करवा चौथ
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करवा चौथ त्योहार, कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चन्द्रोदय व्यापिनी चतुर्थी (करक चतुर्थी[1]) को मनाया जाता है। इस पर्व पर विवाहित स्त्रियाँ पति की दीर्घायु, स्वास्थ्य एवं अपने सौभाग्य हेतु निराहार रहकर चन्द्रोदय की प्रतीक्षा करती हैं और उदय उपरांत चंद्रमा को अर्घ्य अर्पित कर भोजन करती हैं।
करवा चौथ | |
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करवा चौथ | |
आधिकारिक नाम | करवा चौथ |
अन्य नाम | अट्ल तद्दि (तेलुगू) |
अनुयायी | महिलाएं |
प्रकार | हिन्दू |
उद्देश्य | पति की दीर्घायु एवं सौभाग्य |
तिथि | कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी |
समान पर्व | सकट चौथ (संकष्टी चतुर्थी) , अहोई अष्टमी , झुझिया |
शास्त्रोक्त व्रत विधि
संपादित करेंपूजन
संपादित करेंकार्तिक कृष्ण पक्ष की चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी अर्थात उस चतुर्थी की रात्रि को जिसमें चंद्रमा दिखाई देने वाला है, उस दिन प्रातः स्नान उपरांत सुंदर वस्त्र धारण कर, हाथों में मेंहंदी लगा, अपने पति की लंबी आयु, आरोग्य व सौभाग्य के लिए स्त्रीयाँ चंद्रोदय तक निराहार रहकर[2] भगवान शिव-पार्वती, कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रदेव का पूजन करती हैं। पूजन करने के लिए बालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी बनाकर उपरोक्त सभी देवों को स्थापित किया जाता है।[3]
सामग्री
संपादित करेंपूजन सामग्री इस प्रकार है:
- शुद्ध घी में आटे को सेंककर उसमें शक्कर अथवा खांड मिलाकर मोदक (लड्डू) नैवेद्य बनाए जाते हैं।
- काली मिट्टी में शक्कर की चासनी मिलाकर उस मिट्टी से करवा बनाया जाता है।
विधि
संपादित करेंबालू अथवा सफेद मिट्टी की वेदी पर शिव-पार्वती, स्वामी कार्तिकेय, गणेश एवं चंद्रमा की स्थापना की जाती है। मूर्ति के अभाव में सुपारी पर नाड़ा बाँधकर देवता की भावना करके स्थापित किया जाता है। पश्चात यथाशक्ति देवों का पूजन किया जाता है।[4]
पूजन हेतु निम्न मंत्र बोले जाते है:
- ॐ शिवायै नमः
- ॐ नमः शिवाय
- ॐ षण्मुखाय नमः (स्वामी कार्तिकेय के लिए)
- ॐ गणेशाय नमः
- ॐ सोमाय नमः (चंद्रमा के लिए)
दक्षिणा
संपादित करेंकरवों में लड्डू का नैवेद्य रखकर एक लोटा व एक वस्त्र सहित दक्षिणा के रूप में पति की माता (यदि वे जीवित न हों तो उनके तुल्य किसी अन्य स्त्री) को अर्पित कर पूजन समापन किया जाता है।
अर्ध्य
संपादित करेंसायंकाल चंद्रमा के उदित हो जाने पर चंद्रमा का पूजन कर अर्घ्य प्रदान किया जाता है। इसके पश्चात ब्राह्मण, सुहागिन स्त्रियों व पति के माता-पिता को भोजन कराया जाता है। इसके पश्चात स्वयं व परिवार के अन्य सदस्य भोजन करते हैं।
इन्हें भी देखें
संपादित करेंबाहरी कड़ियाँ
संपादित करेंसन्दर्भ
संपादित करें- ↑ "Karwa Chauth 2024 :- "करवा चौथ 2024: विवाहित महिलाओं का प्रेम, परंपरा और समर्पण का विशेष उत्सव"." Suryodaya Samachar. 19 अक्तूबर 2024.
- ↑ "Karva Chauth". अमर उजाला. मूल से 8 अक्तूबर 2017 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 8 अक्तूबर 2017.
- ↑ "Karva Chauth 2020: यहां पढ़ें करवा चौथ व्रत की संपूर्ण पूजन विधि और पूजन का शुभ मुहूर्त". Hindustan (hindi में). अभिगमन तिथि 2020-11-03.सीएस1 रखरखाव: नामालूम भाषा (link)
- ↑ "Karwa Chauth 2020: जानें कब निकलेगा करवा चौथ का चांद, ये है पूजा का शुभ मुहूर्त". आज तक. अभिगमन तिथि 2020-11-03.