मना करने के बावजूद उससे शादी करने का फैसला करता है। यश शादी के बारे में जानते हैं और राहुल को त्याग देते हैं। नंदिनी सईदा (फरीदा ज़लाल) (राहुल और रोहन की दाई) को उनके साथ भेजती हैं, ताकि वह मां के प्यार से अलग न हों। राहुल बोर्डिंग स्कूल में रोहन का मिलता है और रोहन से पूछने के लिये मना करता है कि वो कहां गया या क्यों गया और नंदिनी का ख्याल रखने की कहता है।
दस साल बाद रोहन (ऋतिक रोशन) बोर्डिंग स्कूल से घर लौटता है और राहुल के गोद लेने के संबंध में अपनी दादी और नानी (अचला सचदेव और सुषमा सेठ) की बातचीत सुनता है। साथ ही वह जानता है कि राहुल ने घर क्यों छोड़ा। रोहन परिवार को दोबारा जोड़ने का वादा करता है। वह जान जाता है कि राहुल, अंजली और उसकी छोटी बहन पूजा (जिनके साथ उसने अपने बचपन के दौरान एक चंचल रिश्ता साझा किया) लंदन चले गए। वह अपने माता-पिता से कहता है कि वह लंदन में आगे के पढ़ाई जारी रखने की इच्छा रखता है। लंदन में, राहुल और अंजली के पास अब अपना बेटा, कृष्ण (जिब्रायन खान) है। पूजा (करीना कपूर), जो अब एक लोकप्रिय फैशन-जुनूनी युवती है, किंग्स कॉलेज लंदन में एक छात्र है, जहां रोहन नामांकन करता है। वह और पूजा दोबारा मिलते हैं और वह उसे बताता है कि वह अपने भाई और भाभी को वापस घर ले जाने के लिए लंदन आया है। पूजा राहुल को बताती है कि रोहन उसके दोस्त का भाई है, जिसके पास वर्तमान में रहने के लिए कोई जगह नहीं है। कृष्ण के स्कूल समारोह में भाग लेने से ठीक पहले, सईदा और अंजली उसकी वास्तविक पहचान जान जाते हैं, हालांकि वे चुप रहने का वादा करते हैं। कृष्ण के स्कूल समारोह में, कृष्ण जन गण मन गाते हुए अपनी कक्षा का नेतृत्व करता है और बाद में रोहन की द्वारा दी हुई सलाह बोलता है। राहुल ने दस साल पहले रोहन को यह सलाह दी थी। अब वह महसूस करता है कि रोहन उसका भाई है। इसके अलावा, रोहन और पूजा प्यार में पड़ते हैं।
रोहन ने राहुल से घर आने का आग्रह किया, लेकिन राहुल ने मना कर दिया। पूजा रोहन को अपने माता-पिता को लंदन में आमंत्रित करने के लिए आश्वस्त करती है। एक दूसरे को देखकर राहुल और नंदिनी बहुत खुश होते हैं, लेकिन राहुल अभी भी अपने पिता से बात करने से इनकार करता है। यश जल्द ही जान जाता है कि उसकी मां की मृत्यु हो गई थी और उसकी आखिरी इच्छा थी कि यश, राहुल और रोहन एक साथ उनकी चिता जलाए। इसलिए, पूरा परिवार अंतिम संस्कार में भाग लेता है। नंदिनी ने यश को कहती है कि उसे लगता है कि राहुल को अस्वीकार करके उसने गलत किया था। रोहन और पूजा राहुल को यश से बात करने के लिए मनाते हैं, जो माफी मांगते हैं और राहुल और अंजली को घर में जाने की इजाजत देते हैं। रोहन और पूजा विवाहित हैं और परिवार राहुल और अंजलि की शादी का जश्न मनाता है।
मुख्य कलाकार
संपादित करें- अमिताभ बच्चन - यशवर्धन "यश" रायचंद
- जया बच्चन - नन्दिनी रायचंद
- शाहरुख़ ख़ान - राहुल रायचंद
- काजोल देवगन - अंजलि शर्मा रायचंद
- ऋतिक रोशन - रोहन रायचंद
- करीना कपूर - पूजा "पू" शर्मा रायचंद
- रानी मुखर्जी - नैना (अतिथि भूमिका)
- फ़रीदा जलाल - सईदा (दाईजान) (डीजे)
- आलोक नाथ - बाऊजी शर्मा
- अचला सचदेव - दादी (यश की माताजी)
- सुषमा सेठ - नानी (नंदिनी की माताजी)
- जॉनी लीवर - हल्दीराम
- हिमानी शिवपुरी - हल्दीराम की पत्नी
- सिमोन सिंह - रुखसार
- अमर तलवार - नैना के पिता
- जुगल हंसराज - रोहन का दोस्त (विशेष भूमिका)
संगीत
संपादित करेंकभी खुसी कभी ग़म...: गीत सूची | |||||
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क्र॰ | शीर्षक | गीतकार | संगीतकार | गायक | अवधि |
1. | "कभी खुशी कभी ग़म" | समीर | जतिन ललित | लता मंगेश्कर | 7:55 |
2. | "बोले चूड़ियाँ" | समीर | जतिन ललित | कविता कृष्णमूर्ति, अलका याज्ञनिक, सोनू निगम, उदित नारायण, अमित कुमार | 6:50 |
3. | "यू आर माइ सोनिया" | समीर | संदेश शांडिल्य | अलका याज्ञनिक, सोनू निगम | 5:45 |
4. | "सूरज हुआ मद्धम" | अनिल पांडे | संदेश शांडिल्य | अलका याज्ञनिक, सोनू निगम | 7:08 |
5. | "से शावा शावा" | समीर | आदेश श्रीवास्तव | अलका याज्ञनिक, सुनिधी चौहान, उदित नारायण, सुदेश भोंसले, आदेश श्रीवास्तव, अमिताभ बच्चन | 6:50 |
6. | "ये लड़का हाय अल्ला" | समीर | जतिन ललित | अलका याज्ञनिक, उदित नारायण | 5:28 |
7. | "कभी खुशी कभी ग़म — उदासीन (भाग 1)" | समीर | जतिन ललित | सोनू निगम | 1:53 |
8. | "दीवाना है देखो" | समीर | संदेश शांडिल्य | अलका याज्ञनिक, सोनू निगम, करीना कपूर | 5:46 |
9. | "कभी खुशी कभी ग़म — उदासीन (भाग 2)" | समीर | जतिन ललित | लता मंगेश्कर | 1:53 |
10. | "Soul of K3G" | संदेश शांडिल्य | वाद्य संगीत | 2:18 | |
11. | "वंदे मातरम्" | बंकिमचन्द्र चट्टोपाध्याय | संदेश शांडिल्य | कविता कृष्णमूर्ति, उषा उथुप | 4:15 |
कुल अवधि: | 56:01 |
परिणाम
संपादित करेंबौक्स ऑफिस
संपादित करेंफिल्म ने पहले दिन सात करोड़ रूपये की और सप्ताहांत में 14 करोड़ की कमाई की। दोनों उस समय रिकॉर्ड। इसने कुल 135 करोड़ की कमाई की।[1] यह ग़दर: एक प्रेम कथा के बाद सन 2001 की सबसे ज्यादा कमाई करने वाली फिल्म बनी।
समीक्षाएँ
संपादित करेंनामांकन और पुरस्कार
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "ग़म और ख़ुशी के 15 साल, जानिए ये 15 दिलचस्प बातें". दैनिक जागरण. 14 दिसम्बर 2016. मूल से 30 मई 2018 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 29 मई 2018.