कार्बन डाईऑक्साइड
कार्बन डाइयाक्साइड (अंग्रेज़ी: carbon dioxide; रासायनिक सूत्र CO2), एक रंगहीन तथा गन्धहीन गैस है जो पृथ्वी पर जीवन के लिये अत्यावश्यक है। धरती पर यह प्राकृतिक रूप से पायी जाती है। धरती के वायुमण्डल में यह गैस आयतन के हिसाब से लगभग 0.03 प्रतिशत होती है।
कार्बन डाइयॉक्साइड | |
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अन्य नाम | कार्बोनिक एसिड गैस कार्बोनिक एनहाइड्राइड कार्बोनिक ऑक्साइड कार्बन ऑक्साइड कार्बन(IV) ऑक्साइड शुष्क बर्फ (ठोस चरण) |
पहचान आइडेन्टिफायर्स | |
सी.ए.एस संख्या | [124-38-9][CAS] |
EC संख्या | |
UN संख्या | 1013 (gas), 1845 (solid) |
केईजीजी | D00004 |
MeSH | Carbon+dioxide |
रासा.ई.बी.आई | 16526 |
RTECS number | FF6400000 |
SMILES | |
InChI | |
1900390 | |
जी-मेलिन संदर्भ | 989 |
कैमस्पाइडर आई.डी | |
3DMet | {{{3DMet}}} |
गुण | |
रासायनिक सूत्र | CO2 |
मोलर द्रव्यमान | 44.01 g mol−1 |
दिखावट | रंगहीन गैस |
गंध | गंधहीन |
घनत्व | 1562 kg/m3 (solid at 1 atm and −78.5 °C) 1101 kg/m3 (liquid at saturation −37°C) 1.977 kg/m3 (gas at 1 atm and 0 °C) |
गलनांक |
-57 °C, 216.6 K, -70 °F |
जल में घुलनशीलता | 1.45 g/L at 25 °से. (77 °फ़ै), 100 kPa |
वाष्प दबाव | 5.73 MPa (20 °C) |
अम्लता (pKa) | 6.35, 10.33 |
रिफ्रेक्टिव इंडेक्स (nD) | 1.1120 |
श्यानता | 0.07 cP at −78.5 °C |
Dipole moment | 0 D |
ढांचा | |
Crystal structure | trigonal |
आण्विक आकार | linear |
मानक मोलीय एन्ट्रॉपी S |
214 J·mol−1·K−1 |
खतरा | |
NFPA 704 | |
यू.एस अनुज्ञेय अवस्थिति सीमा (पी.ई.एल) |
TWA 5000 ppm (9000 mg/m3)[1] |
Related compounds | |
Other आयन | कार्बन डाइसल्फाइड कार्बन डाइसेलेनाइड कार्बन डाइटेल्यूराइड |
Other cations | सिलिकॉन डाइऑक्साइड Germanium dioxide Tin dioxide Lead dioxide |
जहां दिया है वहां के अलावा, ये आंकड़े पदार्थ की मानक स्थिति (२५ °से, १०० कि.पा के अनुसार हैं। ज्ञानसन्दूक के संदर्भ |
कार्बन डाइआक्साइड का निर्माण आक्सीजन के दो परमाणु तथा कार्बन के एक परमाणु से मिलकर हुआ है। सामान्य तापमान तथा दबाव पर यह गैसीय अवस्था में रहती है। वायुमंडल में यह गैस 0.03% से 0.04% तक पाई जाती है, परन्तु मौसम में परिवर्तन के साथ वायु में इसकी सान्द्रता भी थोड़ी परिवर्तित होती रहती है। यह एक ग्रीनहाउस गैस है, क्योंकि सूर्य से आने वाली किरणों को तो यह पृथ्वी के धरातल पर पहुंचने देती है परन्तु पृथ्वी की गर्मी जब वापस अंतरिक्ष में जाना चाहती है तो यह उसे रोकती है।
पृथ्वी के सभी सजीव अपनी श्वसन की क्रिया में कार्बन डाइआक्साइड का त्याग करते है। जबकि हरे पेड़-पौधे प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते समय इस गैस को ग्रहण करके कार्बोहाइड्रेट का निर्माण करते हैं। इस प्रकार कार्बन डाइआक्साइड कार्बन चक्र का प्रमुख अवयव है।
सन्दर्भ
संपादित करें(CO2)