काली बाड़ी छिंदवाड़ा
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काली बाड़ी (बांग्ला : কালীবাড়ি = काली मंदिर), मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा शहर में स्थित देवी काली को समर्पित एक मंदिर है। इसकी स्थापना 1995 में हुई थी। मंदिर की वास्तुशैली कोलकाता के पास स्थित प्रसिद्ध दक्षिणेश्वर काली मंदिर के जैसी है। अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए समूचे मध्य भारत मे यह मंदिर प्रसिद्ध है। वर्त्तमान समय में, यह मंदिर मध्य भारत के प्रमुख पर्यटनस्थलों में से एक है, तथा देवी मां काली के श्रद्धालुओं हेतु एक पवित्र तीर्थस्थल के समान महत्व रखता है।
काली बाड़ी छिन्दवाड़ा | |
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काली बाड़ी छिन्दवाड़ा (म. प्र.) | |
चित्र:काली बाड़ी छिन्दवाड़ा.jpeg | |
धर्म संबंधी जानकारी | |
सम्बद्धता | हिन्दू धर्म |
देवता | महाकाली |
त्यौहार | काली पूजा, दिवाली, होली |
अवस्थिति जानकारी | |
अवस्थिति | छिंदवाड़ा |
ज़िला | छिंदवाड़ा ज़िला |
राज्य | मध्य प्रदेश |
देश | भारत |
भौगोलिक निर्देशांक | 22°04′N 78°56′E / 22.07°N 78.93°Eनिर्देशांक: 22°04′N 78°56′E / 22.07°N 78.93°E |
वास्तु विवरण | |
प्रकार | बंगाल की वास्तुकला |
निर्माण पूर्ण | 1995 |
आयाम विवरण | |
मंदिर संख्या | 1: मुख्य मंदिर & 2: शिव मंदिर |
अवस्थिति ऊँचाई | 675 मी॰ (2,215 फीट) |
भौगोलिक अवस्थिति
संपादित करेंभारतीय राज्य मध्यप्रदेश का घने जंगलों से घिरा शहर छिंदवाड़ा हैं, जो की सतपुड़ा की पहडियॉ पर औसत समुद्र तल से लगभग 675 मीटर (2,215 फीट) की ऊंचाई पर बसा हुआ है। काली बाड़ी, छिंदवाड़ा शहर की एक पहाड़ी, जिसे काली बाड़ी हिल्स के नाम से जाना जाता हैं, पर बना हुआ हैं। काली बाड़ी हिल्स से चित्रोमय छिंदवाड़ा शहर का बहुत ही सुंदर व मनोरम दृश्य देखने को मिलता हैं। सांय काल मे काली बाड़ी से सूर्यास्त का मनभावक दृश्य देखने , अनायास ही लोग काली बाड़ी की तरफ खिंचे चले आते हैं।
कैसे पहुंचे
संपादित करेंयह मंदिर छिंदवाड़ा शहर के मध्य में स्थित है। छिंदवाड़ा निकटवर्ती शहरों नागपुर, जबलपुर, भोपाल तथा शेष भारत से रेल व सड़क द्वारा बहुत अच्छी तरह से जुड़ा हुआ हैं। छिंदवाड़ा रेलवे स्टेशन और सिटी बस टर्मिनल, दोनों ही मंदिर से 2 किमी दूर हैं। निकटतम हवाई अड्डे छिंदवाड़ा (5 किमी) और नागपुर (120 किमी) में स्थित है।
सांस्कृतिक गतिविधियां
संपादित करेंकाली पूजा (दिवाली), दुर्गा पूजा, संक्रांति, नवरात्रि, बसंत पंचमी जैसे विभिन्न अवसरों पर, हजारों की संख्या में भक्त, पूजा के लिए मंदिर प्रांगण में एकत्रित होते हैं। पहेला वैशाख (बंगाली नव वर्ष), रवींद्र जयंती, श्री रामकृष्ण परमहंस, सारदा देवी तथा स्वामी विवेकानंद के जन्मोत्सव व पुण्यतिथि पर विभिन्न त्योहार यहां आयोजित किए जाते हैं। मंदिर के सामुदायिक हॉल में विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
काली बाड़ी स्थापना
संपादित करेंछिंदवाड़ा शहर में काली बड़ी निर्माण की मांग बहुत समय से चल रही थी। काली बाड़ी के निर्माण के लिए छिंदवाड़ा जिले के सभी धर्मों के लोगों द्वारा कई वर्षों की माँगों को देखते हुए, काली बाड़ी निर्माण समिति के नाम से एक समिति गठन की रुपरेखा प्रस्तवित की गई। बंगाली दुर्गा पूजा समिति छिंदवाड़ा, जो की जिले का सबसे पुराना बंगाली सांस्कृतिक संगठन हैं, के उत्साही सदस्यों का एक समूह आगे आया, और इस प्रकार काली बाड़ी निर्माण समिति का गठन हुआ।
जिस तरह हर बड़ी नदी की शुरुआत एक छोटी धारा स्त्रोत के साथ होती हैं, ठीक उसी प्रकार काली बाड़ी निर्माण समिति ने भी विनम्र शुभारम्भ किया। समिति का प्रारंभिक लक्ष्य मंदिर निर्माण हेतु स्थान का चयन व् आवश्यक धनराशि की उपलब्धता कराना था। समिति ने काली बड़ी हिल्स को सर्वोचित स्थान पाया। इस उपरांत मंदिर का ब्लूप्रिंट तैयार किया गया, काली बाड़ी का मॉडल बनाया गया और मंदिर निर्माण के लिए आवश्यक कार्यवाही की गई।
जिले के सभी निवासियों के भारी समर्थन और भागीदारी के साथ, अति सुंदर व् प्राचीन सफेद संगमरमर से मंदिर व् परिसर का निर्माण कार्य पूरा हुआ। तत्पश्चात सभी धार्मिक अनुष्ठानों के साथ नए मंदिर के गर्भगृह में मां काली की मूर्ति स्थापित की गईं। काली मंदिर के निर्माण के साथ साथ प्रांगण में भगवान शिव की मूर्ति की स्थापना भी एक नवनिर्मित शिव मंदिर में की गई।
समन्वय व् अनुशीलन समिति
संपादित करेंकाली बाड़ी छिंदवाड़ा को एक स्थानीय शासी समिति द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसे काली बाड़ी समन्वय व् अनुशीलन समिति के नाम से जाना जाता है। यह समिति धनराशि की व्यवस्था करने, विभिन्न कानूनी अनुमोदन लेने, जिला प्रशासन के साथ समन्वय करने, विभिन्न प्रकार की गतिविधियों का आयोजन करने, त्योहारों के दौरान भीड़ को नियंत्रित करने, दैनिक पूजा और आरती, पूजा के बाद भोग-प्रसाद का आयोजन करने, तिथियों के बारे में समुदाय को सूचित करने के लिए जिम्मेदार है।
इसके साथ ही समिति, काली बाड़ी के रखरखाव, नवीनीकरण, मंदिर परिसंपत्ति की सुरक्षा, कानून व् व्यवस्था का अनुपालन एवं अनुशासन बनाए रखने के उत्तरदायित्व का परिनिर्वाहण भी करती हैं
मिशन और विजन
संपादित करेंमिशन:
मुख्य मिशन सामंजस्यपूर्ण, सामाजिक, सांस्कृतिक, नैतिक मूल्यों और विश्वासों का प्रचार करना और राष्ट्र की महान आध्यात्मिक विरासत के साथ सार्वभौमिक भाईचारे की भावना को बढ़ावा देना है।
अन्य मिशन हैं:
1. सभी समुदायों के बीच विभिन्न सांस्कृतिक और धार्मिक सौहार्द का प्रसार करना।
2. विश्वबंधुत्व की भावना को अनुप्रेरित करना।
3. सामाजिक महत्व की गतिविधियों में भाग लेना।
विजन:
काली बाड़ी छिंदवाड़ा का प्राथमिक उद्देश्य प्रस्तावित धर्मशाला, विद्यालय, धर्मार्थ औषधालय और सभी के लिए सामुदायिक हॉल के निर्माण सम्बंधित सभी आवश्यकताओं की पूर्ति व् प्रबंधन करना है।
पर्यटन आकर्षण
संपादित करेंकाली बाड़ी सतपुड़ा की सुरम्य पहाड़ियों पर स्थित है। सतपुड़ा श्रेणी अपने वनांचल, विविध वनस्पतियों और जीवों के लिए विश्वविख्यात हैं। घने जंगल, हरे भरे खेत, नदियां और विभिन्न जंगली जंतु जानवर सतपुड़ा घाटी की पहचान है।
कान्हा, पेंच राष्ट्रीय उद्यान, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, पचमढ़ी बायोस्फीयर रिजर्व सहित कई राष्ट्रीय उद्यान मंदिर से कुछ ही घंटों की दूरी में स्थित हैं।
ऑरेंज सिटी नागपुर (120 किमी), मार्वल सिटी जबलपुर (205 किमी) और लेक सिटी भोपाल (325 किमी) निकटतम मेट्रो शहर हैं।
तामिया (60 किमी), पातालकोट (65 किमी) और पचमढ़ी (130 किमी) निकटतम हिल स्टेशन हैं।
सामाजिक सहभागिता
संपादित करेंमंदिर प्रांगण में स्वतंत्रता दिवस (भारत), गणतन्त्र दिवस (भारत) आदि राष्ट्रिय उत्सव जैसे कई त्योहार मनाये जाते हैं।
मंदिर प्रांगण में समय समय पर नि:शुल्क चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाता हैं। इसके साथ साथ बांग्ला पाठशाला भी चलाई जाती हैं।
नवरात्रि त्योहार के दौरान भक्त, मंदिर परिसर में ज्योति कलश की स्थापना कर देवी का आह्वान करते हैं।