कलिस्टो (उपग्रह)

(कैलीस्टो से अनुप्रेषित)

कलिस्टो हमारे सौर मण्डल के पाँचवे ग्रह बृहस्पति का दूसरा सब से बड़ा उपग्रह है और यह पूरे सौर मंडल का तीसरा सब से बड़ा चन्द्रमा है (बृहस्पति के ही गैनिमीड और शनि के टाइटन के बाद)। इसका व्यास (डायामीटर) लगभग 4,820 किमी है, जो बुध ग्रह का 99% है लेकिन बुध से काफ़ी घनत्व होने के कारण इसका द्रव्यमान बुध का केवल एक-तिहाई है।

कैलिस्टो
Callisto
गैलिलीयो यान द्वारा ली गयी कैलिस्टो के उस रुख़ की तस्वीर जो बृहस्पति से दूर है - उपग्रह भर में प्रहार क्रेटरों के अनगिनत निशान हैं
खोज
खोज कर्ता Galileo Galilei
खोज की तिथि January 7, 1610[1]
उपनाम
प्रावधानिक नामJupiter IV
विशेषण Callistoan, Callistonian
पेरिएप्सिस 1 869 000 km[a]
एपोऐप्सिस1 897 000 km[b]
अर्ध मुख्य अक्ष 1 882 700 km[2]
विकेन्द्रता 0.007 4[2]
परिक्रमण काल 16.689 018 4 d[2]
औसत परिक्रमण गति 8.204 km/s
झुकाव 0.192° (to local Laplace planes)[2]
स्वामी ग्रह Jupiter
भौतिक विशेषताएँ
माध्य त्रिज्या 2410.3 ± 1.5 km (0.378 Earths)[3]
तल-क्षेत्रफल 7.30 km2 (0.143 Earths)[c]
आयतन 5.9 km3 (0.0541 Earths)[d]
द्रव्यमान 1.075 938 ± 0.000 137 kg (0.018 Earths)[3]
माध्य घनत्व 1.834 4 ± 0.003 4 g/cm3[3]
विषुवतीय सतह गुरुत्वाकर्षण1.235 m/s2 (0.126 g)[e]
पलायन वेग2.440 km/s[f]
घूर्णन synchronous[3]
अक्षीय नमन zero[3]
अल्बेडो0.22 (geometric)[4]
सतह का तापमान
   K[4]
न्यूनमाध्यअधि
80 ± 5134 ± 11165 ± 5
सापेक्ष कांतिमान 5.65 (opposition)[5]
वायु-मंडल
सतह पर दाब 7.5 pbar[6]
संघटन ~4 cm−3 carbon dioxide[6]
up to 2 cm−3 molecular oxygen(O2)[7]

अन्य भाषाओँ में संपादित करें

कलिस्टो को अंग्रेज़ी में "Callisto" लिखा जाता है। कलिस्टो प्राचीन यूनानी धार्मिक कथाओं में एक तरह की अप्सरा ("निम्प्फ़") थी।

बनावट संपादित करें

 
एक-के-अन्दर-एक घेरे वाला वाला प्रहार क्रेटर बहुत विशाल है और करीब 3,800 किमी का व्यास रखता है

कलिस्टो लगभग बराबर मात्रा के पत्थर और पानी की बर्फ़ का बना हुआ है। मुमकिन है के इसके केंद्र में एक पत्थरीला गोला हो। यह भी संभव है के सतह से क़रीब 100 किमी की गहराई पर एक पानी का महासागर हो।[8] कलिस्टो की सतह गाढ़े रंग की है और उसपर बहुत से प्रहार क्रेटर नज़र आते हैं। वैज्ञानिक अनुमान लगते हैं के यह सतह अरबों वर्षों पहले बनी थी और तब से बरक़रार है। कलिस्टो पर एक "वलहाला" नाम का विशाल प्रहार क्रेटर मशहूर है जिका व्यास (डायामीटर) लगभग 3,800 किमी है।

विकिरण संपादित करें

वैसे तो बृहस्पति से बहुत ही भयंकर विकिरण (रेडियेशन) पैदा होती है, जिस से उसके आसपास कभी भी मनुष्यों का रह पाना मुश्किल लगता है (क्योंकि इस स्तर की विकिरण जानलेवा हो सकती है)। लेकिन बृहस्पति के इर्द-गिर्द परिक्रमा करते कलिस्टो की कक्षा कुछ ऐसी है के कलिस्टो पर विकिरण कम है। इसलिए वैज्ञानिक मानते हैं के भविष्य में यदि मानव बाहरी सौर मंडल में फैलेंगे तो कलिस्टो उनके लिए एक महत्वपूर्ण अड्डा हो सकता है।[9][10]

वायुमंडल संपादित करें

कलिस्टो का एक बहुत ही पतला वायुमंडल है जिसमें अधिकतर कार्बन डाईऑक्साइड और बहुत कम मात्रा में आणविक आक्सीजन (O2) मौजूद है।

औपनिवेशिकरण संपादित करें

 
कलिस्टो पर एक काल्पनिक मानवीय अड्डा

इन्हें भी देखें संपादित करें

सन्दर्भ संपादित करें

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  2. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; orbit नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  3. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Anderson 2001 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  4. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Moore2004 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  5. "Classic Satellites of the Solar System". Observatorio ARVAL. मूल से 25 अगस्त 2011 को पुरालेखित. अभिगमन तिथि 2007-07-13.
  6. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Carlson 1999 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  7. सन्दर्भ त्रुटि: <ref> का गलत प्रयोग; Liang 2005 नाम के संदर्भ में जानकारी नहीं है।
  8. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर
  9. Trautman, Pat; Bethke, Kristen (2003). "Revolutionary Concepts for Human Outer Planet Exploration (HOPE)" (pdf). NASA. मूल से 2 जुलाई 2012 को पुरालेखित (PDF). अभिगमन तिथि 12 जून 2011.
  10. (वीर गडरिया) पाल बघेल धनगर

बाहरी कड़ियाँ संपादित करें


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