कान्यकुब्ज ब्राह्मण

ब्राह्मण समुदाय

कान्यकुब्ज ब्राह्मण एक ब्राह्मण समुदाय है जो उत्तर, मध्य भारत और पूर्व के कुछ हिस्सों में पाया जाता है, मुख्य रूप से मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, बिहार, नेपाल और उड़ीसा राज्यों के भीतर।कान्यकुब्ज शब्द का अर्थ है कन्नौज क्षेत्र के ब्राह्मण। कन्नौज का क्षेत्र प्राचीन काल में विदिशा की सीमा तक फैला हुआ था। अधिकांश कान्यकुब्ज अवध, कन्नौज क्षेत्र और बिहार के भोजपुरी क्षेत्र, मध्य प्रदेश, झारखंड और छत्तीसगढ़ और उड़ीसा के उत्कल क्षेत्र के में औपनिवेशिक शासन के दौरान प्रमुख जमींदार थे। यह बहुत ही शिक्षित व शांतिप्रिय समुदाय है। अन्य उप-समूह सरयूपारीन ब्राह्मण, जुझौतिया ब्राह्मण हैं। सभी ब्राह्मण समुदाय बिना किसी सरकारी सहायता के भी उच्च शिक्षित है। कान्यकुब्ज महती सभा द्वारा कान्यकुब्ज ब्राह्मणों के क्रमश: 19वें (प्रयाग में आयोजित) और 20वें (लखनऊ में आयोजित) राष्ट्रीय अधिवेशन में क्रमशः 1926 और 1927 में ब्राह्मण समुदाय के बीच एकता की अपील की।

कान्यकुब्ज कबीले को ब्रिटिश दस्तावेजों में मार्शल रेस कहा जाता है क्योंकि वे स्वतंत्रता संग्राम में प्रमुख संख्या में थे और साथ ही वे ब्रिटिश भारत की ब्राह्मण रेजिमेंट में भी भारी संख्या में थे । वैदिक शास्त्रों और वैदिक कार्यों में विश्वास करता है। कुछ कान्यकुब्ज लोग पंडित्य व कथावाचन कार्यों में भी लगे हुए हैं।

उनके बाकी सभी ब्राह्मण कुलों के साथ भी अच्छे संबंध हैं।


[1] कान्यकुब्ज ब्राह्मणों के आसप्द निम्न हैं: -

कन्नौजिया,मिश्र मिश्रा, बाजपेई, दुबे, द्विवेदी, त्रिवेदी, त्रिपाठी, तिवारी,शर्मा,पाठक, उप्रेती, अग्निहोत्री, पांडेय, चौबे, उपाध्याय, शुक्ला, अवस्थी, चतुर्वेदी ब्रह्म भट्ट , दीक्षित, बेनर्जी, चटर्जी, मुखर्जी, भट्टाचार्य, गांगुली, चक्रवर्ती, जोशी,आदि।


संदर्भ- दशविध ब्राह्मण संहिता ,वृहतकान्यकुब्जवंशावली।।

सन्दर्भ संपादित करें

  1. Upinder Singh (2008). A History of Ancient and Early Medieval India. Pearson Education India. पृ॰ 575. आई॰ऍस॰बी॰ऍन॰ 9788131711200. मूल से 30 मार्च 2019 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 18 जुलाई 2019.